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एनटीटी भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों का मंत्री ममता भूपेश के घर में धरना, जल्द नियुक्ति की मांग - मंत्री ममता भूपेश के घर धरना

एनटीटी भर्ती परीक्षा के सफल अभ्यर्थियों ने सोमवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री ममता भूपेश के घर पर धरना देकर प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि परिणाम जारी होने के दो महीने बाद भी सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिली है. उन्होंने जल्द नियुक्ति की मांग की है.

मंत्री ममता भूपेश के घर धरना, Strike at house of Minister Mamta Bhupesh
एनटीटी भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों का प्रदर्शन
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Published : Jan 4, 2021, 3:54 PM IST

जयपुर. दो महीने पहले परिणाम जारी होने के बाद भी नियुक्ति नहीं मिलने से गुस्साए एनटीटी भर्ती परीक्षा के चयनित अभ्यर्थियों ने सोमवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री ममता भूपेश के घर पर प्रदर्शन किया और धरना दिया. उनका कहना है कि विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति का इंतजार है. उन्होंने विभागीय अधिकारियों पर मनमानी करने का भी आरोप लगाया है. वहीं मांग पर जल्द गौर नहीं होने पर उन्होंने आंदोलन तेज करने की भी चेतावनी दी है.

एनटीटी भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

एनटीटी भर्ती के सफल अभ्यर्थियों का कहना है कि दो साल पहले राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने एनटीटी भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की थी. दस्तावेज सत्यापन का कार्य 3 से 18 सितंबर 2019 तक महिला एवं बाल विकास विभाग ने किया. इसके बाद 10 नवंबर 2020 को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने अंतिम परिणाम जारी कर पात्र अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अभिशंसा भी कर दी है. उनका कहना है कि अंतिम परिणाम में चयनित अभ्यर्थियों से महिला एवं बाल विकास विभाग ने 25 नवंबर 2020 से 30 नवंबर 2020 तक आंगनबाड़ी केंद्रों की प्राथमिकता भी भरवाई है, लेकिन आज तक पदस्थापन के आदेश जारी नहीं किए गए हैं.

एनटीटी भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों पर मनमानी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने चेतावनी भी दी है कि यदि जल्द उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो वे आंदोलन तेज करेंगे. इस मामले में मंत्री ममता भूपेश का कहना है कि महिला एवं बाल विकास विभाग और कर्मचारी चयन बोर्ड बहुत बारीकी से जांच कर अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का प्रयास कर रहा है. कई समकक्ष सर्टिफिकेट धारकों ने भी आवेदन किया है। दूसरा ग्रुप यह मांग कर रहा है कि उनके सर्टिफिकेट को भी मान्यता दी गई है. इसलिए उन्हें भी नियुक्ति में योग्य माना जाए.

पढ़ें- यहां देखेंः ईटीवी भारत के पास है SMS अस्पताल के नर्सिंग कर्मी के साथ मारपीट का Video

विभाग और बोर्ड स्तर पर बारीकी से जांच की जा रही है कि दोनों डिग्रियां बराबर हैं या अलग-अलग हैं. अगर बराबर पाई जाती हैं, तो दोनों को कंसीडर करना पड़ेगा. विभाग ने अपनी बात बोर्ड तक पहुंचाई हुई है. जितना जल्दी होगा, इस मुद्दे का समाधान निकाला जाएगा. उनका कहना है कि एनटीटी के समकक्ष डिग्री धारकों ने कोर्ट में भी याचिका लगाई हुई है. इसलिए विभाग और कर्मचारी चयन बोर्ड सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई कर रहा है.

जयपुर. दो महीने पहले परिणाम जारी होने के बाद भी नियुक्ति नहीं मिलने से गुस्साए एनटीटी भर्ती परीक्षा के चयनित अभ्यर्थियों ने सोमवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री ममता भूपेश के घर पर प्रदर्शन किया और धरना दिया. उनका कहना है कि विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति का इंतजार है. उन्होंने विभागीय अधिकारियों पर मनमानी करने का भी आरोप लगाया है. वहीं मांग पर जल्द गौर नहीं होने पर उन्होंने आंदोलन तेज करने की भी चेतावनी दी है.

एनटीटी भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

एनटीटी भर्ती के सफल अभ्यर्थियों का कहना है कि दो साल पहले राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने एनटीटी भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की थी. दस्तावेज सत्यापन का कार्य 3 से 18 सितंबर 2019 तक महिला एवं बाल विकास विभाग ने किया. इसके बाद 10 नवंबर 2020 को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने अंतिम परिणाम जारी कर पात्र अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अभिशंसा भी कर दी है. उनका कहना है कि अंतिम परिणाम में चयनित अभ्यर्थियों से महिला एवं बाल विकास विभाग ने 25 नवंबर 2020 से 30 नवंबर 2020 तक आंगनबाड़ी केंद्रों की प्राथमिकता भी भरवाई है, लेकिन आज तक पदस्थापन के आदेश जारी नहीं किए गए हैं.

एनटीटी भर्ती के चयनित अभ्यर्थियों ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों पर मनमानी करने का आरोप लगाया है. उन्होंने चेतावनी भी दी है कि यदि जल्द उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो वे आंदोलन तेज करेंगे. इस मामले में मंत्री ममता भूपेश का कहना है कि महिला एवं बाल विकास विभाग और कर्मचारी चयन बोर्ड बहुत बारीकी से जांच कर अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का प्रयास कर रहा है. कई समकक्ष सर्टिफिकेट धारकों ने भी आवेदन किया है। दूसरा ग्रुप यह मांग कर रहा है कि उनके सर्टिफिकेट को भी मान्यता दी गई है. इसलिए उन्हें भी नियुक्ति में योग्य माना जाए.

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विभाग और बोर्ड स्तर पर बारीकी से जांच की जा रही है कि दोनों डिग्रियां बराबर हैं या अलग-अलग हैं. अगर बराबर पाई जाती हैं, तो दोनों को कंसीडर करना पड़ेगा. विभाग ने अपनी बात बोर्ड तक पहुंचाई हुई है. जितना जल्दी होगा, इस मुद्दे का समाधान निकाला जाएगा. उनका कहना है कि एनटीटी के समकक्ष डिग्री धारकों ने कोर्ट में भी याचिका लगाई हुई है. इसलिए विभाग और कर्मचारी चयन बोर्ड सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई कर रहा है.

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