जयपुर. राजस्थान के प्रत्येक पुलिस थाने में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान सीज किए गए वाहनों को बड़ी तादाद में रखा गया (Seized vehicles in Rajasthan police stations) है. जिसके चलते कई थानों में पुलिसकर्मी अपने वाहन तक खड़ा नहीं कर पाते हैं. थानों में सीज कर रखे गए वाहनों के निस्तारण के लिए पुलिस मुख्यालय ने 1 फरवरी से लेकर 31 मार्च तक एक विशेष अभियान चला रखा है.
अभियान के तहत बड़ी संख्या में सीज किए गए वाहनों का निस्तारण किया जा रहा है और पुलिस थानों में जगह बनाई जा रही है. इसके साथ ही पूरे प्रदेश में दुपहिया और चौपहिया वाहनों के सत्यापन को लेकर भी अभियान चलाया गया है, जिसके तहत 2 लाख से अधिक वाहनों का सत्यापन किया गया है.
3.57 लाख से अधिक वाहन थानों में पड़े सीज: एडीजी क्राइम डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि पूरे प्रदेश में विभिन्न थानों में 1 फरवरी तक 3 लाख 57 हजार से अधिक दुपहिया व चार पहिया वाहन सीज पड़े हुए थे. जिन के निस्तारण को लेकर विशेष अभियान चलाया गया है, जिसके तहत 6 मार्च तक 31630 वाहनों का निस्तारण किया जा चुका है. वाहनों के निस्तारण की प्रक्रिया 31 मार्च तक चलेगी.
पढ़ें: अलवर : लॉकडाउन में जब्त दर्जनों वाहनों को लेने नहीं पहुंचे बेफिक्र मालिक
इसके साथ ही पूरे प्रदेश में सरप्राइज नाकाबंदी को लेकर भी विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत 1 फरवरी से लेकर 6 मार्च तक 2 लाख 73 हजार से अधिक वाहनों को चेक किया गया है. इस दौरान 60 हजार से अधिक वाहन चालकों के खिलाफ चालान की कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही 6000 से अधिक वाहनों को कार्रवाई करते हुए सीज किया गया है. इसके साथ ही 118 ऐसे वाहन भी सीज किए गए हैं जिनका प्रयोग गंभीर अपराधियों द्वारा किया जा रहा था.
पढ़ें: बहरोड़ में ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई, बिना परमिट सवारियां ढोते वाहनों को किया जब्त
2 लाख से अधिक वाहनों का किया गया हाउस टू हाउस सत्यापन: मेहरड़ा ने बताया कि 1 फरवरी से प्रदेश के सभी जिलों में हाउस टू हाउस व्हीकल वेरिफिकेशन को लेकर भी एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत 6 मार्च तक 1 लाख से अधिक बाइक, 33 हजार कार, 6 हजार से अधिक जीप, 7 हजार से अधिक मालवाहक वाहन, 11 हजार से अधिक ट्रैक्टर और 12 हजार से अधिक अन्य किस्म के वाहनों का सत्यापन किया गया. इसके साथ ही वाहन चालकों के पास दस्तावेज नहीं मिलने पर 264 वाहनों को सीज किया गया.