जयपुर. निजीकरण को बंद कर बैकलॉग भर्तियों की प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग को लेकर एसटी और एससी समाज रविवार को एक मंच पर जुटा. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति व जनजाति विकास परिषद के आयोजित सम्मेलन (National sc st development council conference jaipur) में प्रदेश भर से आए समाज के प्रबुद्धजनों के बीच बैकलॉग भर्तियों के प्रस्ताव पर चर्चा की गई. इस दौरान केंद्र सरकार को प्रेषित करने के लिए ज्ञापन भी तैयार किया. सम्मेलन में आरक्षित वर्ग के हितों और उत्थान के विषयों पर मंथन किया गया.
नई दिल्ली से संचालित राष्ट्रीय अनुसूचित जाति व जनजाति विकास परिषद के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष जगदीश मीणा ने बताया कि उन्हें परिषद की ओर से राजस्थान में सम्मेलन करने के निर्देश मिले थे. इसमें प्रदेश भर से समाज के प्रबुद्धजन शामिल हुए. उन्होंने सम्मेलन के जरिए प्रदेश और केंद्र सरकार से मांग की है कि एसटी और एससी की उनकी संख्या के प्रतिशत के आधार पर आरक्षण दिया जाए. उन्होंने कहा कि समाज के लोगों को जितनी सरकारी नौकरियां मिलनी चाहिए थी उतनी नहीं दी जा रही हैं. उन पर भी नियुक्तियां देने को लेकर सरकार को ज्ञापन सौंपा जाएगा.
केंद्र सरकार के सामने रखी जाएंगी ये प्रमुख मांगें
निजीकरण को तत्काल प्रभाव से बंद कर बैकलॉग भर्तियों की प्रक्रिया शुरू की जाए, न्यायिक सेवाओं में आयोग बनाकर भर्ति प्रक्रिया में आरक्षण सुनिश्चित किया जाए. राजस्थान में राज्य सभा की खाली होने वाली 4 सीटों में से एक सीट राष्ट्रीय अनुसुचित जाति जनजाति विकास परिषद के प्रतिनिधि को दी जाए, वर्तमान परिदृश्य में राजस्थान में अनुजाति/जन जाति पर बढ़ते अत्याचार पर रोक, केन्द्र और राज्य सरकार से सविंधान की ओर से लागू अनुसुचित जाति-जन जाति वर्ग को वर्तमान जनसंख्या प्रतिशत के आधार पर आरक्षण, राज्य सरकार से मंहगाई के मुताबिक छात्रों की छात्रवृत्ति, 10 लाख रुपये तक की आय वालों को आरक्षण लाभ देने की मांग शामिल हैं.
सम्मेलन में परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रवीण मांगलिया सहित दलित समुदाय के नेता, समाजसेवी और अधिकारी गण शामिल हुए. सम्मेलन में आरक्षित वर्ग के हितों की चर्चा के बाद प्रस्ताव तैयार कर देश-प्रदेश की सरकारों और प्रशासन को इससे संबंधित ज्ञापन सौंपा जाएगा.