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केशवपुरा गांव से सीखें, कैसे हुआ जाए सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त

राजस्थान में कोटा के केशवपुरा गांव में लोगों ने प्लास्टिक का उपयोग करना छोड़ दिया है. ईटीवी भारत भी सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त समाज के लिए एक मुहिम चला रहा है. इसकी थीम 'नो प्लास्टिक, लाइफ फैंटास्टिक' रखी गई है. देखें इस मुहिम की पहली कड़ी पर विशेष रिपोर्ट...

सिंगल यूज प्लास्टिक, Single use plastic
सिंगल यूज प्लास्टिक
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Published : Jan 17, 2020, 1:23 PM IST

Updated : Jan 17, 2020, 2:27 PM IST

जयपुर. किसी भी बदलाव के लिए जनभागीदारी और जागरूकता सबसे अहम हैं. इसी की मिसाल है राजस्थान का एक गांव. प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को समझते हुए कोटा के केशवपुरा गांव में लोगों ने इसका प्रयोग बंद कर दिया है.

केशवपुरा गांव के लोग नहीं करते सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग

2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने का आह्वान किया था. इसका मकसद देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त बनाना है. राजस्थान का केशवपुरा गांव पीएम मोदी के आह्वान से काफी पहले से ही अपनी मुहिम चला रहा है. यहां के लोग जागरूकता के कारण खुद ही मुहिम चला रहे हैं.

कई मवेशियों की मौत के बाद गांव वालों ने खुद प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने का बीड़ा उठाया. गांव वालों ने 11 जुलाई 2019 को पूरे गांव से प्लास्टिक जमा किया और एक गड्ढा बनाकर इसे जला दिया. केशवपुरा गांव में रहने वाले लोगों ने इस पहल के बाद से एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक का उपयोग न करने का प्रण लिया. इस संकल्प से न केवल उन्हें राहत मिली, बल्कि मवेशियों की सेहत भी बेहतर हुई.

पढ़ें- PAK में जन्मी नीता सितंबर में बनीं 'भारतीय', अब सरपंच बनकर संवारना चाहती हैं अपना गांव

ग्रामीणों की पहल से उत्साहित होने के बाद केशवपुरा की ग्रामीण विकास समिति ने आधिकारिक रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने का फैसला लिया. इसमें विशेष रूप से उन प्लास्टिक को बंद किया गया, जिनका उपयोग शादी-समारोह और अन्य सामुदायिक कार्यक्रमों के दौरान किया जाता है.

गांव की विकास समिति ने आगे यह तय किया, कि केशवपुरा में कचरे के प्लास्टिक डिब्बे के बजाय धातु डिब्बों का इस्तेमाल किया जाए. इस छोटे से गांव का हर निवासी खरीददारी के लिए या तो कागज का थैला या कपड़े का थैला रखता है.

केशवपुरा गांव राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 40 किमी दूर स्थित है. यहां लगभग 600 लोगों की आबादी है. लेकिन अब ये गांव अपने कई पड़ोसी गांवों को इसी तरह के पर्यावरण के अनुकूल उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है.

जयपुर. किसी भी बदलाव के लिए जनभागीदारी और जागरूकता सबसे अहम हैं. इसी की मिसाल है राजस्थान का एक गांव. प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को समझते हुए कोटा के केशवपुरा गांव में लोगों ने इसका प्रयोग बंद कर दिया है.

केशवपुरा गांव के लोग नहीं करते सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग

2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने का आह्वान किया था. इसका मकसद देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त बनाना है. राजस्थान का केशवपुरा गांव पीएम मोदी के आह्वान से काफी पहले से ही अपनी मुहिम चला रहा है. यहां के लोग जागरूकता के कारण खुद ही मुहिम चला रहे हैं.

कई मवेशियों की मौत के बाद गांव वालों ने खुद प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने का बीड़ा उठाया. गांव वालों ने 11 जुलाई 2019 को पूरे गांव से प्लास्टिक जमा किया और एक गड्ढा बनाकर इसे जला दिया. केशवपुरा गांव में रहने वाले लोगों ने इस पहल के बाद से एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक का उपयोग न करने का प्रण लिया. इस संकल्प से न केवल उन्हें राहत मिली, बल्कि मवेशियों की सेहत भी बेहतर हुई.

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ग्रामीणों की पहल से उत्साहित होने के बाद केशवपुरा की ग्रामीण विकास समिति ने आधिकारिक रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने का फैसला लिया. इसमें विशेष रूप से उन प्लास्टिक को बंद किया गया, जिनका उपयोग शादी-समारोह और अन्य सामुदायिक कार्यक्रमों के दौरान किया जाता है.

गांव की विकास समिति ने आगे यह तय किया, कि केशवपुरा में कचरे के प्लास्टिक डिब्बे के बजाय धातु डिब्बों का इस्तेमाल किया जाए. इस छोटे से गांव का हर निवासी खरीददारी के लिए या तो कागज का थैला या कपड़े का थैला रखता है.

केशवपुरा गांव राजस्थान की राजधानी जयपुर से करीब 40 किमी दूर स्थित है. यहां लगभग 600 लोगों की आबादी है. लेकिन अब ये गांव अपने कई पड़ोसी गांवों को इसी तरह के पर्यावरण के अनुकूल उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहा है.

Intro:जयपुर - पीएम मोदी के आह्वान पर देश को सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्त कराने का अभियान शुरू हुआ है। लेकिन जयपुर से 40 किलोमीटर दूर स्थित गांव केशवपुरा में ये अभियान जुलाई माह में ही शुरू कर दिया गया था। यही वजह है कि आज पूरा गांव सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्त है, और पूरे देश को सीख दे रहा है।Body:साल 1981 में जयपुर में आई बाढ़ के बाद बसाया गया गांव केशवपुरा आज जयपुर जैसे उन तमाम शहरों के लिए आदर्श बना हुआ है, जहां सिंगल यूज प्लास्टिक को चुनौती के रूप में देखा जाता है। हाल ही में 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्ति का अभियान शुरू करने का आह्वान किया। लेकिन गांव केशवपुरा में जुलाई 2019 में गांव की विकास समिति ने सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला ले लिया था। यही वजह है कि तब से यहां सामूहिक भोज में प्लास्टिक की पत्तल दोने गिलास चम्मच को प्रतिबंधित करते हुए, हरे पत्तों के पत्तल और दोने काम में लिए जाते हैं। जुलाई से लेकर अब तक यहां 11 सामूहिक भोज हो चुके हैं। जिसमें प्लास्टिक की सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया गया।
बाईट - जयराम, निवासी केशवपुरा

दरअसल, गांव में प्लास्टिक खाने से हो रही गौवंश की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने इससे तौबा करना शुरू कर दिया। और इसी साल 11 जुलाई को गांव भर से पॉलिथीन इकट्ठे कर गांव के बाहर एक गड्ढे में उसकी होली जलाई। और संकल्प लिया कि अब गांव में सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। गांव वासियों ने बताया कि प्लास्टिक मुक्ति के इस अभियान से गांव वासियों के साथ-साथ पशुओं को भी बड़ी राहत मिली है। अब गांव का कोई भी बाशिंदा सामान लेने के लिए यदि घर से बाहर निकलता है तो उसके हाथ में कपड़े या कागज का थैला होता है। व्यापारियों ने भी अपनी दुकानों पर कागज की थैलियां रखनी शुरू कर दी है।
बाईट - रामकरण, निवासी केशवपुरा
बाईट - राजू सैनी, निवासी केशवपुरा

वहीं गांवों की विकास समिति ने ये फैसला लिया है कि अब घर के बाहर रखा हुआ कचरा पात्र भी प्लास्टिक का नहीं होगा। इसी दीपावली से लोहे के खाली पीपो को बतौर कचरा पात्र इस्तेमाल किया जाएगा।
बाईट- गजानंद शर्मा, सदस्य, केशवपुरा विकास समितिConclusion:करीब 600 की आबादी वाला केशवपुरा आदर्श ग्राम अब सिंगल यूज़ प्लास्टिक मुक्त गांव है। जिससे प्रेरणा लेकर आसपास के कई गांव भी अब पत्ते के पत्तल दोनों में भोजन करने की परिपाटी शुरू कर रहे हैं। और सिंगल यूज प्लास्टिक को नो कहा जा रहा है। इस गांव से ना सिर्फ दूसरे गांव को बल्कि शहर, शहर वासियों और प्रशासन को भी सीख लेनी चाहिए।
Last Updated : Jan 17, 2020, 2:27 PM IST
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