जयपुर. प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राज्यसभा चुनाव (Rajyasabha Election 2022) के दौरान एक-एक विधायक के पीछे पुलिस की गाड़ी लगाने और उनका पीछा किए जाने का आरोप लगाते हुए भाजपा प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी और समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा की जीत का दावा किया है. जिस पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने पलटवार करते हुए कहा (Dhariwal on Vasundhara) कि ये आरोप हमेशा लगता है, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है. वसुंधरा राजे को तो राज्य सरकार ने एस्कॉर्ट की सुविधा दे रखी है, वो खुद कम से कम इस सुविधा को तो नकार दें. बीजेपी समर्थित प्रत्याशियों की जीत के दावा को लेकर उन्होंने कहा कि हर हारने वाला यही कहता है कि वो जीत रहा है.
राजस्थान राज्यसभा की 4 सीटों पर 10 जून को मतदान होना है. कांग्रेस ने इसके लिए 3 प्रत्याशी रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी और मुकुल वासनिक को मैदान में उतारा है. वहीं, बीजेपी की ओर से अधिकृत प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी को मैदान में उतारा गया है. जबकि बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उद्योगपति डॉ. सुभाष चंद्रा भी चुनावी मैदान में है. विधायकों के संख्या बल के लिहाज से सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस दो सीटों पर जीत सकती है. बीजेपी की एक सीट पर जीत सुनिश्चित मानी जा रही है, लेकिन एक सीट पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इस सीट पर दोनों ही राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं.
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने के आरोप पर पलटवार (Dhariwal on BJP) करते हुए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि ये आरोप हमेशा लगता है. लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है. वसुंधरा राजे को तो राज्य सरकार ने एस्कॉर्ट की सुविधा दे रखी है, वो खुद कम से कम इस सुविधा को तो नकार दें. वो कह दें कि उन्हें एस्कॉर्ट सुविधा की जरूरत नहीं है. कई विधायकों ने भी सिक्योरिटी मांग रखी है, उनको भी राज्य सरकार ने सिक्योरिटी दे रखी है. वो समझते हैं कि कोई सीआईडी साथ लगा रखी है, उसका तो क्या इलाज है. जहां तक उनका दावा है कि उनके दोनों प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी और सुभाष चंद्रा जीत रहे हैं, तो हर हारने वाला यही कहता है कि वो जीत रहा है.
बता दें कि राज्यसभा चुनाव के दंगल में अब तक निर्दलीय और कांग्रेस समर्थित विधायकों पर ही पुलिस निगरानी की बात सामने आई थी. लेकिन अब भाजपा विधायकों पर भी सरकार ने पुलिस का पहरा बैठाने का आरोप है.