जयपुर. सिख समाज की ओर से सोमवार को बैसाखी पर्व मनाया जाएगा. कोरोना संक्रमण के चलते लगाए गए लॉकडाउन के कारण जयपुर के गुरुद्वारों में विशेष कीर्तन दीवान नहीं सजाए जाएंगे. विभिन्न गुरुद्वारों में वहीं के रागी जत्थे सहज पाठ कर, एक शब्द गाकर भले की अरदास करेंगे.
राजस्थान से समाज के अध्यक्ष अजय पाल सिंह सभी समाज बंधुओं से आग्रह करते हुए कहा कि बैसाखी पर्व के मौके पर सभी अपने-अपने घरों में रहकर कोरोना वायरस से मुक्त होने की कामना के साथ भले की अरदास करें.
वहीं सभी को अपने घरों में रहकर सिख पंथ के ऐतिहासिक स्थलों से लाइव टेलीकास्ट के जरिए प्रसारित होने वाले गुरबाणी शबद कीर्तन, कथा, इतिहास को घर पर रहकर ही सुनने को कहा गया है. साथ ही सभी समाज बंधु सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए गुरुद्वारों में लंगर तैयार कर जरूरतमंदों को वितरित भी करेंगे.
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अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष सरदार जसवीर सिंह ने बताया कि सिख धर्म के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह ने 1699 इसमें आनंदपुर साहिब पंजाब में पंच प्यारों को बैसाखी वाले दिन अमृतपान करवाकर खालसा पंथ के सृजना की. जिसका मुख्य ध्येय अपने सिख को एक पहचान देना था, जो समानता और मजलूमों की रक्षा और सेवा के लिए जाना जाए.