कोटपूटली (जयपुर). कोटपूतली-नीमकाथाना स्टटे हाईवे पर सरुंड में एक छोटा सा टोल टैक्स नाका है. जिसका अवैध वसूली का वीडियो सामने आया है. वीडियो के अनुसार टोल नाके पर नियमानुसार टोल की पर्ची तो काटी जाती है, लेकिन टोल से 20 मीटर आगे एक टोलकर्मी ओवरलोडिंग वसूली के नाम पर 200 रूपए की अवैध वसूली भी काट रहा है.
रोजाना 10 लाख की अवैध वसूली!
दरअसल, टोल नाके पर ट्रक वालों से इतनी चांदी कूटी जा रही है कि अकेले सरुंड टोल पर रोजाना 10 लाख रुपये तक की अवैध वसूली का अंदाजा लगाया जाता है. ये टोल से गुजरने वाले ट्रक वालों ने ये आंकड़ा बताया है. जिसकी तस्दीक ट्रक के अंदर से सामने आई वीडियो कर रही है.
![Toll tax corruption, video of illegal recovery, sarund toll tax](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-jpr-01-ktptollcorruptionpkg_04012020152734_0401f_1578131854_392.jpg)
ट्रक ड्राइवर को थमा देते है 200 रुपए की पर्ची
इस पूरे अवैध वसूली के कांड पर नजर डाले तो, सरुंड में ये छोटा सा टोल टैक्स नाका कोटपूतली-नीमकाथाना स्टेट हाईवे पर है. यहां मल्टीएक्सेल ट्रक की वन साइड फीस है 430 रुपये और 24 घंटे की फीस है 645 रुपये. इस टोल नाके पर वैध रसीद कटा कर जैसे ही ट्रक वाले आगे बढ़ते हैं. उन्हें एक आदमी 20 मीटर आगे ही रोक लेता है. ये 200 रुपये की मांग करता है और फिर पर्ची पकड़ा देता है. अवैध टैक्स की जो पर्ची ये लोग दे रहे हैं. उस पर धर्म कांटे की पर्ची लिखा हुआ है.
RTI से निकाले दस्तावेजों में कांटे के नाम पर वसूली से इनकार
ईटीवी भारत ने तहकीकात की तो पता चला कि किसी समय सरकार ने ओवरलोड रोकने के लिए टोल नाकों पर कांटे लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन सरुंड टोल नाके पर सिर्फ दिखावे का कांटा है. उस पर कभी किसी गाड़ी को नहीं तौला जाता. उधर, RTI से निकाले दस्तावेजों में भी कांटे के नाम पर वसूली से इनकार किया गया है.
![Toll tax corruption, video of illegal recovery, sarund toll tax](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-jpr-01-ktptollcorruptionpkg_04012020152734_0401f_1578131854_778.jpg)
कैमरे के सामने आने से बच रहे जिम्मेदार
बता दें कि सरुंड टोल का ये ठेका जयपुर की गैलेक्सी माइनिंग एंड रॉयल्टीज नाम की फर्म के पास है. हमने इस अवैध वसूली पर खुद ठेकेदार कुलदीप भाटी से कैमरे पर अपना पक्ष रखने की बात की, लेकिन वे टालमटोल करते रहे. कोटपूतली-नीमकाथाना सड़क मार्ग के टोल से गुजरने वाले लोग आरोप लगाते हैं कि पुलिस भी इस अवैध वसूली में लिप्त है. सच्चाई जानने जब हम टोल नाके से सिर्फ 100-150 मीटर दूर स्थित थाने में पहुंचे तो SHO सुभाष यादव कैमरे पर आने से बचते रहे. 3 दिन तक कोशिश करते रहे कि वे अपना पक्ष रखें लेकिन वे बहानेबाजी करते रहे. साफ है कि सरुण्ड टोल नाके पर गड़बड़ तो भारी भरकम हो रही है. हर ट्रक से 200 रुपये की इस अवैध वसूली के तार कहां तक जुड़े हुए हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि RSRDC के परियोजना अधिकारी तक कैमरे पर आने से बचने की कोशिश में लगे रहे. जिसकी कॉल रिकॉर्डिंग आप भी खबर में दी गई वीडियो में सुन सकते है.
![Toll tax corruption, video of illegal recovery, sarund toll tax](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-jpr-01-ktptollcorruptionpkg_04012020152734_0401f_1578131854_353.jpg)
मुद्दा विधानसभा में उठाने की बात
3-4 दिन तक तमाम पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई भी कैमरे पर बोलने को तैयार नहीं हुआ. मामला छोटा नहीं है. लिहाजा विपक्ष ने भी इसे विधानसभा के अगले सत्र में उठाने की बात कही है.
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पुलिस-प्रशासन ने आंखों पर पट्टी !
कुलमिलाकर ठेकेदार की अवैध वसूली को ट्रांसपोर्टर्स और कांटे वाले का समझौता बता देते हैं. कांटे वाला सरकार का मामला बताता है, सरकार के परियोजना अधिकारी कहते हैं कि पुलिस इस ममाले को देखेंगी. पुलिस कहती है प्रशासनिक मामला है. प्रशासन कहता है कि टोल और ट्रक वालों के बीच की बात है. ऐसे साफ होता है कि पुलिस प्रशासन ने आंखों पर पट्टी बंधी हुई है और कोई लूट रहा है तो लुटने दो.