ETV Bharat / city

खबर का असरः जयपुर में परकोटे के सीवर चैंबर भी होंगे हाईटेक, लगाए जाएंगे सेंसर - राजस्थान न्यूज

जयपुर में नगर निगम प्रशासन का सीवरेज मेनहोल और नालों की सफाई का दावा बारिश में हवा हो गया. बारिश के साथ ही सीवर चैंबर भी उफ़ने, सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं. ईटीवी भारत ने इस हकीकत को प्रशासन के सामने रखा. जिस पर संज्ञान लेते हुए अब सीवर चैंबर के उफनने से पहले उन्हें साफ करने का प्लान बनाया गया है.

jaipur news rajasthan news
जयपुर में परकोटे के सीवर चैंबरों में लगाए जाएंगे सेंसर
author img

By

Published : Sep 14, 2020, 9:52 PM IST

जयपुर. राजधानी में नगर निगम प्रशासन ने मानसून से पहले सीवरेज मेनहोल और नालों की सफाई का दावा किया. लेकिन ये दावा बारिश में हवा हो गया. बारिश के साथ ही सीवर चैंबर भी उफ़ने, सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं. परकोटा क्षेत्र में ये समस्या आम दिनों में भी बनी रहती है. ईटीवी भारत ने इस हकीकत को प्रशासन के सामने रखा. जिस पर संज्ञान लेते हुए अब सीवर चैंबर के उफनने से पहले उन्हें साफ करने का प्लान बनाया गया है. सीवर चैंबर को हाईटेक करते हुए इनमें सेंसर लगाए जाएंगे.

जयपुर में परकोटे के सीवर चैंबरों में लगाए जाएंगे सेंसर

हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में सीवरेज का गंदा पानी सड़कों पर बहने की समस्या आम हो गई है. ये परेशानी बारिश के दिनों में क्षेत्रीय लोगों पर भारी पड़ी. राहत निगम का दरवाजा खटखटाने के बाद भी नहीं मिली. वर्तमान में नगर निगम में 242 शिकायतें अकेले सीवरेज की पेंडिंग चल रही हैं. निगम का तर्क है कि समय के साथ और जनसंख्या की दृष्टि से सीवरेज प्लांट और चैम्बर आउटडेटेड हो गए हैं. हालांकि अब परकोटे के सीवरेज सिस्टम के लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड एक प्रोजेक्ट बना रही है. जिसके तहत क्रिटिकल चैंबर्स पर सेंसर लगाए जाएंगे. जिससे पता चल पाएगा कि, किस चैंबर में प्रॉब्लम है और कहां वाटर लेवल सर्टेन लेवल से ऊपर आ गया. सेंसर से इंडिकेशन मिलने पर समय रहते समस्या का समाधान किया जा सकेगा. इस प्रोजेक्ट की लागत डेढ़ से 2 करोड़ रुपए बताई जा रही है.

ये भी पढ़ेंः दो दिन में 14 विभागों की समीक्षा करेंगे CM गहलोत

इसके अलावा बड़े सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की कवायद शुरू की जा रही हैं. राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुसार डेहलावास में नया प्लांट बनाया जा रहा है. बहरहाल, जनसंख्या बढ़ने के कारण परकोटे का सीवरेज सिस्टम तो पूरी तरह अपडेट होना चाहिए. ताकि मानसून में सीवरेज मेनहोल शहर की आम जनता के लिए परेशानी का सबब न बनें.

जयपुर. राजधानी में नगर निगम प्रशासन ने मानसून से पहले सीवरेज मेनहोल और नालों की सफाई का दावा किया. लेकिन ये दावा बारिश में हवा हो गया. बारिश के साथ ही सीवर चैंबर भी उफ़ने, सड़कें नदियों में तब्दील हो गईं. परकोटा क्षेत्र में ये समस्या आम दिनों में भी बनी रहती है. ईटीवी भारत ने इस हकीकत को प्रशासन के सामने रखा. जिस पर संज्ञान लेते हुए अब सीवर चैंबर के उफनने से पहले उन्हें साफ करने का प्लान बनाया गया है. सीवर चैंबर को हाईटेक करते हुए इनमें सेंसर लगाए जाएंगे.

जयपुर में परकोटे के सीवर चैंबरों में लगाए जाएंगे सेंसर

हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में सीवरेज का गंदा पानी सड़कों पर बहने की समस्या आम हो गई है. ये परेशानी बारिश के दिनों में क्षेत्रीय लोगों पर भारी पड़ी. राहत निगम का दरवाजा खटखटाने के बाद भी नहीं मिली. वर्तमान में नगर निगम में 242 शिकायतें अकेले सीवरेज की पेंडिंग चल रही हैं. निगम का तर्क है कि समय के साथ और जनसंख्या की दृष्टि से सीवरेज प्लांट और चैम्बर आउटडेटेड हो गए हैं. हालांकि अब परकोटे के सीवरेज सिस्टम के लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड एक प्रोजेक्ट बना रही है. जिसके तहत क्रिटिकल चैंबर्स पर सेंसर लगाए जाएंगे. जिससे पता चल पाएगा कि, किस चैंबर में प्रॉब्लम है और कहां वाटर लेवल सर्टेन लेवल से ऊपर आ गया. सेंसर से इंडिकेशन मिलने पर समय रहते समस्या का समाधान किया जा सकेगा. इस प्रोजेक्ट की लागत डेढ़ से 2 करोड़ रुपए बताई जा रही है.

ये भी पढ़ेंः दो दिन में 14 विभागों की समीक्षा करेंगे CM गहलोत

इसके अलावा बड़े सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की कवायद शुरू की जा रही हैं. राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुसार डेहलावास में नया प्लांट बनाया जा रहा है. बहरहाल, जनसंख्या बढ़ने के कारण परकोटे का सीवरेज सिस्टम तो पूरी तरह अपडेट होना चाहिए. ताकि मानसून में सीवरेज मेनहोल शहर की आम जनता के लिए परेशानी का सबब न बनें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.