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पूनिया ने लिखा पीएम मोदी को पत्र, राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का आग्रह

राजस्थानी भाषा को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने (Satish Poonia wrote a Letter to PM Modi) पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ने को लेकर आग्रह किया है.

Satish Poonia wrote a Letter to PM Modi
पूनिया ने लिखा पीएम मोदी को पत्र,
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Published : Mar 11, 2022, 11:01 PM IST

जयपुर. राजस्थानी भाषा को राजस्थान में राजभाषा के रूप में मान्यता (Struggle for Recognition of Rajasthani Language) देने की चल रही मांग के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का आग्रह किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र में पूनिया ने लिखा कि 25 अगस्त, 2003 को राजस्थान विधानसभा के जरिए लगभग आठ करोड़ राजस्थानियों की जन भावनाओं को समझते हुए एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से केंद्र सरकार के समक्ष मान्यता के लिए भेजा गया था. जिसके अंतर्गत राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में जोड़ा जाना चाहिए. साथ ही समय-समय पर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की ओर से स्मरण पत्र भी इस संबंध में भारत सरकार को भेजे गए हैं.

पढ़ें : राजस्थानी भाषा की मान्यता की मांग ने पकड़ा जोर, नौकरी नहीं संस्कृति के लिए जरूरी मातृभाषा

वर्तमान में केंद्र सरकार की ओर से पारित राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी बच्चों को उनकी प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में देने का पुरजोर (BJP State President on Rajasthani Language) प्रावधान करती है. पूनिया ने लिखा कि हमारे संगठन को विभिन्न स्तरों से मिल रही जनभावना भी राजस्थानी भाषा को जल्द आठवीं अनुसूची में जुड़वाने की है.

उन्होंने लिखा कि राजस्थानी भाषा को केंद्रीय साहित्य अकादमी नई दिल्ली की मान्यता प्रदान है. राजस्थान के महाविद्यालय में पाठ्यक्रम के रूप में संचालित है और यूजीसी ने इसे मान्यता दे रखी है. जिसके तहत राजस्थानी साहित्य के शोधार्थियों को जेआरएफ प्रदान की जाती है.

इस संदर्भ में राजस्थान के अनेक संगठनों साहित्यकारों भाषा प्रेमियों, सांसदों, विधायकों ने आपको निरंतर पत्राचार और सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी मातृभाषा की मान्यता की मांग आप तक पहुंचाई है.

पढ़ें : महिला अपराध पर गहलोत सरकार फिर निशाने पर, पूनिया बोले- जब राजा कुर्सी की चिंता करे तो दूसरों की जिंदगी पर खतरा रहता है

पूनिया ने लिखा कि मेरा आपसे निवेदन है कि राजस्थान की आम जन भावना को मध्य नजर रखते हुए राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में देश की अन्य भाषाओं की तरह जोड़ा जाए. जिससे राजस्थान की जनता को उनका भाषाई सम्मान और गौरव प्राप्त होगा. इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखा गया है.

जयपुर. राजस्थानी भाषा को राजस्थान में राजभाषा के रूप में मान्यता (Struggle for Recognition of Rajasthani Language) देने की चल रही मांग के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का आग्रह किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र में पूनिया ने लिखा कि 25 अगस्त, 2003 को राजस्थान विधानसभा के जरिए लगभग आठ करोड़ राजस्थानियों की जन भावनाओं को समझते हुए एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से केंद्र सरकार के समक्ष मान्यता के लिए भेजा गया था. जिसके अंतर्गत राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में जोड़ा जाना चाहिए. साथ ही समय-समय पर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की ओर से स्मरण पत्र भी इस संबंध में भारत सरकार को भेजे गए हैं.

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वर्तमान में केंद्र सरकार की ओर से पारित राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी बच्चों को उनकी प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में देने का पुरजोर (BJP State President on Rajasthani Language) प्रावधान करती है. पूनिया ने लिखा कि हमारे संगठन को विभिन्न स्तरों से मिल रही जनभावना भी राजस्थानी भाषा को जल्द आठवीं अनुसूची में जुड़वाने की है.

उन्होंने लिखा कि राजस्थानी भाषा को केंद्रीय साहित्य अकादमी नई दिल्ली की मान्यता प्रदान है. राजस्थान के महाविद्यालय में पाठ्यक्रम के रूप में संचालित है और यूजीसी ने इसे मान्यता दे रखी है. जिसके तहत राजस्थानी साहित्य के शोधार्थियों को जेआरएफ प्रदान की जाती है.

इस संदर्भ में राजस्थान के अनेक संगठनों साहित्यकारों भाषा प्रेमियों, सांसदों, विधायकों ने आपको निरंतर पत्राचार और सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी मातृभाषा की मान्यता की मांग आप तक पहुंचाई है.

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पूनिया ने लिखा कि मेरा आपसे निवेदन है कि राजस्थान की आम जन भावना को मध्य नजर रखते हुए राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में देश की अन्य भाषाओं की तरह जोड़ा जाए. जिससे राजस्थान की जनता को उनका भाषाई सम्मान और गौरव प्राप्त होगा. इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखा गया है.

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