जयपुर. जेके लोन अस्पताल बच्चों के इलाज से जुड़ा प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है. जहां रोजाना बड़ी संख्या में परिजन अपने बच्चों का इलाज कराने पहुंचते हैं. जेके लोन अस्पताल प्रशासन दावा करता है कि यहां इलाज करवाने वाले मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. हाल ही में अस्पताल का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत भी किया गया है. देखिये यह रिपोर्ट...
जयपुर जेकेलोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरविंद शुक्ला कहना है कि हाल ही में अस्पताल इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी की गई है. नवजात शिशुओं के लिए पल्स ऑक्सीमीटर, इन्फ्यूजन पंप, रेडिएंट वॉर्मर जैसी सुविधाओं में इजाफा किया गया है. सर्दियों के मौसम में आमतौर पर मोर्टिलिटी के मामलों में बढ़ोतरी हो जाती है. नवजात बच्चे कम तापमान बर्दाश्त नहीं कर पाते. ऐसे में अस्पताल प्रशासन की ओर से हाल ही में रेडिएंट वॉर्मर, रूम हीटर और गर्म पानी के लिए गीजर की व्यवस्था वार्ड में ही की गई है.
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अस्पताल का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत
डॉ. अरविंद शुक्ला का कहना है कि अस्पताल में कंगारू केयर से लेकर प्रीमैच्योर नवजात बच्चों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. इसके अलावा अस्पताल में 66 वेंटीलेटर, 151 पल्स ऑक्सीमीटर, 228 इन्फ्यूजन पंप, 83 रेडियंट वॉर्मर, 44 रूम हीटर, 18 गीजर, 750 बेड, एनआईसीयू में 158 बेड, एक सर्जिकल आईसीयू, दो सर्जिकल नर्सरी, दो मेडिकल नर्सरी की व्यवस्थाएं मुहैया हैं.
ये सभी सुविधाएं फिलहाल अस्पताल में मौजूद हैं. अस्पताल के अधीक्षक का यह भी कहना है कि राजस्थान के अलावा उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और हरियाणा से भी बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल में लाया जाता है.
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विशेषज्ञ चिकित्सकों को किया तैनात
अस्पताल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों को तैनात किया गया है. इसके तहत अस्पताल में दो पीडियाट्रिक, कॉर्डियोलॉजिस्ट, एक पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजिस्ट, एक पीडियाट्रिक नेफ्रोलॉजिस्ट, एक पीडियाट्रिक्स हेमेटोलॉजिस्ट और एक पीडियाट्रिक गैस्ट्रोलॉजी चिकित्सक तैनात किए गए हैं. जो गंभीर समस्या से जूझ रहे बच्चों का इलाज करते हैं. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सकों को भी अस्पताल में बुलाया जाता है.
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एक्स-रे और ईको की सुविधा भी उपलब्ध
बच्चों के इलाज के लिए जयपुर के जेके लोन अस्पताल में एक्सरे और ईको की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है. लेकिन अस्पताल में एमआरआई और सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध नहीं है. हालांकि इसे लेकर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जेके लोन अस्पताल सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के अधीन आता है तो एमआरआई या सीटी स्कैन के लिए आम तौर पर बच्चों को एसएमएस अस्पताल भेजा जाता है.
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कुल मिलाकर कोटा के जेके लोन अस्पताल में लगातार बच्चों की मौत ने प्रदेश के तमाम शिशु रोग अस्पतालों में सुविधाओं के स्तर की ओर ध्यान खींचा है. ऐसे में प्रदेश के सभी शिशु रोग अस्पतालों को जयपुर के जेके लोन अस्पताल की तरह सुविधाओं से सुसज्जित किया जाना चाहिए. ताकि नवजात बच्चे दुनिया में आकर दुनिया देखे बिना न चले जाएं.