जयपुर. प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने का सिलसिला लगातार जारी है. जयपुर में फंसे उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए 4 विशेष ट्रेनें चलाई गई हैं. जयपुर से उत्तर प्रदेश के बलिया के लिए पहली विशेष ट्रेन 12 मई को चलाई गई थी. इसके बाद दूसरी विशेष ट्रेन की बात की जाए तो 14 मई को दूसरी विशेष ट्रेन जयपुर से गोरखपुर के लिए चलाई गई थी. ऐसे में बड़ी संख्या में कानपुर के प्रवासी मजदूर अभी भी जयपुर में फंसे हुए थे. ऐसे में राज्य सरकार के आग्रह पर उत्तर प्रदेश की तीसरी ट्रैन कानपुर के लिए शनिवार को रवाना हुई थी. जिसके अंतर्गत करीब 1 हजार से अधिक कानपुर के मजदूर जो राजस्थान में फंसे हुए थे, उनको उनके घर पर पहुंचाया गया था.
वहीं, अब लखनऊ के लिए चौथी और आखिरी स्पेशल ट्रेन सोमवार की रात को 10 बजे जयपुर से लखनऊ के लिए रवाना होगी. जिसके अंतर्गत 12 सौ से अधिक मजदूरों को उनके घर पहुंचाया जाएगा. बता दें कि जो मजदूर यहां पर फंसे हुए हैं उन मजदूरों को उनके गांव भेजने के लिए जिला प्रशासन की ओर से लिस्ट तैयार की गई है. जिसके मुताबिक मजदूरों को सूचना देकर ट्रेनों से रवाना किया जा रहा है.
ऐसे में सभी मजदूरों को राजस्थान रोडवेज की बसों के जरिए जयपुर जंक्शन पर लाया जा रहा है. जिसके बाद ट्रेन में उनकी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान में रखते हुए बैठाया जाएगा. वहीं, ट्रेन में मास्क लगाने पर ही मजदूरों को ट्रेन के अंदर जाने की अनुमति दी जा रही है. साथ ही सभी मजदूरों को सैनिटाइज करने के बाद ही ट्रेनों में बैठाया जा रहा है. वहीं, ट्रेन में बैठने से पहले सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग की जा रही है.
बता दें कि इस ट्रेन का लखनऊ से पहले हरदोई, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव और खैरी स्टेशनों पर भी ठहराव किया जा रहा है. जिससे बीच रास्ते के मजदूरों को उनके गंतव्य स्थान के रेलवे स्टेशनों पर उतारा जा सके. आपको बता दें कि राज्य सरकार के आग्रह पर प्रवासियों के फंसे होने को लेकर ये श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है.
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ऐसे में राज्य सरकार केंद्र सरकार को उनका भुगतान भी कर रही है. इसके साथ ही ट्रेन में आने वाले यात्रियों को मास्क पहनना भी अनिवार्य है, तो वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान में रखा जा रहा है. ट्रेन के अंतर्गत मिडिल बर्थ को हटा दिया गया है. जिससे सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो रही है. इस दौरान ट्रेन में आरपीएफ के जवानों को भी तैनात किया गया है. तो वहीं, जिन यात्रियों की यात्रा 12 घंटे से अधिक है उनके लिए ट्रेन में दो वक्त के भोजन का इंतजाम भी किया गया है.
उत्तर प्रदेश के मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के बाद राजधानी जयपुर से 6 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को भी चलाया जाएगा. ऐसे में ये सभी स्पेशल ट्रेन पश्चिम बंगाल के अलग-अलग स्टेशनों पर जाएगी. इसके साथ ही जो पश्चिम बंगाल के मजदूर अभी राजस्थान में फंसे हुए हैं, उनको श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से उनके गंतव्य स्थान तक भी पहुंचाया जा सकेगा.