जयपुर. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी का कहना है कि लोगों को गांधी दर्शन को एक व्यक्ति के रूप में पूर्ण रूप से आत्मसात करना चाहिए और इसकी प्रायोगिक रूप से क्रियान्विती करनी चाहिए. अहिंसावादी तरीके से बड़े से बड़े लक्ष्य को भी हासिल (CP Joshi opinion about Mahatma Gandhi Philosophy) किया जा सकता है.
वे बुधवार को शांति एवं अहिंसा निदेशालय तथा महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गर्वनेंस एंड सोशल साइंसेज के संयुक्त तत्वाधान में सेंट्रल पार्क में आयोजित गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर (Gandhi Darshan Training camp) को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.
डॉ. जोशी ने कहा कि महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता के लक्ष्य को अहिंसा से प्राप्त किया था. जबकि एक दूसरे वर्ग ने इसे हिंसा से प्राप्त करने की कोशिश की थी. ये दर्शाता है कि अहिंसावादी तरीके से बड़े से बड़े लक्ष्य को भी प्राप्त किया जा सकता है और उस देश (ब्रिटेन) को हराया जा सकता है. जिसके बारे में कहा जाता था कि ब्रिटिश साम्राज्य का सूरज कभी नहीं डूबता. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने अपने कार्यों से समाज को हमेशा संदेश देने का प्रयास किया. वे अपने दौरों में वाल्मीकि समाज के लोगों के घर रूकते थे. जिससे वर्ण व्यवस्था में नियत किए गए वंचित वर्ग को मुख्य धारा से जोड़ने का संदेश जाए.
डॉ. जोशी ने कहा कि ऐसा ही प्रयास राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी किया है. मुख्यमंत्री ने सरकारी योजनाओं में गरीब एवं वंचित वर्ग को प्राथमिकता देते हुए उनके लिए पर्याप्त बजट दिया है. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि गांधी दर्शन वैश्विक स्तर पर विचारधारा बना है. लेकिन हम इससे दूर होेते जा रहे हैं. इस तरह के प्रशिक्षण शिविरों से गांधी दर्शन को प्रसारित करने में मदद मदद मिलती है.
यादव ने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि अहिंसावादी तरीके से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. प्रशिक्षण शिविर को गांधीवादी विचारक एवं मुख्य वक्ता अमरभाई, महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गर्वनेंस एंड सोशल साइंसेज के निदेशक प्रो. बीएम शर्मा और शांति एवं अहिंसा निदेशालय के निदेशक मनीष शर्मा ने भी संबोधित किया.