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10 महीने बाद 18 जनवरी को खुलेंगे स्कूलों के ताले, सरकारी स्कूलों में हैं ये तैयारियां

कोरोना काल में करीब 10 महीने से बंद स्कूल 18 जनवरी से खुलने जा रहे हैं. फिलहाल 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को ही स्कूल आना होगा. इससे पहले सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया गया है. स्कूलों के कमरों को सैनिटाइज किया जा रहा है, जबकि कक्षा कक्षों में भी पर्याप्त दूरी के साथ विद्यार्थियों के बैठने के इंतजाम किए गए हैं.

preparations to open schools, schools open in Rajasthan
10 महीने बाद 18 जनवरी को खुलेंगे स्कूलों के ताले
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Published : Jan 16, 2021, 7:34 PM IST

जयपुर. कोरोना काल में स्कूलों पर 10 महीने से लटके ताले 18 जनवरी से खुलने जा रहे हैं. फिलहाल 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को ही स्कूल बुलाने की गाइड लाइन सरकार ने जारी की है. इनमें भी एक दिन में आधे विद्यार्थियों को बुलाने के ही निर्देश जारी किए गए हैं. ऐसे में अधिकांश स्कूलों में रोल नम्बर के अनुसार विद्यार्थियों के स्कूल आने के दिन तय किए गए हैं. सरकारी दिशा निर्देशों के अनुसार स्कूल प्रशासन ने भी अपनी तैयारियां कर ली हैं.

10 महीने बाद 18 जनवरी को खुलेंगे स्कूलों के ताले

लंबे समय से स्कूल बंद रहने के कारण पानी के टैंक को खाली करवाकर साफ करवाया गया है, जबकि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्कूल भवनों को भी सैनिटाइज किया गया है. कमरों में भी पर्याप्त दूरी के साथ बच्चों के बैठने की व्यवस्था की गई है. सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया गया है कि स्कूल खुलने पर क्या करना है और क्या नहीं करना है.

राजधानी के बनीपार्क स्थित महारानी राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य महेंद्र कुमार गुप्ता का कहना है कि सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इसके साथ ही स्कूल में पर्याप्त मात्रा में सैनिटाइजर और मास्क की भी व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही बच्चों के बैठने के लिए भी सरकार के निर्देशों के हिसाब से व्यवस्था की गई है. आज अभिभावकों की बैठक भी ली गई. जिसमें सरकार के निर्देशों की अभिभावकों को जानकारी दी गई है.

उनका कहना है कि यदि कोई विद्यार्थी मास्क लाना भूल जाता है, तो उसे देने के लिए अतिरिक्त मास्क की व्यवस्था की जाएगी. इसके साथ ही हर शिक्षक को सैनिटाइजर दिए जाएंगे. यदि किसी विद्यार्थी को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी आती है, तो उसे स्कूल नहीं भेजने के लिए भी अभिभावकों से आग्रह किया गया है. प्रवेश से पहले थर्मल डिवाइस से विद्यार्थियों का तापमान भी नोट किया जाएगा.

पढ़ें- देश के वैज्ञानिकों ने एक साल में दो-दो स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन बना कर साबित कर दिया कि हम किसी से पीछे नहीं हैं: पूनिया

वहीं शिक्षक राहुल टाक का कहना है कि स्कूल खुलने के बाद बच्चों को कोरोना संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए शिक्षकों को बाकायदा प्रशिक्षण भी दिया गया है. लंच के समय इकट्ठा होने से रोकने और आपस में दूरी बनाए रखने के लिए बच्चों को कैसे प्रेरित किया जाएगा, इसके बारे में भी जानकारी दी गई है.

मॉनिटरिंग के लिए नियंत्रण कक्ष भी बनाए, अलग-अलग टीमें करेंगी मॉनिटरिंग

स्कूलों में गाइडलाइन की पालना हो रही है या नहीं, इसकी मॉनिटरिंग के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर नियंत्रण कक्ष भी बनाए गए हैं. शिक्षा विभाग के साथ ही कलेक्ट्रट की टीमें भी मॉनिटरिंग करेंगी. बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों को मॉनिटरिंग के लिए सोमवार को फील्ड में रहने के निर्देश जारी किए गए हैं.

जयपुर. कोरोना काल में स्कूलों पर 10 महीने से लटके ताले 18 जनवरी से खुलने जा रहे हैं. फिलहाल 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को ही स्कूल बुलाने की गाइड लाइन सरकार ने जारी की है. इनमें भी एक दिन में आधे विद्यार्थियों को बुलाने के ही निर्देश जारी किए गए हैं. ऐसे में अधिकांश स्कूलों में रोल नम्बर के अनुसार विद्यार्थियों के स्कूल आने के दिन तय किए गए हैं. सरकारी दिशा निर्देशों के अनुसार स्कूल प्रशासन ने भी अपनी तैयारियां कर ली हैं.

10 महीने बाद 18 जनवरी को खुलेंगे स्कूलों के ताले

लंबे समय से स्कूल बंद रहने के कारण पानी के टैंक को खाली करवाकर साफ करवाया गया है, जबकि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्कूल भवनों को भी सैनिटाइज किया गया है. कमरों में भी पर्याप्त दूरी के साथ बच्चों के बैठने की व्यवस्था की गई है. सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया गया है कि स्कूल खुलने पर क्या करना है और क्या नहीं करना है.

राजधानी के बनीपार्क स्थित महारानी राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य महेंद्र कुमार गुप्ता का कहना है कि सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इसके साथ ही स्कूल में पर्याप्त मात्रा में सैनिटाइजर और मास्क की भी व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही बच्चों के बैठने के लिए भी सरकार के निर्देशों के हिसाब से व्यवस्था की गई है. आज अभिभावकों की बैठक भी ली गई. जिसमें सरकार के निर्देशों की अभिभावकों को जानकारी दी गई है.

उनका कहना है कि यदि कोई विद्यार्थी मास्क लाना भूल जाता है, तो उसे देने के लिए अतिरिक्त मास्क की व्यवस्था की जाएगी. इसके साथ ही हर शिक्षक को सैनिटाइजर दिए जाएंगे. यदि किसी विद्यार्थी को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी आती है, तो उसे स्कूल नहीं भेजने के लिए भी अभिभावकों से आग्रह किया गया है. प्रवेश से पहले थर्मल डिवाइस से विद्यार्थियों का तापमान भी नोट किया जाएगा.

पढ़ें- देश के वैज्ञानिकों ने एक साल में दो-दो स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन बना कर साबित कर दिया कि हम किसी से पीछे नहीं हैं: पूनिया

वहीं शिक्षक राहुल टाक का कहना है कि स्कूल खुलने के बाद बच्चों को कोरोना संक्रमण के खतरे से बचाने के लिए शिक्षकों को बाकायदा प्रशिक्षण भी दिया गया है. लंच के समय इकट्ठा होने से रोकने और आपस में दूरी बनाए रखने के लिए बच्चों को कैसे प्रेरित किया जाएगा, इसके बारे में भी जानकारी दी गई है.

मॉनिटरिंग के लिए नियंत्रण कक्ष भी बनाए, अलग-अलग टीमें करेंगी मॉनिटरिंग

स्कूलों में गाइडलाइन की पालना हो रही है या नहीं, इसकी मॉनिटरिंग के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर नियंत्रण कक्ष भी बनाए गए हैं. शिक्षा विभाग के साथ ही कलेक्ट्रट की टीमें भी मॉनिटरिंग करेंगी. बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों को मॉनिटरिंग के लिए सोमवार को फील्ड में रहने के निर्देश जारी किए गए हैं.

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