जयपुर. प्रदेश में कांग्रेस के सियासी घटनाक्रम पर अब बीजेपी ने चुप्पी तोड़ दी है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सीधा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाने पर लिया और कहा कि पर्यवेक्षकों के सामने विधायक दल की बैठक रद्द करवाकर गहलोत ने यह साबित कर दिया कि वह कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अहमियत नहीं (Poonia statement on Congress political crisis) देते.
मोदी की लोकप्रियता से हुई बौखलाहट: पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार किया. पूनिया ने कहा कि विश्व के प्रमुख मजबूत लीडरों में शुमार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दिनों-दिन बढ़ती लोकप्रियता को कांग्रेस के गांधी खानदान से लेकर पूरी कांग्रेस पचा नहीं पा रही. शुरुआत से ही जाति-पंथ और मजहब के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करने वाली कांग्रेस स्वयं के अस्तित्व को बचाने के लिये लड़ाई लड़ रही है.
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कांग्रेस टुकड़ो में बटी है, भारत को क्या जोड़ेगी: पूनिया ने कहा कि पीएम मोदी का राजस्थान की जनता के प्रति दण्डवत प्रणाम यह दर्शाता है कि उनका राजस्थान की देवतुल्य जनता और संत-महापुरुषों एवं वीरों की धरती से अथाह प्रेम (Poonia praised PM Modi) है. जिसके विकास व तरक्की के लिये वे समर्पित हैं. लेकिन कांग्रेस नेताओं की संस्कृति गांधी खानदान को दण्डवत करने की रही है, जिनका जनता से कोई सरोकार नहीं रहा. उन्होंने कहा कि जुड़े हुये भारत को जोड़ने का पाखंड़ करने वाली कांग्रेस खुद टुकड़ों में बंट चुकी है. इनके नेता ही कांग्रेस से घृणा करने लगे हैं, जिसके प्रमाण सबके सामने हैं.
मोदी को 36 कौम का सर्मथन: राजस्थान के आदिवासी समाज सहित सभी 36 कौम की ओर से आबू रोड़ में पीएम मोदी के ऐतिहासिक और भव्य स्वागत से कांग्रेस की जमीन पूरी खिसक चुकी है. इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि विधानसभा चुनाव 2023 में नरेन्द्र मोदी के नाम, काम और भाजपा संगठन की खूबियों से तीन चौथाई बहुमत से भाजपा की सरकार बनेगी और कांग्रेस की ऐतिहासिक हार होगी. कांग्रेस आलाकमान से लेकर अशोक गहलोत तक सभी को यह पता चल चुका है. 2024 में प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटें भी भाजपा जीतेगी और नरेन्द्र मोदी तीसरी बार प्रचंड बहुमत से पीएम बनेंगे.
बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बनेंगे, गहलोत नहीं मानते आलाकमान को: पूनिया ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान की हालत यह है कि सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी तक को अशोक गहलोत कोई अहमियत नहीं देते. उनकी ओर से भेजे गये पर्यवेक्षकों के सामने कांग्रेस विधायकों से बयान दिलवा, अलग से बैठक करवा और विधायक दल की बैठक रद्द करवाकर गहलोत ने यह साबित कर दिया कि वह कांग्रेस आलाकमान से बड़े हैं. गहलोत कांग्रेस को फिर से राजस्थान में रिपीट करने की बात करते हैं, जबकि उनकी जनविरोधी नीतियों से 2023 में कांग्रेस की विपक्ष में रहने लायक स्थिति भी शायद नहीं रहेगी.
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पायलट के खिलाफ षड्यंत्र: पूनिया ने कहा कि अशोक गहलोत कांग्रेस में युवा नेतृत्व को दबाने का षडयंत्र भी बराबर करते हैं. पूरे प्रदेश ने देखा कि अपने पीसीसी चीफ व डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट के खिलाफ उन्होंने कैसे षडयंत्र रचा और कांग्रेस आलाकमान की नजरों में उनको नीचा दिखाने की साजिश (Satish Poonia on Sachin Pilot) रची. यह सबने देखा और इससे भी आगे बढ़कर अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया, जो मुख्यमंत्री पद की गरिमा को शोभा नहीं देता. अशोक गहलोत स्वयं की कुर्सी बचाने के खेल में प्रदेश की कानून और विकास को पूरी तरह भूल चुके हैं. इनके शासन में कांग्रेस सरकार के खिलाफ पूरे प्रदेश में एंटी इनकम्बेंसी है. कांग्रेस सरकार के झगड़े और अंतर्कलह ने गांवों से लेकर शहरों तक के विकास को ठप कर दिया.