जयपुर. राजस्थान विधानसभा में वित्त एवं विनियोग संख्या-2 पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रदेश के मौजूदा बजट की कामयाबी गिनाई तो सुधार के लिए कई अहम सुझाव भी दिए. कटारिया ने साफ तौर पर कहा कि मौजूदा बजट में घाटा 5 लाख करोड़ से अधिक का होगा, वहीं राजकोषीय घाटे का प्रतिशत भी 5 फीसदी से अधिक तक बढ़ जाएगा.
कटारिया ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार ने बजट के जो आंकड़े रखे हैं, वही सरकार के कामकाज को बयां कर रहे हैं. कटारिया ने साल 2019-20 में अलग-अलग विभागों के बजट प्रावधान और खर्च की गई राशि का ब्यौरा भी इस दौरान रखा. कटारिया ने कहा कि साल 2019 में कृषि में 341 करोड़ रुपए का प्रावधान था, जिसमें से खर्च 206 करोड़ रुपए ही हो पाए. इसी तरह ग्राम विकास कार्यों में 467 करोड़ में से 375 करोड़ ही खर्च हुए. इसी तरह विशेष क्षेत्र विकास कार्यों के लिए 207 करोड़ का प्रावधान था, लेकिन खर्च 103 करोड़ ही हो पाए.
वहीं, ऊर्जा के मद पर 2767 करोड़ रुपए का प्रावधान था, लेकिन खर्च 2362 करोड़ ही कर पाए. सिंचाई में 2855 करोड़ का प्रावधान था, लेकिन खर्च 2200 ही हो पाए. उद्योग में 135 करोड़ का प्रावधान था, लेकिन खर्च महज 28 करोड़ ही हो पाए. परिवहन विभाग में 3458 करोड़ का प्रावधान था, लेकिन खर्च 3200 करोड़ ही हो पाए. नेता प्रतिपक्ष के अनुसार पिछले 2 वर्षों में जो भी प्रावधान किए गए सरकार उसे ही पूरा नहीं कर पाई, ऐसे में नया बजट धरातल पर कैसे उतर पाएगा यह बड़ा सवाल है.
अंतिम 3 महीने में खर्च हुआ बजट का 33 फीसदी हिस्साः कटारिया
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पिछली बार 213491 करोड़ के बजट में से 33 फीसदी खर्च तो अंतिम 3 महीने में ही हो पाया है, उसमें भी अकेले मार्च माह में 46563 करोड़ खर्च हुए. यह भी केवल किताबों में एसेसमेंट है, मतलब इन्हें भी एडजस्टमेंट करने के लिहाज से दर्शाया गया है, वास्तविकता में यह खर्च नहीं हुए.
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खर्च नहीं किए तो पीडी खातों में जमा किए
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि प्रदेश में जिस राशि से विकास के कार्य होने थे वह अधिकतर सरकार पीडी खाते में भेज देती है. कटारिया के अनुसार 31 मार्च तक सरकार ने 1845 पीडी खातों में 16200 करोड़ रुपए जमा करा दिए. कटारिया ने कहा कि पीडी खातों में 5 साल तक ही यह पैसा रखा जा सकता है, लेकिन जो विकास का पैसा प्रदेश की जनता के लिए खर्च होना था वह पीडी खातों में क्यों जा रहा है यह बड़ा सवाल है. गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मैं केवल आलोचना करने के लिए आलोचना नहीं कर रहा, बल्कि हम जनता का ही पैसा यहां बजट के रूप में पास करते हैं और जनता पर ही खर्च करने की हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि हम उस पैसे के केवल कस्टोडियन हैं, लेकिन हम बजट का ही पूरा पैसा खर्च नहीं कर पा रहे जो चिंतनीय है.
काटिरया ने दिए सुझाव
गुलाबचंद कटारिया ने अपने संबोधन में केवल बजट और प्रदेश सरकार की खामियां ही नहीं गिनाई, बल्कि प्रदेश के विकास में सुधार के लिए कुछ अहम सुझाव भी दिए. कटारिया ने कहा कि हम देवस्थान विभाग को ऐसा ही समझते हैं, जबकि जितना रिच देवस्थान विभाग है उतना कोई और नहीं. कटारिया के अनुसार आज भी देवस्थान विभाग की हजारों संपत्ति पूरे प्रदेश में फैली हुई है, जिस पर अतिक्रमण हो रहा है. सरकार इन संपत्तियों के विवाद को खत्म कर अपने अधीन ले तो उसका उपयोग प्रदेश के विकास में हो सकता है, उससे सरकार को राजस्व भी मिल सकता है.
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वहीं, प्रदेश में अवैध रूप से जो खनन हो रहा है उस पर भी कटारिया ने चिंता जाहिर की और यह भी कहा कि अवैध खनन पकड़े जाने पर भी उसकी ढंग से नीलामी करें तो उसका भी राजस्व सरकार के खजाने में ही आएगा. सरकारी वसूली में जिन बड़े-बड़े बकायादारों से वसूली करनी है, उनके लिए भी सरकार अधिकारी नियुक्त कर इस काम में जुट जाए तो सरकार का खजाना भर सकता है. नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि प्रदेश में नगर निकाय, नगर निगम, जेडीए की ऐसी कई जमीने हैं जहां पर अवैध अतिक्रमण और कब्जा हो रहा है. अगर इनको सही तरीके से हटाकर अरबों खरबों की संपत्ति का सही उपयोग करें तो सरकार का खजाना भर सकता है.