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Ashok Chandna Exclusive: सीएम ने मेरी शिकायतों का समाधान कर दिया...अब सब 'ऑल इज वेल' -चांदना

राजस्थान की राजनीति में अपने इस्तीफे की पेशकश वाले ट्वीट के जरिए उबाल लाने वाले मंत्री अशोक चांदना को अब कोई शिकायत नहीं है. शुक्रवार को सीएम अशोक गहलोत से हुई मुलाकात के बाद अब चांदना कह रहे हैं कि अब सब 'ऑल इज वेल' है. इस बीच ईटीवी भारत ने मंत्री अशोक चांदना से खास बातचीत की. इस दौरान चांदना ने क्या कुछ कहा...पेश है ये रिपोर्ट...

sports minister Ashok chandna exclusive interview
अशोक चांदना से खास बातचीत
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Published : May 28, 2022, 8:15 PM IST

Updated : May 28, 2022, 10:58 PM IST

जयपुर. राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना ने ट्वीट करते हुए मंत्री पद को 'जलालत' भरा बताते हुए सीएम अशोक गहलोत से अपने आप को मंत्री पद से मुक्त करने की बात कहकर सियासी भूचाल ला दिया था. उन्होंने ट्वीट में मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी कुलदीप रांका पर भी निशाना साधते हुए उनके विभागों का चार्ज भी देने की बात कह दी. चांदने के इस कदम के बाद मचे सियासी हलचल के बीच सीएम अशोक गहलोत से हुई एक मुलाकात के बाद अब चांदना के सुर बदल गए हैं.

अब वे कह रहे हैं कि मेरी शिकायतों का समाधान मुख्यमंत्री ने कर दिया है, अब सब 'ऑल इज वेल' है. मंत्री चांदना ने कहा कि उनकी जो भी शिकायतें थी, उसे मुख्यमंत्री के समक्ष रख दिया है. जिनका समाधान मुख्यमंत्री ने करना शुरू कर दिया है. ऐसे में अब नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है. राजनीतिक उठापटक के बीच ईटीवी भारत के साथ मंत्री चांदना ने खास बातचीत करते हुए हर मुद्दे पर क्या कुछ कहा आप भी पढ़िये.

अशोक चांदना से खास बातचीत

पढ़ें. सीएम गहलोत से मिले चांदना...बोले- कुछ बातें पर्दे में ही रहें तो अच्छा

जनप्रतिनिधियों का नौकरशाही से विवाद पहले भी रहा और आगे भी रहेगा
खेल मंत्री अशोक चांदना ने अपनी नाराजगी को लेकर कहा कि बाकी विधायक जो बात उठा रहे हैं, उसकी जानकारी मेरे पास नहीं है. लेकिन मेरी कुछ समस्या थी और उसी के कारण मुझे यह कदम उठाना पड़ा. चांदना ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि हमारे पास मुख्यमंत्री के तौर पर ऐसे अभिभावक हैं जो हर चीज का हल और न्याय करना चाहते हैं . चांदना ने बताया कि उनकी कल (शुक्रवार) मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई. उन्होंने हर बात को गौर से सुना और मेरी भावना और पीड़ा को समझ लिया. चांदना ने कहा कि मुख्यमंत्री जब एक्शन लेते हैं तो किसी को पता नहीं लगता और चीजें ठीक हो जाती हैं. पहले भी ऐसा हो चुका है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि नौकरशाही के साथ पहले किसी को कोई समस्या नहीं हुई हो. यह ऐसी प्रक्रिया है जो पहले भी थी और आगे भी चलती रहेगी. उन्होंने कहा कि अधिकारियों और मंत्रियो, नेताओं के अंदर विवाद हमेशा चलता रहेगा, लेकिन समय-समय पर समाधान होता रहना जरूरी है और वह होगा भी.

पढ़ें. CM Gehlot: 2 इस्तीफों की पेशकश के बीच गहलोत का जवाब ए अंदाज कर रहा हैरान...चांदना को बताया दबाव में तो घोघरा को कहा भावुक साथी

जनता हमें जनहित के लिए वोट देती हैः अशोक चांदना ने कहा कि हमें जनहित के कामों के लिए जनता वोट देकर भेजती है. मुख्यमंत्री ने शानदार बजट भी पेश किया है अब तो सबको टॉप स्पीड पर लग जाना चाहिए. जिससे लोगों के पास फायदे समय पर पहुंच जाएं. लेकिन जब उस व्यवस्था में कहीं भी हमें व्यवधान नजर आता है, तो पीड़ा होती है और उसी पीड़ा का गुब्बार नाराजगी के जरिए ट्वीट के रूप में निकला. अब उसका समाधान मुख्यमंत्री कर देंगे.

पढ़ें. Chandna met Gehlot: मुख्यमंत्री से मिले चांदना, बोले- सीएम राजस्थान कांग्रेस के अभिभावक...जो भी निर्णय लेंगे सिर आंखों पर

राज्यसभा चुनाव पर नहीं इसका कोई असरः अशोक चांदना ने ट्वीट की टाइमिंग को लेकर जवाब देते हुए कहा कि राज्यसभा चुनाव में तो विधायक वोट देते हैं. वोट पार्टी कैंडिडेट को मिलेगा, मेरे स्टेटमेंट से विधायकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि यह विधायकों का वोट है, किसी आम व्यक्ति का नहीं. सबको पता है कि पार्टी गाइडलाइन को राज्यसभा चुनाव में फॉलो करना है, मेरी नाराजगी का राज्यसभा के चुनाव से कोई लेना-देना नहीं था.

पढ़ें. Chandna Offers Resignation : नौकरशाही से नाराज चांदना ने की इस्तीफे की पेशकश, ट्वीट कर बोले- मुख्यमंत्री जी जलालत भरे पद से मुक्त करें

पावर शेयरिंग की बातें अफवाहः अशोक चांदना के नाराज होने की एक वजह पावर शेयरिंग को भी माना जा रहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों के बाद उनके अधिकारों में कमी आई है. इसी की नाराजगी चांदना ने दिखाई. लेकिन चांदना ने इसे केवल कुछ लोगों का बनाया हुआ माहौल बताते हुए कहा कि हर पद पर काम निर्धारित होता है. कोई भी व्यक्ति दूसरे का काम नहीं कर सकता. चेयरमैन के जिस पद की बात की जा रही है, वह तो पहले भी मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं थी. ऑथोरिटी पहले भी अपने अनुसार ही काम करती थी. वह मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं थी. ऐसे में चेयरमैन नियुक्त होने पर पावर शेयरिंग जैसा कोई विवाद नहीं है.

दबाव से आदमी सावधान रहकर बेहतर काम करता हैः खेल मंत्री अशोक चांदना के नाराजगी भरे ट्वीट के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था की 30 लाख बच्चों का जो खेल आयोजन अशोक चांदना को करना है, हो सकता है उसका दबाव हो. जिसके चलते उन्होंने ऐसी बात कही. इसका जवाब देते हुए मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि जब मुख्यमंत्री ने यह बात कही उस समय तक मेरी मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हुई थी. मैं यह भी कहना चाहता हूं कि दबाव में रहना चाहिए, दबाव में आदमी सावधान रहता है और अच्छा काम करता है. ऐसे में दबाव में रहना कोई बुराई नहीं है.

जयपुर. राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना ने ट्वीट करते हुए मंत्री पद को 'जलालत' भरा बताते हुए सीएम अशोक गहलोत से अपने आप को मंत्री पद से मुक्त करने की बात कहकर सियासी भूचाल ला दिया था. उन्होंने ट्वीट में मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी कुलदीप रांका पर भी निशाना साधते हुए उनके विभागों का चार्ज भी देने की बात कह दी. चांदने के इस कदम के बाद मचे सियासी हलचल के बीच सीएम अशोक गहलोत से हुई एक मुलाकात के बाद अब चांदना के सुर बदल गए हैं.

अब वे कह रहे हैं कि मेरी शिकायतों का समाधान मुख्यमंत्री ने कर दिया है, अब सब 'ऑल इज वेल' है. मंत्री चांदना ने कहा कि उनकी जो भी शिकायतें थी, उसे मुख्यमंत्री के समक्ष रख दिया है. जिनका समाधान मुख्यमंत्री ने करना शुरू कर दिया है. ऐसे में अब नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है. राजनीतिक उठापटक के बीच ईटीवी भारत के साथ मंत्री चांदना ने खास बातचीत करते हुए हर मुद्दे पर क्या कुछ कहा आप भी पढ़िये.

अशोक चांदना से खास बातचीत

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जनप्रतिनिधियों का नौकरशाही से विवाद पहले भी रहा और आगे भी रहेगा
खेल मंत्री अशोक चांदना ने अपनी नाराजगी को लेकर कहा कि बाकी विधायक जो बात उठा रहे हैं, उसकी जानकारी मेरे पास नहीं है. लेकिन मेरी कुछ समस्या थी और उसी के कारण मुझे यह कदम उठाना पड़ा. चांदना ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि हमारे पास मुख्यमंत्री के तौर पर ऐसे अभिभावक हैं जो हर चीज का हल और न्याय करना चाहते हैं . चांदना ने बताया कि उनकी कल (शुक्रवार) मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई. उन्होंने हर बात को गौर से सुना और मेरी भावना और पीड़ा को समझ लिया. चांदना ने कहा कि मुख्यमंत्री जब एक्शन लेते हैं तो किसी को पता नहीं लगता और चीजें ठीक हो जाती हैं. पहले भी ऐसा हो चुका है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि नौकरशाही के साथ पहले किसी को कोई समस्या नहीं हुई हो. यह ऐसी प्रक्रिया है जो पहले भी थी और आगे भी चलती रहेगी. उन्होंने कहा कि अधिकारियों और मंत्रियो, नेताओं के अंदर विवाद हमेशा चलता रहेगा, लेकिन समय-समय पर समाधान होता रहना जरूरी है और वह होगा भी.

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जनता हमें जनहित के लिए वोट देती हैः अशोक चांदना ने कहा कि हमें जनहित के कामों के लिए जनता वोट देकर भेजती है. मुख्यमंत्री ने शानदार बजट भी पेश किया है अब तो सबको टॉप स्पीड पर लग जाना चाहिए. जिससे लोगों के पास फायदे समय पर पहुंच जाएं. लेकिन जब उस व्यवस्था में कहीं भी हमें व्यवधान नजर आता है, तो पीड़ा होती है और उसी पीड़ा का गुब्बार नाराजगी के जरिए ट्वीट के रूप में निकला. अब उसका समाधान मुख्यमंत्री कर देंगे.

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राज्यसभा चुनाव पर नहीं इसका कोई असरः अशोक चांदना ने ट्वीट की टाइमिंग को लेकर जवाब देते हुए कहा कि राज्यसभा चुनाव में तो विधायक वोट देते हैं. वोट पार्टी कैंडिडेट को मिलेगा, मेरे स्टेटमेंट से विधायकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि यह विधायकों का वोट है, किसी आम व्यक्ति का नहीं. सबको पता है कि पार्टी गाइडलाइन को राज्यसभा चुनाव में फॉलो करना है, मेरी नाराजगी का राज्यसभा के चुनाव से कोई लेना-देना नहीं था.

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पावर शेयरिंग की बातें अफवाहः अशोक चांदना के नाराज होने की एक वजह पावर शेयरिंग को भी माना जा रहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों के बाद उनके अधिकारों में कमी आई है. इसी की नाराजगी चांदना ने दिखाई. लेकिन चांदना ने इसे केवल कुछ लोगों का बनाया हुआ माहौल बताते हुए कहा कि हर पद पर काम निर्धारित होता है. कोई भी व्यक्ति दूसरे का काम नहीं कर सकता. चेयरमैन के जिस पद की बात की जा रही है, वह तो पहले भी मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं थी. ऑथोरिटी पहले भी अपने अनुसार ही काम करती थी. वह मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं थी. ऐसे में चेयरमैन नियुक्त होने पर पावर शेयरिंग जैसा कोई विवाद नहीं है.

दबाव से आदमी सावधान रहकर बेहतर काम करता हैः खेल मंत्री अशोक चांदना के नाराजगी भरे ट्वीट के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था की 30 लाख बच्चों का जो खेल आयोजन अशोक चांदना को करना है, हो सकता है उसका दबाव हो. जिसके चलते उन्होंने ऐसी बात कही. इसका जवाब देते हुए मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि जब मुख्यमंत्री ने यह बात कही उस समय तक मेरी मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हुई थी. मैं यह भी कहना चाहता हूं कि दबाव में रहना चाहिए, दबाव में आदमी सावधान रहता है और अच्छा काम करता है. ऐसे में दबाव में रहना कोई बुराई नहीं है.

Last Updated : May 28, 2022, 10:58 PM IST
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