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खान घूसकांड: रशीद शेख की जमानत अर्जी खारिज - खान घूसकांड मामला

खान घूसकांड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी रशीद शेख की जमानत अर्जी को ईडी मामलों की विशेष अदालत ने खारिज कर दिया है. अदालत ने आदेश में कहा कि खान मालिक के लिए बैंक खाते से नकद राशि एकत्रित करने में सक्रिय रूप से सहायता की है.

Rashid Sheikh's bail rejected, Khan bribery case
खान घूसकांड के आरोपी शेख की जमानत अर्जी खारिज
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Published : Jun 22, 2020, 8:14 PM IST

जयपुर. ईडी मामलों की विशेष अदालत ने खान घूस कांड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी रशीद शेख की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी ने खान मालिक शेरखान के लिए बैंक खाते से नकद राशि एकत्रित करने में सक्रिय रूप से सहायता की है. इसके अलावा शेर खान के कहने पर ही आरोपी ने दो करोड़ 55 लाख रुपये की रिश्वत राशि सह आरोपी श्याम सुंदर तक पहुंचाई थी. यदि उसे जमानत दी गई तो वह ट्रायल को प्रभावित करने के साथ ही गवाहों को भी प्रभावित कर सकता है.

जमानत अर्जी में कहा गया कि वह शेरखान की कंपनी में काम करता था और खुद की ट्रांसपोर्ट कंपनी भी चलाता था. उसने अपने खाते से एक करोड़ 58 लाख रुपये शेर खान के लिए नहीं बल्कि अपने ट्रक मालिकों को देने के लिए निकाले थे. जिसे उसने इनकम टैक्स में भी दर्शाया था. इसके अलावा प्रकरण में पांच सह आरोपियों को जमानत मिल चुकी है.

पढ़ें- कोटा: ACB ने PHED फीटर और हेल्पर को 7 हजार की रिश्वत लेते दबोचा

वहीं मूल एसीबी प्रकरण में उसे जमानत का लाभ दिया जा चुका है. इसका विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र पूनिया ने कहा कि आरोपी ने रिश्वत का इंतजाम करने के लिए अपने खाते से रुपए निकाले थे और शेरखान के कहने पर श्याम सुंदर को रिश्वत राशि पहुंचाई थी. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.

जयपुर. ईडी मामलों की विशेष अदालत ने खान घूस कांड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी रशीद शेख की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी ने खान मालिक शेरखान के लिए बैंक खाते से नकद राशि एकत्रित करने में सक्रिय रूप से सहायता की है. इसके अलावा शेर खान के कहने पर ही आरोपी ने दो करोड़ 55 लाख रुपये की रिश्वत राशि सह आरोपी श्याम सुंदर तक पहुंचाई थी. यदि उसे जमानत दी गई तो वह ट्रायल को प्रभावित करने के साथ ही गवाहों को भी प्रभावित कर सकता है.

जमानत अर्जी में कहा गया कि वह शेरखान की कंपनी में काम करता था और खुद की ट्रांसपोर्ट कंपनी भी चलाता था. उसने अपने खाते से एक करोड़ 58 लाख रुपये शेर खान के लिए नहीं बल्कि अपने ट्रक मालिकों को देने के लिए निकाले थे. जिसे उसने इनकम टैक्स में भी दर्शाया था. इसके अलावा प्रकरण में पांच सह आरोपियों को जमानत मिल चुकी है.

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वहीं मूल एसीबी प्रकरण में उसे जमानत का लाभ दिया जा चुका है. इसका विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक जितेंद्र पूनिया ने कहा कि आरोपी ने रिश्वत का इंतजाम करने के लिए अपने खाते से रुपए निकाले थे और शेरखान के कहने पर श्याम सुंदर को रिश्वत राशि पहुंचाई थी. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.

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