जयपुर. इस साल जनवरी का अंतिम सप्ताह व्रत उपवास और दान धर्म के नाम है. जहां कल गणतंत्र दिवस की धूम रहेगी, वहीं भोलेनाथ के भक्त उनकी भक्ति में लीन रहेंगे. श्रदालु भौम प्रदोष पर व्रत रखेंगे और शिवजी का अभिषेक कर आशीर्वाद लेंगे.
ज्योतिषाचार्य पंडित गणपतलाल सेवग ने बताया कि, 25 जनवरी यानी आज रात 12 बजे से त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ होगा जो कि 26 जनवरी की रात 1 बजे तक मुहूर्त रहेगा. प्रदोष का व्रत भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है, जो प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत करने का विधान है. इस व्रत को करने से भोलेनाथ का आर्शीवाद मिलता है और सैंकड़ो गाय दान देने के बराबर फल की प्राप्ति होती है.
इस दिन प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन है, इसलिए इसे भौम व्रत कहा जाता है. वैसे ही इसे सोम प्रदोष, भौम प्रदोष, शनि प्रदोष जैसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है. प्रदोष व्रत में शिव संग शक्ति यानी माता पार्वती की पूजा की जाती है, जो साधक के जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करते हुए उसका कल्याण करती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भौम प्रदोष व्रत करने वाले साधक पर सदैव भगवान शिव की कृपा बनी रहती है.