जयपुर. धरियावद और वल्लभनगर विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा की तय हार के बाद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि इस उपचुनाव में राष्ट्रीय मुद्दे नहीं, बल्कि स्थानीय मुद्दे हावी रहे. उन्होंने कहा कि इसी के आधार पर दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में मतों का विभाजन हुआ जिसका फायदा कांग्रेस को मिला.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि उपचुनाव के परिणाम भाजपा की उम्मीद के विपरीत आए हैं. लेकिन इन परिणामों को लेकर भाजपा बहुत ज्यादा आशान्वित नहीं थी. पूनिया ने कहा जब हम सत्ता में रहे तब भी इस प्रकार की हार हमारी होती रही है, लेकिन उसे हमने सहजता से लिया है और हमें बहुत सीखने और समझने का अवसर भी मिला है. पूनिया ने कहा कि निश्चित रूप से कांग्रेस उपचुनाव के परिणाम से खुश तो होगी, लेकिन उनकी खुशी 2023 तक कायम रहे यह जरूरी नहीं.
वल्लभनगर में वैचारिक वोट डिवाइड हुआ
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से जब वल्लभनगर उपचुनाव में भाजपा की हार का कारण आरएलपी प्रत्याशी और भाजपा बागी उदय लाल डांगी के होने से जुड़ा सवाल पूछा गया तो पूनिया ने कहा कि वल्लभनगर में 9 बार के चुनाव में बीजेपी केवल एक ही बार जीती है. वहां की राजनीतिक परिस्थितियां कभी भी बीजेपी के साथ में नहीं रही. पूनिया ने इस बात को भी स्वीकार किया कि यहां बीजेपी के ही समर्थक और वैचारिक वोट डिवाइड हुआ जिसका नुकसान भाजपा को सबसे ज्यादा उठाना पड़ा.
गहलोत नहीं कर पाएंगे भविष्यवाणी, चांदना को लेना पड़ेगा सन्यास
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री जिस प्रकार उपचुनाव में जीत की भविष्यवाणी की, वे साल 2023 के बाद ऐसी भविष्यवाणी नहीं कर पाएंगे. वहीं उपचुनाव को लेकर खेल मंत्री अशोक चांदना की ओर से पूर्व में कांग्रेस की जीत का दावा और हार होने पर राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा पर भी पूनिया ने कटाक्ष किया. सतीश पूनिया ने कहा कि अशोक चांदना को साल 2023 के बाद सन्यास लेना पड़ सकता है.
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हार को बनाएंगे हथियार
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने शिव मंगल सिंह सुमन की कविता 'क्या हार में, क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं' का जिक्र करते हुए कहा कि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी इन पंक्तियों को अक्सर दोहराया करते थे, भाजपा इसी जज्बे के साथ आगे कदम बढ़ाती है. भाजपा परिणाम की परवाह किए बगैर काम करती है. पिछले चुनाव की हार हमारे लिए एक अच्छा हथियार साबित होगा. क्योंकि कमियों को दूर कर आगे की जीत की राह सुनिश्चित उसी से होगी.
पेट्रोल-डीजल और महंगाई का मुद्दा नहीं रहा हावी
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान जब पूनिया जब से पूछा गया कि इस उपचुनाव में बढ़ती महंगाई, पेट्रोल-डीजल की कीमतों का मुद्दा हावी रहा, जिसके चलते भाजपा को हार मिली. तो पूनिया ने कहा कि इस उपचुनाव में केवल और केवल स्थानीय मुद्दे हावी रहे और राष्ट्रीय स्तर के मुद्दे इस उपचुनाव को प्रभावित नहीं कर पाए. पूनिया ने कहा कि जो लोग पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर मोदी सरकार पर आरोप लगाते हैं, वो यह न भूलें कि पेट्रोल-डीजल के दाम अंतरराष्ट्रीय मानकों और क्रूड ऑयल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों के आधार पर तय होता है.