जयपुर. सदन में विधायकों और मंत्रियों के आचरण को लेकर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी अपने तख्त तेवर दिखा रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने गुरुवार को सभी मंत्रियों को शून्यकाल तक सदन में मौजूद रहने के दो टूक निर्देश दिए. विधानसभा अध्यक्ष ने शून्यकाल तक सभी मंत्रियों को सदन में रहने के निर्देश देते हुए यहां तक कह दिया कि मैं मंत्रियों के चैंबरों पर ताला लगवा दूंगा, सभी यहां बैठें.
दरअसल, लगातार ये शिकायत स्पीकर को मिल रही थी कि विधानसभा में प्रश्नकाल खत्म होते ही ज्यादातर मंत्री सदन से गायब हो जाते थे. वहीं, शून्यकाल के दौरान विधायक स्थगन प्रस्ताव, पर्ची और नियम 295 के तहत स्थानीय समस्याओं से जुड़े मुद्दे उठाते हैं. विधायकों के स्थानीय समस्याओं पर मुद्दे उठाने के दौरान मंत्री जवाब देना तो दूर सदन में ही मौजूद नहीं रहते. मंत्रियों के शून्यकाल से गायब रहने पर बुधवार को ही नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष ने आपत्ति जताते हुए अध्यक्ष से व्यवस्था देने को कहा था.
सोमवार से शुरू हुए बजट सत्र के दूसरे चरण में अभी तक चार दिन की कार्यवाही हुई है और रोजाना अध्यक्ष को सख्त होना पड़ा है. सोमवार को निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के सदन के वेल में आने पर स्पीकर ने चेताया तो दूसरे दिन छपाक फिल्म पर सवाल से उछले विवाद के बाद बीजेपी ने प्रश्नकाल का बहिष्कार किया. लेकिन स्पीकर ने पूरा प्रश्नकाल बिना विपक्ष के चलाया.
वहीं, बुधवार को भी सरकार के मंत्री की बात पर अध्यक्ष ने कहा कि आसन पर बैठने के बाद से वे खुद को प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं. अध्यक्ष के तख्त रवैये से लगातार यह स्थापित होता जा रहा है कि सीपी जोशी पूरे नियम और कायदों से सदन को चलाएंगे और बजट सत्र के दूसरे चरण में वे इसे स्थापित भी करते दिख रहे हैं.