जयपुर. विकास प्राधिकरण सीमा क्षेत्र में अवैध इमारत की सील खुलवाना अब आसान नहीं होगा. नए बिल्डिंग बायलॉज के हिसाब से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार किया गया है. जिसके तहत अवैध निर्माण हटाने के लिए निर्माणकर्ता को शपथ पत्र देना होगा.
इसमें समय सीमा का भी जिक्र करना होगा. इस दौरान जेडीए की ओर से 24 घंटे इमारत पर गार्ड भी तैनात किया जाएगा. जिसका भुगतान भी निर्माणकर्ता को ही करना होगा.
सीलशुदा भवनों का सीलमुक्त करने के संबंध में एसओपी
- सीलशुदा भवन का भूखंड यदि जेडीए अनुमोदित नहीं है तो अवैध निर्माण कर्ता भूखंड को जेडीए से नियमानुसार अनुमोदित कराएगा
- सीलशुदा भवन यदि एक से अधिक भूखंडों को जेडीए से बिना एकीकरण करा कर अवैध निर्माण कराने पर सर्वप्रथम भूखंडों को एकीकरण कराना अनिवार्य होगा
- इसके बाद प्रचलित भवन विनियम 2021 के अनुसार भवन मानचित्र उपायुक्त जोन से अनुमोदन की कार्रवाई निर्धारित फीस, पेनल्टी इत्यादि जमा करना आवश्यक होगा
- भवन मानचित्र अनुमोदन की कार्रवाई के समय अवैध निर्माण की स्थिति चिन्हित करते हुए रिपोर्ट भवन निर्माण कर्ता को भी उपलब्ध करवाई जाएगी
- अवैध निर्माण को हटाने के लिए पेश शपथ पत्र में समय सीमा का निर्धारण किया जाए, इसके बाद भवन को इन शब्दों के साथ सील मुक्त किया जाएगा
संबंधित भवन पर तीन शिफ्ट में गार्ड लगाएं
- गार्डों का वेतन संबंधित भवन निर्माण कर्ता से पहले प्राप्त किया जाए
- अवैध निर्माण नहीं हटाने तक भवन में आगे नवीन निर्माण नहीं होना सुनिश्चित करें
- अवैध निर्माण पूर्ण रूप से हटा दिया गया है, इसका परीक्षण संबंधित प्रवर्तन अधिकारी, एटीपी, जेईएन कर रिपोर्ट पेश करें
- समय सीमा में अवैध निर्माण नहीं हटाने पर भवन को दोबारा सील किया जाए
- अवैध निर्माण पूर्ण रूप से हटाने की रिपोर्ट के बाद ही अनुमोदित मानचित्र औपचारिक रूप से जारी किए जाएं
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बता दें कि अवैध निर्माण नहीं हटने तक प्रवर्तन अधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वो नया निर्माण रोके और संबंधित इमारत में किसी को भी नहीं रहने दे. यदि तय समय में अवैध निर्माण हटा दिया जाता है, तो प्रवर्तन अधिकारी, जेईएन या फिर एटीपी जोन उपायुक्त को रिपोर्ट सौंपेंगे.