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कोरोना संकट के बीच पेयजल संकट को ना भूले सरकार, सतीश पूनिया ने लिखा मंत्री बीडी कल्ला को पत्र - राजस्थान में पेयजल संकट

कोरोना संक्रमण के बीच हो रहे पेयजल संकट को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पेयजल मंत्री बीडी कल्ला को पत्र लिखा है. पत्र लिख कर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार को आगाह किया है कि अगर समय पर पेयजल की किल्लत का समाधान नहीं किया गया तो लोगों की समस्याएं काफी बढ़ जाएंगी.

Satish Poonia's letter to BD Kalla, राजस्थान में पेयजल संकट
सतीश पूनिया ने लिखा मंत्री बीडी कल्ला को पत्र
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Published : Apr 30, 2020, 4:24 PM IST

जयपुर. प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच अब कई स्थानों पर पेयजल किल्लत है भी सामने आ रही है. इन्हीं पेयजल किल्लतों पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित किया है. उन्होंने इस संबंध में पेयजल मंत्री डॉ. बीडी कल्ला को एक पत्र लिखकर आगाह किया है कि यदि पेयजल किल्लत के समाधान की तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो प्रदेश में लोगों की समस्याएं काफी बढ़ सकती हैं.

सतीश पूनिया ने लिखा मंत्री बीडी कल्ला को पत्र

पेयजल मंत्री को लिखे पत्र में सतीश पूनिया ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए मार्च से शुरू होने वाली आपातकालीन योजना को अब तक शुरू नहीं किया है. पूनिया ने लिखा कि प्रत्येक अतिरिक्त मुख्य अभियंता को इस संबंध में 50 लाख रुपये तक की स्वीकृति के अधिकार दे दिये जाते हैं, लेकिन अभी तक इसकी स्वीकृति शेष है.

पढ़ें- कैसे ठीक होते हैं कोरोना मरीज, दवा से ज्यादा और किस चीज की होती हैं जरूरत, जानें यहां

उन्होंने लिखा कि विगत 7 अप्रैल को संपन्न वित्त समिति में भी ग्रीष्म के उपाय के लिए इसी प्रकार की स्वीकृति जारी नहीं की गई. मात्र टैंकर से जल परिवहन के कार्यों की ही 65.12 करोड़ की स्वीकृति जारी की गई है, लेकिन वर्क आर्डर जिसकी दरें तय नहीं की गई हैं.

प्रदेश सरकार पर लगाया उदासीनता का आरोप-

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अपने पत्र में राज्य सरकार पर उदासीनता का भी आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा कि पिछली भाजपा सरकार में मार्च 2018 में 881.42 करोड़ और कांग्रेस सरकार आने पर मार्च 2019 में 157.96 करोड़ और इस मार्च में 149. 89 करोड़ की मंजूरी पेयजल के लिए जारी की गई है. मतलब मौजूदा सरकार ने अपनी ही स्वीकृति को घटा दिया है.

पढ़ें- प्रवासियों को लाने को लेकर छिड़ी जंग, सीएम गहलोत की रेल की मांग को सांसद देवजी पटेल ने नकारा

उन्होंने लिखा कि पटवारी और ग्राम सेवक सभी कोरोना वायरस लॉकडाउन के प्रबंधन में व्यस्त हैं. इस कारण प्रदेश के कई शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में टैंकर से पेयजल सप्लाई और अन्य उपायों से पेयजल उपलब्धता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है. ऐसे में उन्होंने आग्रह किया कि गर्मियों में पेयजल के संकट को देखते हुए प्राथमिकता के आधार पर कोरोना के साथ-साथ पेयजल सप्लाई और प्रबंधन को सुनिश्चित कराया जाए.

जयपुर. प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच अब कई स्थानों पर पेयजल किल्लत है भी सामने आ रही है. इन्हीं पेयजल किल्लतों पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित किया है. उन्होंने इस संबंध में पेयजल मंत्री डॉ. बीडी कल्ला को एक पत्र लिखकर आगाह किया है कि यदि पेयजल किल्लत के समाधान की तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो प्रदेश में लोगों की समस्याएं काफी बढ़ सकती हैं.

सतीश पूनिया ने लिखा मंत्री बीडी कल्ला को पत्र

पेयजल मंत्री को लिखे पत्र में सतीश पूनिया ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए मार्च से शुरू होने वाली आपातकालीन योजना को अब तक शुरू नहीं किया है. पूनिया ने लिखा कि प्रत्येक अतिरिक्त मुख्य अभियंता को इस संबंध में 50 लाख रुपये तक की स्वीकृति के अधिकार दे दिये जाते हैं, लेकिन अभी तक इसकी स्वीकृति शेष है.

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उन्होंने लिखा कि विगत 7 अप्रैल को संपन्न वित्त समिति में भी ग्रीष्म के उपाय के लिए इसी प्रकार की स्वीकृति जारी नहीं की गई. मात्र टैंकर से जल परिवहन के कार्यों की ही 65.12 करोड़ की स्वीकृति जारी की गई है, लेकिन वर्क आर्डर जिसकी दरें तय नहीं की गई हैं.

प्रदेश सरकार पर लगाया उदासीनता का आरोप-

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अपने पत्र में राज्य सरकार पर उदासीनता का भी आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा कि पिछली भाजपा सरकार में मार्च 2018 में 881.42 करोड़ और कांग्रेस सरकार आने पर मार्च 2019 में 157.96 करोड़ और इस मार्च में 149. 89 करोड़ की मंजूरी पेयजल के लिए जारी की गई है. मतलब मौजूदा सरकार ने अपनी ही स्वीकृति को घटा दिया है.

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उन्होंने लिखा कि पटवारी और ग्राम सेवक सभी कोरोना वायरस लॉकडाउन के प्रबंधन में व्यस्त हैं. इस कारण प्रदेश के कई शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में टैंकर से पेयजल सप्लाई और अन्य उपायों से पेयजल उपलब्धता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है. ऐसे में उन्होंने आग्रह किया कि गर्मियों में पेयजल के संकट को देखते हुए प्राथमिकता के आधार पर कोरोना के साथ-साथ पेयजल सप्लाई और प्रबंधन को सुनिश्चित कराया जाए.

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