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कहीं खुद की कमी छुपाने के लिए तो ड्रॉप नहीं कर दिया स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट

परकोटे के 9 बाजारों में बनने वाली स्मार्ट रोड (Parkote Smart Road Project) का काम 2 बाजारों तक सिमट कर रह गया. स्मार्ट रोड का कंसेप्ट तो बेहतर है. लेकिन रोड बनाते समय धीमी रफ्तार को लेकर कई बार सवाल उठे. शायद खुद की इसी कमी छुपाने के लिए स्मार्ट रोड का कंसेप्ट ही ड्रॉप कर दिया गया. हालांकि अब दूसरे बाजारों में भी स्मार्ट रोड बनाने की मांग उठ रही है.

Parkote Smart Road Project
स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट
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Published : Feb 26, 2022, 11:06 AM IST

जयपुर. राजधानी के परकोटे के 9 बाज़ारों की रोड को स्मार्ट बनाया (Parkote Smart Road Project) जाना था. लेकिन उनमें से महज किशनपोल बाजार और चांदपोल बाजार में ही स्मार्ट रोड (Kishanpole And Chandpole Market Made Smart Road) का काम किया गया. जो काम हुआ उसमें भी कई बार रुकावट आई और करीब साढ़े तीन साल का समय भी लगा. जो काम हुआ उसमें भी स्मार्टनेस नजर नहीं आती. ऐसे में आरोप लग रहे हैं कि खुद की कमी को छुपाने के लिए स्मार्ट सिटी बोर्ड ने बचे हुए 7 बाजारों में स्मार्ट रोड नहीं बनाने का फैसला लिया है.

स्मार्ट रोड का प्रोजेक्ट ड्रॉप करने के पीछे तर्क दिया गया कि जिन रोड को स्मार्ट बनाया जाना था, उनकी स्थिति काफी बेहतर है. उन्हें तोड़कर नई रोड बनाने का कोई मतलब नहीं. स्मार्ट सिटी सीईओ ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में काफी समय लगा था. रोड क्लोजर की वजह से व्यापारियों को भी हानि हुई थी. इसी वजह से बोर्ड ने स्मार्ट रोड कंसेप्ट को दो रोड तक ही सीमित किया है. जहां तक इन रोड पर कचरे की बात है, तो डोर टू डोर स्ट्रांग किया जा रहा है. साथ ही कचरा डिपो पर हूपर्स की ड्यूटी फिक्स की गई है.

स्मार्ट रोड का प्रोजेक्ट ड्रॉप

जलजमाव की स्थिति से निपटने के लिए ड्रेन का काम किया जा रहा है. हालांकि स्थानीय लोग और व्यापारियों की माने तो जिन दो बाजारों में स्मार्ट रोड का काम किया गया है वहां जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं. बाजारों में अतिक्रमण हो रखा है. प्रशासन की मॉनिटरिंग का भी अभाव है. हालांकि उन्होंने इस स्मार्ट रोड कंसेप्ट की तारीफ करते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र में स्मार्ट रोड विकसित होनी चाहिए और जब फंड केंद्र सरकार से आ रहा है, तो फिर स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट को स्मार्ट सिटी की प्लानिंग से हटाना ही नहीं चाहिए.

पढ़ें : JDA Projects : जेडीए कार्यकारी समिति ने कई बड़े प्रोजेक्ट पर दी कार्योत्तर स्वीकृति, कुछ के अनुमोदन के बाद स्वीकृति

आपको बता दें कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किशनपोल और चांदपोल बाजार को स्मार्ट रोड बनाया गया. जिनमें सीसी रोड, नॉन मोटराइज्ड व्हीकल लेन, फुटपाथ, अंडर ग्राउंड केबलिंग के लिए डक्ट डाले गए. साथ ही वाईफाई पॉइंट्स, सीसीटीवी कैमरा और स्मार्ट पोल लगाए गए जिनकी सारी लाइट सेंट्रलाइज की गई. स्मार्ट रोड का ये कंसेप्ट तो बेहतर है लेकिन रोड बनाते समय धीमी रफ्तार को लेकर कई बार सवाल उठे. शायद खुद की इसी कमी छुपाने के लिए स्मार्ट रोड का कंसेप्ट ही ड्रॉप कर दिया गया.

जयपुर. राजधानी के परकोटे के 9 बाज़ारों की रोड को स्मार्ट बनाया (Parkote Smart Road Project) जाना था. लेकिन उनमें से महज किशनपोल बाजार और चांदपोल बाजार में ही स्मार्ट रोड (Kishanpole And Chandpole Market Made Smart Road) का काम किया गया. जो काम हुआ उसमें भी कई बार रुकावट आई और करीब साढ़े तीन साल का समय भी लगा. जो काम हुआ उसमें भी स्मार्टनेस नजर नहीं आती. ऐसे में आरोप लग रहे हैं कि खुद की कमी को छुपाने के लिए स्मार्ट सिटी बोर्ड ने बचे हुए 7 बाजारों में स्मार्ट रोड नहीं बनाने का फैसला लिया है.

स्मार्ट रोड का प्रोजेक्ट ड्रॉप करने के पीछे तर्क दिया गया कि जिन रोड को स्मार्ट बनाया जाना था, उनकी स्थिति काफी बेहतर है. उन्हें तोड़कर नई रोड बनाने का कोई मतलब नहीं. स्मार्ट सिटी सीईओ ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में काफी समय लगा था. रोड क्लोजर की वजह से व्यापारियों को भी हानि हुई थी. इसी वजह से बोर्ड ने स्मार्ट रोड कंसेप्ट को दो रोड तक ही सीमित किया है. जहां तक इन रोड पर कचरे की बात है, तो डोर टू डोर स्ट्रांग किया जा रहा है. साथ ही कचरा डिपो पर हूपर्स की ड्यूटी फिक्स की गई है.

स्मार्ट रोड का प्रोजेक्ट ड्रॉप

जलजमाव की स्थिति से निपटने के लिए ड्रेन का काम किया जा रहा है. हालांकि स्थानीय लोग और व्यापारियों की माने तो जिन दो बाजारों में स्मार्ट रोड का काम किया गया है वहां जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं. बाजारों में अतिक्रमण हो रखा है. प्रशासन की मॉनिटरिंग का भी अभाव है. हालांकि उन्होंने इस स्मार्ट रोड कंसेप्ट की तारीफ करते हुए कहा कि ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र में स्मार्ट रोड विकसित होनी चाहिए और जब फंड केंद्र सरकार से आ रहा है, तो फिर स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट को स्मार्ट सिटी की प्लानिंग से हटाना ही नहीं चाहिए.

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आपको बता दें कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किशनपोल और चांदपोल बाजार को स्मार्ट रोड बनाया गया. जिनमें सीसी रोड, नॉन मोटराइज्ड व्हीकल लेन, फुटपाथ, अंडर ग्राउंड केबलिंग के लिए डक्ट डाले गए. साथ ही वाईफाई पॉइंट्स, सीसीटीवी कैमरा और स्मार्ट पोल लगाए गए जिनकी सारी लाइट सेंट्रलाइज की गई. स्मार्ट रोड का ये कंसेप्ट तो बेहतर है लेकिन रोड बनाते समय धीमी रफ्तार को लेकर कई बार सवाल उठे. शायद खुद की इसी कमी छुपाने के लिए स्मार्ट रोड का कंसेप्ट ही ड्रॉप कर दिया गया.

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