जयपुर. एसडीएम ओम प्रभा ने विकलांग समिति की शिकायत के बाद जिला कलेक्ट्रेट से एक ऐसे शख्स को पकड़ा है, जो लोगों को प्रमाण पत्र बना कर देता था, उसके बदले उनसे पैसे लेता था. प्रशासन की नाक के नीचे यह गोरखधंधा चल रहा था और प्रशासन को कानों कान खबर तक नहीं लगी.
बता दें, विकलांग समिति की शिकायत के बाद जयपुर एसडीएम ओम प्रभा ने दलाल को पकड़ कर उसे पुलिस के हवाले कर दिया. उसके पास फर्जी दस्तावेज, प्रमाण पत्र, फर्जी मोहरें भी बरामद हुई हैं. वहीं, पकड़ा गया शख्स भी विकलांग है. एसडीएम ओम प्रभा ने बताया कि एक विकलांग समिति के सदस्यों ने कलेक्टर को शिकायत की थी कि कलेक्ट्रेट में एक शख्स जितेंद्र शर्मा भोले भाले लोगों को उनकी समिति का नाम लेकर लूट रहा है और फर्जी दस्तावेज भी बनाता है. इसकी जांच कलेक्टर ने ओम प्रभा को ही सौंपी. एसडीएम ने कुछ लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि एक शख्स कलेक्ट्रेट में रहता है और हमेशा कुछ लोगों से घिरा रहता है. सोमवार को शख्स को पकड़ा गया और वह कलेक्ट्रेट में लोगों के प्रमाण पत्र बनाता था. पकड़े गए शख्स का नाम जितेंद्र शर्मा है.
जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने कहा कि एसडीएम ओम प्रभा ने एक ऐसे व्यक्ति को पकड़ा है. जिसके पास से सौ लोगों के दस्तावेज, स्टांप, नोट, मोहरें और अन्य दस्तावेज आदि जब्त किए हैं. उन्होंने कहा कि जनता को ऐसे लोगों के बहकावे में नहीं आना चाहिए. ऐसे लोग जनता को जल्दी काम कराने का लालच देते हैं. उन्होंने कहा कि जनता को सीधे ही जिम्मेदार अधिकारी से मिलना चाहिए. अगर, मैं दफ्तर में मौजूद हूं तो वे बेहिचक मुझ से मिल सकते हैं.
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आरोपी से यह दस्तावेज किए बरामद
आरोपी के पास से 25 मूल निवास प्रमाण पत्र, 18 जाति प्रमाण पत्र बरामद किए गए. जाति, मूल निवास, पेंशन, बीपीएल, आय का घोषणा पत्र , राशन कार्ड, शपथ पत्र, खाद्य सुरक्षा के फॉर्म, आय प्रमाण पत्र, स्टांप, चेक, 4 हजार रुपये भी आरोपी के पास से जब्त किए गए हैं. इसके अलावा बच्चों के खेलने के काम आने वाले नोट रसीदें, भामाशाह रसीद, एक यातायात चालान भी उसके पास से बरामद किए गए हैं.
विकलांग समिति ने हटाया, फिर भी करता रहा दलाली का काम
जानकारी के अनुसार कुछ साल पहले एक विकलांग समिति की ओर से यहां हेल्पडेस्क लगाई गई थी. इस पर जितेंद्र शर्मा बैठता था, लेकिन उसकी लोगों से पैसे लेने की शिकायत आई, जिसके बाद विकलांग समिति ने जितेंद्र शर्मा को हेल्प डेस्क से हटा दिया. इसके बाद जितेंद्र शर्मा कलेक्ट्रेट में ही विकलांग समिति के नाम से काम करता रहा. हाल ही में समिति की ओर से जिला कलेक्टर को जितेंद्र शर्मा की शिकायत की गई थी, जिसके बाद एसडीएम ने जितेंद्र शर्मा को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया.