जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने कहा कि मैंने सहज रूप से अपना ट्वीट किया था. जो मैं हमेशा करता रहता हूं. सोशल मीडिया के जरिए मैंने कभी भी किसी को सीधे तौर पर हिट नहीं किया. न ही कभी किसी के लिए व्यक्तिगत दिखा. उस दिन जो ट्वीट किया था, उसे पंजाब की घटना से जोड़कर पेश किया गया, जबकि उसका वो संदर्भ बिल्कुल नहीं था.
शर्मा ने कहा कि उस ट्वीट को पंजाब की घटना से जान-बूझकर कनेक्ट कर दिया गया, उसे इस तरह से प्रचारित किया गया कि पंजाब के मुख्यमंत्री के इस्तीफे को लेकर मैंने आलाकमान की मंशा को चुनौती दी. मेरी यह मंशा नहीं थी. ट्वीट को गलत तरीके से पेश कर उस घटना से जोड़ा गया. इससे मैं बहुत आहत हुआ और इसी को लेकर मैंने अपना इस्तीफा सौंपा है.
मेरे ट्वीट को लेकर इस तरह का माहौल बनाया गया, उसे मुख्यमंत्री से जोड़कर पेश किया गया. मैं कभी नहीं चाहूंगा कि मेरे किसी कार्य से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत असहेज हों. इसलिए मैंने आगे बढ़कर अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को प्रेषित कर दिया. लोकेश शर्मा ने कहा कि मैंने अपनी एक चिट्ठी के जरिए उनको अपनी भावना से अवगत करा दिया. मैंने कहा कि पिछले 10 वर्षों से मैं सोशल मीडिया पर एक्टिव हूं और मैं अपनी बात हमेशा सोशल मीडिया के जरिए रखता रहा हूं. जब से मुझे ओएसडी बनाया गया, मैंने हमेशा सोशल मीडिया पर अपनी भाषा और शब्दों का संतुलित रूप से प्रयोग किया है.
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शर्मा ने कहा कि मैंने कभी ऐसे शब्दों का प्रयोग सोशल मीडिया पर नहीं किया जिसका कोई गलत अर्थ निकाले. मैंने हमेशा संयमित भाषा का इस्तेमाल किया है. अपनी व्यंग्यात्मक शायरी को लेकर शर्मा ने कहा कि देखिए कुछ शायराना अंदाज हो, शेर हो, कविता हो, कोई भी बात हो उसे रखने के कई तरीके और कई संदर्भ होते हैं. आप भलीभांति जानते हैं कि हिंदी भाषा में मुहावरों का प्रयोग होता है, जब मुहावरा लिखते हैं तो यह सोचकर नहीं लिखते हैं कि उसका सामने वाला क्या अर्थ निकालेगा.
यह तो सामने वाले की बुद्धि और विवेक पर निर्भर करता है कि वह उस समय उसका क्या अर्थ निकालेगा. अगर कन्ट्रोवर्सी फैलाने से पहले कोई मुझसे पूछता की यह आपने किस लिए लिखा गया है, तो मैं उसको स्पष्ट करता. सोशल मीडिया और मीडिया के जरिए कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ कंट्रोवर्सी की है. अर्थ का अनर्थ करके पेश किया है. मुझसे बिना पूछे मेरे ट्वीट को गलत अर्थ निकालते हुए उसको यह प्रजेंट किया कि कि मैंने सीधे तौर पर आलाकमान की चुनौती दी है, यह मेरी मंशा नहीं थी.
विपक्ष के आरोपों पर लोकेश शर्मा ने कहा कि विपक्ष का तो काम है बेमतलब की चीजों को मुद्दा बनाना. विपक्ष इस ट्वीट के जरिये मुख्यमंत्री को टारगेट करने की कोशिश कर रही है. वे इसे इस तरह पेश करना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री आलाकमान को चुनौती दे रहे हैं. जबकि मेरा ऐसा कोई भी आशय नहीं था.
लोकेश ने कहा कि मेरा ट्वीट दोपहर 1:30 बजे का था, जबकि पंजाब की घटना शाम 5:30 बजे हुई. ऐसे में ट्वीट को पंजाब के मसले से जोड़ने बेमानी है. मुझसे बिना पूछे लोगों ने उसे पंजाब की घटना से कनेक्ट कर दिया. उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और कहा कि आप मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लीजिये. लोकेश ने कहा कि मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं, प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करने की कोशिश हमेशा होती रही है. विपक्ष लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की छवि को धूमिल करने का प्रयास करता रहा है.
मैंने हमेशा शालीनता के साथ उन तथ्यों को सही रूप से पेश किया है. हमने मर्यादित भाषा का हमेशा जवाब दिया है. उन्हें हमेशा सत्यता से अवगत कराने की कोशिश की है. एक पार्टी के सदस्य के तौर पर वह काम मैं करता रहूंगा. हमेशा से सही काम करता रहा हूं और हमेशा सही काम करता रहूंगा. मेरे इस ट्वीट को गलत रुप से पेश किया गया और छवि धूमिल करने की कोशिश की गई.
ट्विटर अकाउंट मेरा पर्सनल है और मुझे भी अपनी बात रखने की आजादी है. मैंने किसी को टारगेट करके किसी का नाम लिखकर इसमें कुछ नहीं लिखा. इसके जरिये मुख्यमंत्री को घेरने की कोशिश की गई है, यह नकारात्मक राजनीति है. नकारात्मक राजनीति नहीं करनी चाहिए. लोकेश शर्मा ने कहा कि मैं प्रदेश सरकार के कामों को जन जन तक पहुंचाने का काम करूंगा. मेरा टारगेट यही है कि 2023 में कांग्रेस दोबारा सरकार बनाए.