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Solar energy plant in Bikaner: बीकानेर के पुंगल में लगेगा सौर विद्युत उत्पादन प्लांट, मिलेगी 810 मेगावाट सौर बिजली...

साल 2020-21 के बजट में घोषित सौर ऊर्जा प्लांट अब जैलसमेर की जगह बीकानेर के पुंगल में लगाया (Solar energy plant in Bikaner) जाएगा. 810 मेगावाट के इस प्लांट के लिए करीब 4850 हेक्येटर भूमि चिन्हित कर ली गई है. बताया जा रहा है इस प्लांट के निर्माण में 18 महीने का समय चाहिए.

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Published : Jul 22, 2022, 6:50 PM IST

Solar energy plant in Bikaner for cheap electricity production
बीकानेर के पुंगल में लगेगा सौर विद्युत उत्पादन प्लांट, मिलेगी 810 मेगावाट सौर बिजली...

जयपुर. राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम अब कोयले के अलावा सौर ऊर्जा से भी बिजली बनाएगा. साल 2020-21 के बजट में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की घोषणा की गई थी, लेकिन इस दिशा में काम अब शुरू हो पाएगा. अब 810 मेगावाट का यह प्लांट जैसलमेर के बजाय बीकानेर के पुंगल में लगाया (Solar energy plant in Bikaner) जाएगा.

इसके लिए उत्पादन निगम ने करीब 4850 हेक्टेयर जमीन भी चिन्हित कर ली है. यदि सब कुछ सही रहा, तो अगले कुछ ही दिनों में चिन्हित की गई जमीन की लीज ट्रांसफर राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के नाम हो जाएगी. चूंकि 2 साल पहले ही इसकी घोषणा बजट में कर दी गई थी. इसलिए इसमें बजटीय प्रावधान भी है. ऐसे में लीज ट्रांसफर होते ही उत्पादन निगम की ओर से इस प्लांट को बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा.

पढ़ें: अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 3 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू : देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में बढ़ रहा राजस्थान - मुख्यमंत्री गहलोत

पहले जैसलमेर में लगाई जानी थी सौर ऊर्जा उत्पादन इकाई: प्रदेश सरकार के बजट में पहले यह सौर ऊर्जा उत्पादन इकाई जैसलमेर में लगाना तय किया गया था. बकायदा इसके लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई थी, लेकिन यह जमीन गोडावण संरक्षित क्षेत्र में आने के कारण यह प्रोजेक्ट अटक गया. इसके बाद उत्पादन निगम ने इस ओर ध्यान भी कम ही दिया. लेकिन अब जब प्रदेश में कोयले का संकट विकराल रूप लेते जा रहा है. तब सरकार और उत्पादन निगम बिजली उत्पादन की अन्य संभावनाओं की तलाश में जुटे हैं और उसके तहत अब इस सौर ऊर्जा उत्पादन इकाई के लिए बीकानेर में जगह चिन्हित की गई है.

पढ़ें: Power Crisis in Rajasthan : सौर ऊर्जा में राजस्थान सिरमौर फिर भी बिजली संकट, जानिये क्यों?

थर्मल की तुलना में सौर ऊर्जा पड़ती है सस्ती: कोयला आधारित बिजली उत्पादन इकाइयों में बिजली उत्पादन की लागत काफी ज्यादा रहती है. इसकी तुलना में सौर ऊर्जा उत्पादन इकाई से बनने वाली बिजली बेहद सस्ती होती (Cost of solar energy) है. यदि बीकानेर में जमीन की लीज ट्रांसफर का काम जल्द हो गया और उत्पादन निगम ने प्लांट निर्माण की दिशा में काम शुरू कर दिया तो अगले विधानसभा चुनावों से पहले इसकी सौगात प्रदेशवासियों को मिल सकती है. हालांकि यह तभी संभव होगा जब इस दिशा में तेजी से काम होगा. बताया जा रहा है इस प्लांट के निर्माण में 18 महीने का समय चाहिए.

जयपुर. राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम अब कोयले के अलावा सौर ऊर्जा से भी बिजली बनाएगा. साल 2020-21 के बजट में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने की घोषणा की गई थी, लेकिन इस दिशा में काम अब शुरू हो पाएगा. अब 810 मेगावाट का यह प्लांट जैसलमेर के बजाय बीकानेर के पुंगल में लगाया (Solar energy plant in Bikaner) जाएगा.

इसके लिए उत्पादन निगम ने करीब 4850 हेक्टेयर जमीन भी चिन्हित कर ली है. यदि सब कुछ सही रहा, तो अगले कुछ ही दिनों में चिन्हित की गई जमीन की लीज ट्रांसफर राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के नाम हो जाएगी. चूंकि 2 साल पहले ही इसकी घोषणा बजट में कर दी गई थी. इसलिए इसमें बजटीय प्रावधान भी है. ऐसे में लीज ट्रांसफर होते ही उत्पादन निगम की ओर से इस प्लांट को बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा.

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पहले जैसलमेर में लगाई जानी थी सौर ऊर्जा उत्पादन इकाई: प्रदेश सरकार के बजट में पहले यह सौर ऊर्जा उत्पादन इकाई जैसलमेर में लगाना तय किया गया था. बकायदा इसके लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई थी, लेकिन यह जमीन गोडावण संरक्षित क्षेत्र में आने के कारण यह प्रोजेक्ट अटक गया. इसके बाद उत्पादन निगम ने इस ओर ध्यान भी कम ही दिया. लेकिन अब जब प्रदेश में कोयले का संकट विकराल रूप लेते जा रहा है. तब सरकार और उत्पादन निगम बिजली उत्पादन की अन्य संभावनाओं की तलाश में जुटे हैं और उसके तहत अब इस सौर ऊर्जा उत्पादन इकाई के लिए बीकानेर में जगह चिन्हित की गई है.

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थर्मल की तुलना में सौर ऊर्जा पड़ती है सस्ती: कोयला आधारित बिजली उत्पादन इकाइयों में बिजली उत्पादन की लागत काफी ज्यादा रहती है. इसकी तुलना में सौर ऊर्जा उत्पादन इकाई से बनने वाली बिजली बेहद सस्ती होती (Cost of solar energy) है. यदि बीकानेर में जमीन की लीज ट्रांसफर का काम जल्द हो गया और उत्पादन निगम ने प्लांट निर्माण की दिशा में काम शुरू कर दिया तो अगले विधानसभा चुनावों से पहले इसकी सौगात प्रदेशवासियों को मिल सकती है. हालांकि यह तभी संभव होगा जब इस दिशा में तेजी से काम होगा. बताया जा रहा है इस प्लांट के निर्माण में 18 महीने का समय चाहिए.

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