जयपुर. कोरोना संकट के तहत राज्य सरकार की ओर से मार्च महीने का वेतन स्थगित कर दिया गया था, जिसके बाद कर्मचारियों ने अब अप्रैल महीने के वेतन में कटौती नहीं करने को लेकर सरकार से मांग करना शुरू कर दिया है. इसके चलते कर्मचारी महासंघ के साथ विभिन्न कर्मचारी संगठन लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर वेतन कटौती नहीं करने की मांग कर रहे हैं. इसी सिलसिले में राजस्थान सचिवालय फोरम ने वेतन कटौती नहीं करने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है.
सचिवालय फोरम का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से कोरोना संकट की रोकथाम के लिए कर्मचारियों ने पहले ही मार्च महीने में 3 से 5 दिन का वेतन कोविड 19 सहायता कोष में दे दिया है. ऐसा करके कर्मचारियों ने राज्य सरकार का आर्थिक सहयोग किया है. वहीं, फोरम का कहना है कि सचिवालय सेवा के अधिकारी और कर्मचारी पूरी निष्ठा और कर्तव्य के साथ सरकार की सेवा में समर्पित रहते हैं.
फोरम का यह भी कहना है कि कोरोना के इस संकट की घड़ी में सचिवालय के कार्य में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और अन्य आवश्यक विभागों के कार्मिकों की तरह ही समय से पहले आकर निर्धारित समय के बाद तक नियमित रूप से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं. इसके साथ ही फोरम ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि सरकार अप्रैल महीने के वेतन में कटौती करना चाह रही है. वहीं, जुलाई तक के वेतन में 30 से 50 फीसदी तक का हिस्सा स्थगित करने के प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है.
इसके साथ ही फोरम ने राज्य कार्मिकों के महंगाई भत्ते के एरिया में भी कटौती की आशंका व्यक्त की है. फोरम का यह भी कहना है कि कार्मिकों ने विभिन्न संस्थाओं से आवासीय ऋण, बच्चों के उच्च अध्ययन के लिए शिक्षा ऋण, सामाजिक दायित्व के लिए निजी लोन ले रखें हैं.
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राजस्थान सचिवालय फोरम के अध्यक्ष मेघराज पवार का कहना है कि कर्मचारियों की आय का एकमात्र साधन उनका मासिक तौर पर मिलने वाला वेतन है. फोरम का यह भी कहना है कि वेतन स्थगन के मिल रहे समाचारों से कार्मिकों में नाराजगी है. इससे उनकी आर्थिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना है, जिससे बच्चों की पढ़ाई भी स्थगित हो सकती है. ऐसे में फोरम ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वेतन स्थगन को आगे नहीं बढ़ाया जाए और चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग के कार्मिकों की भांति ही सचिवालय सेवा के कार्मिकों को भी वेतन कटौती से मुक्त रखा जाए.