जयपुर. रीट भर्ती-2021 लेवल 2 पेपर लीक मामले में एसओजी ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन डीपी जारोली (sog clean chit to board chairman DP Jaroli) को क्लीन चिट दे दी है. एसओजी की ओर से हाईकोर्ट को इस संबंध में जानकारी दी गई. वहीं अदालत ने मामले में अंतिम बहस 25 जुलाई को रखते हुए सरकार को कहा है कि वह जिन याचिकाओं में जवाब पेश करना चाहे, उनमें जवाब पेश कर सकती है.
जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनूप ढंड की खंडपीठ ने यह आदेश मधु नागर और एबीवीपी सहित अन्य की याचिकाओं पर दिए. वहीं अदालत ने एसओजी के अफसरों को व्यक्तिगत उपस्थिति से भी छूट दे दी है. सुनवाई के दौरान एसओजी की ओर से बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट पेश की गई. इसे अदालत ने रिकॉर्ड पर ले लिया है. वहीं एसओजी की ओर से कहा गया कि मामले में डीपी जारोली की भूमिका नहीं मिली है.
इसके अलावा अब तक 71 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 65 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र भी पेश हो चुका है. महाधिवक्ता ने कहा कि रीट लेवल दो को रद्द किया जा चुका है और लेवल एक में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 25 जुलाई को तय की है.
यह है पूरा मामला: बीते 26 सितंबर 2021 को राजस्थान में रीट भर्ती परीक्षा 2021 का आयोजन किया गया था. परीक्षा से ठीक 2 दिन पहले जयपुर के शिक्षा संकुल में प्रश्न पत्रों की सुरक्षा में तैनात राम कृपाल मीणा ने स्ट्रांग रूम से पेपर को लीक कर के उसकी 1.25 करोड़ रुपये में डील की. कृपाल मीणा ने डील कर प्रश्न पत्रों को उदाराम विश्नोई को बेच दिया. जिसके बाद उदाराम ने यह पेपर आगे भजनलाल विश्नोई सहित गैंग के अन्य सदस्यों को बेच दिया. जिसके बाद से यह प्रश्न पत्र प्रदेश के अलग-अलग जिलों में परीक्षा से पूर्व ही अभ्यर्थियों तक पहुंच गए.
इस प्रकरण का खुलासा होने के बाद इसकी जांच राजस्थान एसओजी को सौंपी गई. इस पूरे प्रकरण को लेकर ईडी ने भी जांच करना शुरू किया है, हालांकि अब तक ईडी की ओर से प्रकरण में किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
सरकार ने किया था जारोली को बर्खास्तः एसओजी की ओर से जब रीट पेपर लीक प्रकरण की जांच शुरू की गई तो परत दर परत खुलासे हुए. ऐसे में इसकी गाज अजमेर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष डीपी जारोली पर गिरी. जनवरी माह में सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया. हालांकि अपने बचाव में जारोली ने कहा था कि शिक्षा संकुल में पेपर की सुरक्षा में जो प्राइवेट व्यक्ति तैनात किए गए, उन्हें वह नहीं जानते और उसकी पूरी जिम्मेदारी जिला कोऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर की है.
अब तक की जांच में जारोली की कोई भूमिका भी उजागर नहीं हुई. वहीं प्रकरण में भूमिका उजागर होने पर जिला कोऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर को पूर्व में ही एसओजी गिरफ्तार कर चुकी है. वहीं रीट पेपर लीक प्रकरण में राजस्थान एसओजी अब तक 71 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.