नई दिल्ली/जयपुर. एक जुलाई को डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है. वर्तमान समय में इस दिवस की सार्थकता इसलिए भी बढ़ गई है, क्योंकि कोरोना से लड़ाई में देश की जीत का दारोमदार पूरी तरह से डॉक्टर्स के ऊपर है. इस मौके पर ईटीवी भारत ने दिल्ली के सबसे बड़े कोरोना अस्पताल लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार से बातचीत की.
खास है ये डॉक्टर्स-डे
डॉ. सुरेश कुमार खुद भी एक कोरोना सर्वाइवर हैं. अस्पताल में ड्यूटी के दौरान वे संक्रमित हुए थे, लेकिन फिर रिकवर हो गए. डॉक्टर्स-डे को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि यूं तो हर 1 जुलाई को हम नेशनल डॉक्टर्स-डे मनाते हैं, लेकिन इस साल का डॉक्टर्स डे इसलिए विशेष तौर पर महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसी महामारी आज तक हमने नहीं देखी थी.
बधाई के पात्र हैं सभी डॉक्टर
उन्होंने कहा कि आज जिस तरह मेडिकल कम्युनिटी से जुड़े लोग संघर्ष और मेहनत कर रहे हैं, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि सभी डॉक्टर्स बधाई के पात्र हैं, जो ज्यादा से ज्यादा मरीजों की जान बचाने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं. खुद के संक्रमित होने का अनुभव साझा करते हुए डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि हॉस्पिटल के जेनरल और आईसीयू वार्ड के राउंड के दौरान मुझे इंफेक्शन हुआ.
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डॉ. असीम गुप्ता को किया याद
उन्होंने बताया कि हल्के लक्षण के बाद टेस्ट कराया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. उसके बाद इसी अस्पताल में इलाज शुरू हुआ और फिर रिकवर हो गया. अपने साथी डॉक्टर डॉ. असीम गुप्ता को याद करते हुए डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि उन्होंने पूरी जी-जान से मरीजों की सेवा की, लेकिन खुद संक्रमित हुए तो बच नहीं सके, लेकिन उन्होंने पूरी ताकत से इसका सामना किया.
'आपकी जीत सुनिश्चित है'
डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि कोरोना मानसिक तौर पर भी डॉक्टर्स को प्रभावित कर रहा है और इसके लिए समय-समय पर हम उन्हें मोटिवेशनल क्लासेज देते हैं, योग कराते हैं और हर करीब 15 दिन की ड्यूटी के बाद उन्हें कहते हैं कि छुट्टी ले लीजिए. डॉक्टर्स के लिए अपना संदेश देते हुए डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि आपने बहुत मेहनत की, अब अंधेरा छंट चुका है, उजाला होने वाला है और आपकी जीत सुनिश्चित है.