जयपुर. सतीश पूनिया (BJP State President) अगले 2 दिन दिल्ली के दौरे पर रहेंगे. इस दौरान मौजूदा सियासी घटनाक्रम (Rajasthan Politics) को लेकर भी पार्टी के आला नेताओं को वे फीडबैक देंगे. राजस्थान भाजपा (Rajasthan BJP) में चल रहे संगठनात्मक कार्यों और आगामी दिनों में हाथ में लिए जाने वाले कार्यक्रमों को लेकर भी वे अपना फीडबैक पार्टी आलाकमान को देंगे.
हालांकि, बताया यह भी जा रहा है कि कोविड-19 संक्रमण काल में राजस्थान में भाजपा के 'सेवा ही संगठन' के तहत किए गए सेवा कार्य और केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए उठाए गए कदमों और पार्टी की आगामी कार्य योजना सहित विभिन्न बिंदुओं पर संवाद के लिए पूनिया को पार्टी आलाकमान ने दिल्ली बुलाया है. ऐसा इसलिए ताकि सांसदों के साथ बैठकर इसकी समीक्षा भी हो जाए और केंद्र की मदद से इन क्षेत्रों में विकास कार्यों को तेज गति से करवाया जा सके.
बैठक पहले से तय, राजस्थान से जुड़े सांसद भी होंगे शामिल...
वहीं, राजस्थान से जुड़े सांसद, पदाधिकारियों के अनुसार दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष द्वारा राजस्थान के सांसदों और प्रदेश अध्यक्ष से जुड़ी यह बैठक पहले से ही तय थी. जिसमें पार्टी के संगठनात्मक और आगामी दिनों में हाथ में लिए जाने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की जानी है. साथ ही प्रदेश भाजपा से जुड़े कामकाज का फीडबैक इसी बैठक में लिया जाएगा.
बताया जा रहा है कि संसद सत्र के दौरान भाजपा में हर प्रदेश से जुड़े सांसदों की संगठनात्मक दृष्टि से इस तरह की बैठक होती है. जिसमें संबंधित प्रदेश इकाई के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को भी शामिल किया जाता है, ताकि संगठनात्मक दृष्टि से होने वाली चर्चा के दौरान सभी तरह का फीडबैक प्रदेश अध्यक्ष के जरिए मिल सके.
पूनिया का यह दौरा इसलिए है महत्वपूर्ण...
प्रदेश में गहलोत मंत्रिमंडल के पुनर्गठन (Gehlot Cabinet Expansion and Reshuffle) की कवायद चल रही है और इस बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का दिल्ली दौरा अपने आप में काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. क्योंकि प्रदेश भाजपा से जुड़े कुछ नेता लगातार यह बयान देते नजर आए थे कि जिस दिन गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार या पुनर्गठन हुआ, उस दिन राजस्थान की सियासत में बड़ा विस्फोट होने के आसार रहेंगे.
ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार और पुनर्गठन की कवायद तेज है और इस दौरान पूनिया का यह दौरा इस बात का संकेत है कि राजस्थान में आगामी दिनों में घटने वाले प्रस्तावित घटनाक्रमों को लेकर पार्टी अभी से ही अपनी रणनीति बनाना चाहती है. पार्टी आलाकमान इस बारे में क्या सोचता है, उसे भी इसी बैठक के दौरान संभवत साझा किया जा सकता है.