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सामाजिक संगठनों का मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र : बाड़मेर RTI एक्टिविस्ट पर जानलेवा हमला अस्वीकार्य, तत्काल गिरफ्तारी की मांग - open letter to CM Gehlot

बाड़मेर RTI एक्टिविस्ट पर जानलेवा हमला मामले ने तूल पकड़ लिया है. अब सामाजिक संगठनों ने सीएम के नाम खुला पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की (open letter to CM Gehlot) है.

attack on Barmer RTI activist, Rajasthan news
बाड़मेर RTI एक्टिविस्ट पर जानलेवा हमला
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Published : Dec 23, 2021, 8:39 PM IST

जयपुर . बाड़मेर आरटीआई कार्यकर्ता पर जानलेवा हमले के बाद अब सामाजिक संगठनों ने प्रदेश की गहलोत सरकार के खिलाफ कानून व्यवस्था को लेकर मोर्चा खोल दिया है. सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र जारी किया (letter to CM on attack on Barmer RTI activist) है. जिसमें उन्होंने आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करने के साथ जांच पुलिस अधीक्षक से कराने की मांग की है.

मुख्यमंत्री के नाम लिखे गए पत्र में कहा गया है कि 21 दिसंबर को बाड़मेर के आरटीआई एक्टिविस्ट अमराराम गोदारा को साजिश के तौर पर 8 लोगों ने सरियों से बुरी तरह मारपीट की. उनकी पैरों और हाथों की हड्डियां तोड़ी ओर पैरों में कीलें गाड़ दी ओर अमानवीय कृत्य जैसे पेशाब पिलाना, मोबाइल छीन लेना जैसे कृत्य किए गए. अभी अमराराम जोधपुर के मथुरादास अस्पताल में भर्ती है. उन्हें बलोतरा राजकीय अस्पताल से रेफर किया गया.

यह भी पढ़ें. RTI activist attacked in Barmer: क्रूरतापूर्वक पैरों में सरिया घुसाया फिर कीलें ठोकी, घटना ने पकड़ा तूल...जानिए क्या है पूरा मामला

पत्र में सामाजिक संगठनों इस जानलेवा हमले की कड़े शब्दों मे निंदा की. उन्होंने कहा कि उम्मीद करते हैं कि सरकार इस घटना को गंभीरता से लेगी. प्रदेश में बढ़ती हिंसा की संस्कृति, गुंडागर्दी व इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति न हो. यह बाड़मेर की तीसरी आरटीआई एक्टिविस्ट पर हमले की घटना है. उम्मीद करते हैं कि इस बार न्याय होगा, दोषियों को सजा होगी न की पूर्व की तरह लीपा पोती.

अमरा राम गोदारा को क्यों घायल किया? यह जानना बहुत जरूरी है

attack on Barmer RTI activist, Barmer hindi news
ओपन लेटर

अमराराम के FIR में स्पष्ट लिखा है कि अगर वह पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार या शराब की गैर कानूनी बिक्री का मुद्दा नहीं उठाते और प्रशासनिक कार्यवाही नहीं होती तो शायद आज वह अस्पताल में घायल अवस्था में नहीं होते.

यह भी पढ़ें. State Human Rights Commission Notice: बाड़मेर के युवक पर जानलेवा हमला और पैरों में कील गाड़ने के मामला, अफसरों से मांगा जवाब

हमला से पहले घटनाक्रम

15 दिसंबर 2021 को प्रशासन गांव के संग ग्राम पंचायत कुंपलिया की ढाणी के नरेगा कार्यों के वित्तीय गड़बड़ी, घटिया क्वालिटी वाले कार्यों, अवैधानिक कार्यों, आवास योजनाओं मे अनियमितताओं और सम्पूर्ण गिड़ा थाना क्षेत्र मे शराब की अवैध बिक्री के संबंध मे शिकायत पेश की थी. जिस पर 19 दिसंबर 2021 को ग्राम पंचायत कुंपलियां मे डीएसटी टीम ने अवैध शराब माफियों को गिरफ्तार कर अवैध शराब बरामद की थी. ग्राम पंचायत में गड़बड़ियों की भी जांच चल रही हैं. जिसके कारण अवैध शराब माफिया और ग्राम पंचायत कुंपलिया के वर्तमान और पूर्व सरपंच अमरा राम से नाराज हो गए. 20 दिसंबर को व्हाट्सअप कॉल कर जान से मारने की धमकी भी दी थी.

यह भी पढ़ें. Illegal Mining In Udaipur: कार्रवाई के लिए गई खान विभाग की टीम पर खनन माफिया का हमला, जान बचाकर भागी टीम

सामाजिक संगठनों ने सीएम से मांग की कि अमरा राम गोदारा के हमलावरों की गिरफ़्तारी तत्काल हो. उन्हें कड़ी सुरक्षा दी जाए. FIR स्थानीय गिड़ा थाने से एसपी के सनिध्य में स्थानांतरित हो और एसपी द्वारा जांच हो. तत्काल चालान पेश हो और स्पीडी ट्रायल किया जाए. अमरा राम गोदरा को पूर्ण रूप से सुरक्षा दी जाए क्योंकि वे प्रमुख साक्षी हैं.
25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. बेहतरीन इलाज के लिए देश और दुनिया के सर्वोतम डॉक्टर और अस्पताल में इलाज किया जाए. साथ ही राज्य सरकार विशेष जांच दल बनाकर ग्राम पंचायत के समस्त विकास कार्यों को जांच करवाएं.

इन सामाजिक कार्यकर्ता ने लिखा पत्र

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम खुला पत्र लिखने वालों में सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय, कविता श्रीवास्तव, निखिल डे, शंकर सिंह, कमल टांक, मुकेश गोस्वामी सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता के हस्ताक्षर हैं.

जयपुर . बाड़मेर आरटीआई कार्यकर्ता पर जानलेवा हमले के बाद अब सामाजिक संगठनों ने प्रदेश की गहलोत सरकार के खिलाफ कानून व्यवस्था को लेकर मोर्चा खोल दिया है. सामाजिक संगठनों ने मुख्यमंत्री के नाम खुला पत्र जारी किया (letter to CM on attack on Barmer RTI activist) है. जिसमें उन्होंने आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करने के साथ जांच पुलिस अधीक्षक से कराने की मांग की है.

मुख्यमंत्री के नाम लिखे गए पत्र में कहा गया है कि 21 दिसंबर को बाड़मेर के आरटीआई एक्टिविस्ट अमराराम गोदारा को साजिश के तौर पर 8 लोगों ने सरियों से बुरी तरह मारपीट की. उनकी पैरों और हाथों की हड्डियां तोड़ी ओर पैरों में कीलें गाड़ दी ओर अमानवीय कृत्य जैसे पेशाब पिलाना, मोबाइल छीन लेना जैसे कृत्य किए गए. अभी अमराराम जोधपुर के मथुरादास अस्पताल में भर्ती है. उन्हें बलोतरा राजकीय अस्पताल से रेफर किया गया.

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पत्र में सामाजिक संगठनों इस जानलेवा हमले की कड़े शब्दों मे निंदा की. उन्होंने कहा कि उम्मीद करते हैं कि सरकार इस घटना को गंभीरता से लेगी. प्रदेश में बढ़ती हिंसा की संस्कृति, गुंडागर्दी व इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति न हो. यह बाड़मेर की तीसरी आरटीआई एक्टिविस्ट पर हमले की घटना है. उम्मीद करते हैं कि इस बार न्याय होगा, दोषियों को सजा होगी न की पूर्व की तरह लीपा पोती.

अमरा राम गोदारा को क्यों घायल किया? यह जानना बहुत जरूरी है

attack on Barmer RTI activist, Barmer hindi news
ओपन लेटर

अमराराम के FIR में स्पष्ट लिखा है कि अगर वह पंचायत में हो रहे भ्रष्टाचार या शराब की गैर कानूनी बिक्री का मुद्दा नहीं उठाते और प्रशासनिक कार्यवाही नहीं होती तो शायद आज वह अस्पताल में घायल अवस्था में नहीं होते.

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हमला से पहले घटनाक्रम

15 दिसंबर 2021 को प्रशासन गांव के संग ग्राम पंचायत कुंपलिया की ढाणी के नरेगा कार्यों के वित्तीय गड़बड़ी, घटिया क्वालिटी वाले कार्यों, अवैधानिक कार्यों, आवास योजनाओं मे अनियमितताओं और सम्पूर्ण गिड़ा थाना क्षेत्र मे शराब की अवैध बिक्री के संबंध मे शिकायत पेश की थी. जिस पर 19 दिसंबर 2021 को ग्राम पंचायत कुंपलियां मे डीएसटी टीम ने अवैध शराब माफियों को गिरफ्तार कर अवैध शराब बरामद की थी. ग्राम पंचायत में गड़बड़ियों की भी जांच चल रही हैं. जिसके कारण अवैध शराब माफिया और ग्राम पंचायत कुंपलिया के वर्तमान और पूर्व सरपंच अमरा राम से नाराज हो गए. 20 दिसंबर को व्हाट्सअप कॉल कर जान से मारने की धमकी भी दी थी.

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सामाजिक संगठनों ने सीएम से मांग की कि अमरा राम गोदारा के हमलावरों की गिरफ़्तारी तत्काल हो. उन्हें कड़ी सुरक्षा दी जाए. FIR स्थानीय गिड़ा थाने से एसपी के सनिध्य में स्थानांतरित हो और एसपी द्वारा जांच हो. तत्काल चालान पेश हो और स्पीडी ट्रायल किया जाए. अमरा राम गोदरा को पूर्ण रूप से सुरक्षा दी जाए क्योंकि वे प्रमुख साक्षी हैं.
25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. बेहतरीन इलाज के लिए देश और दुनिया के सर्वोतम डॉक्टर और अस्पताल में इलाज किया जाए. साथ ही राज्य सरकार विशेष जांच दल बनाकर ग्राम पंचायत के समस्त विकास कार्यों को जांच करवाएं.

इन सामाजिक कार्यकर्ता ने लिखा पत्र

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम खुला पत्र लिखने वालों में सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय, कविता श्रीवास्तव, निखिल डे, शंकर सिंह, कमल टांक, मुकेश गोस्वामी सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता के हस्ताक्षर हैं.

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