जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के संकट काल के दौरान प्रदेश में सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर खत्म होने का नाम तक नहीं ले रहा. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि जनहित के मुद्दों को लेकर इनकी कथनी और करनी में बहुत अंतर है और विशेष श्रेणी के नाम पर खाद्यान वितरण को लेकर राजस्थान सरकार जरूरमंद लोगों के साथ छलावा कर रही है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने एक बयान जारी कर कहा कि राज्य की गहलोत सरकार झूठी वाहवाही लूटने के लिए सरकारी पैसों का दुरुपयोग कर विज्ञापन देने में मस्त है जबकि राजस्थान की जनता त्रस्त है. विशेष श्रेणी के लोग महीने भर से ज्यादा समय से इंतजार कर रहे हैं कि उन्हें कब खाद्यान मिलेगा? पूनिया ने कहा कि कोविड-19 में विशेष श्रेणी और जो प्रवासी हैं, उनको भी 3 महीने का निशुल्क खाद्यान देने का राष्ट्रीय स्तर पर निर्णय हुआ है.
उनके अनुसार राजस्थान सरकार की ओर से 15 मई को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया. फिर 18 मई और 21 मई को एक और नोटिफिकेशन जारी कर करीब 37 प्रकार के कामगारों को विशेष श्रेणी का पात्र माना है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि 15 मई से आज तक ना तो ऐसे लोगों में से किसी को राशन मिला और ना ही जिस मोबाइल एप के जरिए इनका पंजीयन होना था वो धरातल पर कहीं नजर नहीं आ रहा.
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मुख्यमंत्री गहलोत पर आरोप लगाते हुए डॉ. पूनिया ने कहा कि विशेष श्रेणी के लोगों को खाद्यान देने को लेकर राज्य सरकार बार-बार गुमराह कर रही है, जिसमें 21 मई के नोटिफिकेशन में तीन दिन में सर्वे पूरा कर खाद्यान देने कही गई, लेकिन इससे बड़ा छलावा क्या होगा कि 24 मई से एप पर पंजीयन करना शुरू करने की बात कही जा रही है. यानि सर्वे पूरा करने तक की तारीख के दिन तो एप पर पंजीयन की प्रक्रिया शुरू होने की बात कही जा रही है और अभी सर्वे के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. ऐसे में विशेष श्रेणी के लोग कब तक खाद्यान का इंतजार करेंगे, इसको लेकर राज्य सरकार जवाब दें.
कर्नाटक और हिमाचल की सरकार की तरह राजस्थान सरकार दे जनता के लिए पैकेज- डॉ. पूनिया
डॉ. सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि कोरोना संकट से उत्पन्न स्थिति के बाद वो राज्य की जनता के लिए राज्य सरकार की ओर से राहत पैकेज की घोषणा करे. पूनिया ने कहा कि कर्नाटक और हिमाचल की भाजपा सरकार अपने नागरिकों के लिए राहत पैकेज की घोषणा कर चुकी है. अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार भी उनकी तरह पैकेज की घोषणा करे.
वहीं, कर्नाटक सरकार ने 1610 करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया है. लॉकडाउन की वजह से जिनकी आजीविका प्रभावित हुई है, ऐसे नाई, धोबी , आटो और टैक्सी चालकों को वहां की सरकार प्रतिव्यक्ति 5 हजार रुपए देगी. छोटे से राज्य हिमांचल प्रदेश की सरकार ने 500 करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया है, जिसमें वो भवन निर्माण से जुड़े 1 लाख 50 हजार लोगों को 2 हजार रुपया दे रही है. साथ ही लक्षित कार्डधारकों को दो महीने का आटा और चावल सहित सारा राशन उपलब्ध करवा रही है.
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डॉ. पूनिया ने कहा कि भारत सरकार से मांग करने वाले सचिन पायलट अपने मुख्यमंत्री से कहें कि मोदी सरकार ने राजस्थान को बहुत कुछ दिया है. राजस्थान सरकार का सारा राहत अभियान ही भारत सरकार के दिए पैसे से चला है. मोदी सरकार तो तीन महीने से राज्य के 1 करोड़ 52 लाख खातों में प्रतिमाह 500 रुपए डाल रही है. राज्य के 61 लाख परिवारों को तीन महीने से मुफ्त गैस सिलेंडर दे रही है. इसके साथ ही 50 लाख से ज्यादा किसानों के खाते में 2 हजार रुपए डाले गए है. वहीं, श्रमिकों को परिवार को 2 महीने का मुफ्त राशन दिया जा रहा है.
वहीं ठेले, रेडी, फ़ुटपाथ पर दुकान चलाने वाले छोटे कामगारों को 10 हजार रुपए का लोन अपनी गारंटी पर दे रही है. मनरेगा की मजदूरी प्रतिदिन 182 रुपए से बढ़ा कर 202 रुपए कर दी गई. साथ ही मनरेगा के पूर्व घोषित 61 हजार करोड़ रुपए के बजट को बढ़ा कर 1 लाख करोड़ से ज्यादा का किया है. मनरेगा में काम करने वाले मजदूर को भारत सरकार ने पूरे देश में कहीं भी रजिस्टर्ड होने की छूट दी है. पूनिया ने कहा कि भारत सरकार तो अपने नागरिकों के लिए बहुत कुछ कर रही है. अब राज्य सरकार की बारी है, उसे तुरंत तीन महीने के पानी-बिजली के बिल माफ करने की घोषणा करनी चाहिए. साथ ही समाज के हर वर्ग के लिए एक बड़े राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए.