जयपुर. मंगलवार को प्रश्नकाल में विधायक इंद्रा ने यह सवाल लगाया था और सरकार से पूछा था कि क्या ऐसा कोई विचार सरकार रखती है, जिसके जवाब में धारीवाल ने कहा कि इस संबंध में तत्कालिक मुख्य सचिव सीएस राजन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन साल 2013 में किया गया था, जिसकी रिपोर्ट मार्च 2013 में आई थी.
उन्होंने कहा कि समिति की रिपोर्ट में भी शराब बंदी को व्यवहारिक उपाय नहीं बताया. साथ ही धारीवाल ने यह भी कहा कि हमने आबकारी नीति में ऐसे कई ठोस प्रावधान डाले हैं, जिससे राजस्व के लीकेज भी न हों और प्रदेश में नशा खोरी भी ना बढ़े. हालांकि इस बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि ऐसी कई शिकायतें सामने आई हैं की एक ही लाइसेंस पर तीन-तीन काउंटर से शराब बेची जाती है.
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वहीं विधायक इंद्रा ने कहा कि कई बार तय समय से अधिक समय तक दुकानें खुली रहती हैं और शिकायत पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती. इस पर मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि जब जब शिकायत आती है, विभाग कार्रवाई करता है.