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प्रदेश में कानून व्यवस्था के हालात भयावह, जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति, राज्यपाल का दरवाजा खटखटाएंगे: सतीश पूनिया - राजस्थान न्यूज

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा राज्य सरकार को जारी किए गए नोटिस पर सियासत तेज हो गई है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर प्रदेश सरकार संवेदनहीन बनी हुई है. अगर जरूरत पड़ी तो राज्यपाल और राष्ट्रपति से मिलकर उनसे दखल का आग्रह करेंगे.

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सतीश पूनिया
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Published : Mar 27, 2021, 10:55 PM IST

जयपुर. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा राज्य सरकार को जारी किए गए नोटिस पर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर गहलोत सरकार पर तीखा हमला बोला है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भाजपा के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा राज्य सरकार को जारी किए गए नोटिस पर कहा है कि प्रदेश के बिगड़े हालातों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग चिंतित हैं, पर राज्य की कांग्रेस सरकार संवेदनहीन बनी हुई है.

पढे़ं: राजस्थान उपचुनाव: 3 विधानसभा सीटों के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची जारी

सतीश पूनिया ने कहा कि कोटा जिले के सुकैत में 15 साल की एक दलित बालिका से 9 दिन तक 3 दर्जन से ज्यादा अपराधियों द्वारा बलात्कार किए जाने की घृणित घटना के बाद भाजपा का एक जांच दल पीड़िता से मिलने भेजा था. जिसमें पार्टी की राष्ट्रीय मंत्री डॉ. अलका गुर्जर, प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अलका मूंदड़ा, पूर्व प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज शामिल थे. इन्होंने कांग्रेस सरकार के राज में अपराधियों द्वारा एक 15 साल की दलित लड़की के साथ हुए घिनौने अत्याचार और पुलिस की भूमिका पर रिपोर्ट दी.

पूनिया ने कहा कि इस रिपोर्ट और प्रदेशभर में सामने आ रही घटनाओं के बाद प्रदेश भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें डॉ. अलका गुर्जर, सांसद दीया कुमारी, जसकौर मीणा, विधायक अनिता भदेल, डॉ. अलका मूंदड़ा और लक्ष्मीकांत भारद्वाज को भेजा, उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा से मुलाकात कर उन्हें प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ घट रही घटनाओं से अवगत करवाया. इस पर संज्ञान लेने का आग्रह किया.

रेखा शर्मा ने घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वे खुद 6 अप्रैल को राजस्थान का दौरा करेंगी और डीजीपी और मुख्य सचिव से रिपोर्ट लेंगी. आवश्यकता हुई तो पीड़ितों से मुलाकात करेंगी. प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के वरिष्ठ सदस्य जस्टिस पीसी पंत से भी मुलाकात की. उन्हें भी राजस्थान की परिस्थितियों से अवगत करवाकर यहां घट रही प्रमुख घटनाओं का ब्यौरा दिया और संज्ञान लेने का आग्रह किया. जिस पर उन्होंने राज्य सरकार के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में प्रदेश के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. महिलाओं, छोटी बच्चियों, दलितों पर अत्याचार की शर्मनाक घटनाएं बेतहाशा बढ़ रही हैं. कई शहरों में व्यापारियों की हत्या व लूट जैसी गंभीर अपराध घटित हो रही हैं. प्रदेश की जनता खुद को डरा हुआ महसूस कर रही है. अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. सरकार इन पर अंकुश लगाना तो दूर, एक पुलिस अधिकारी, जिसने डीसीपी के ऑफिस में बलात्कार पीड़ित महिला के साथ रेप किया. उसको सरकार सदन में बयान देकर बर्खास्त करने की बात कहती है, किंतु सदन के बाहर उसी आरोपी अधिकारी को आवश्यक सेवानिवृत्ति देकर पुरस्कृत कर देती है.

सतीश पूनिया ने कहा कि भाजपा सड़क से सदन तक इन मुद्दों को उठा रही है. रोज जनता पर हो रहे अत्याचार की घटनाओं पर भाजपा चुप नहीं रहेगी. सरकार ने कानून व्यवस्था नहीं सुधारी तो लोगों की जान-माल की सुरक्षा और बहन-बेटियों पर हो रहे अत्याचार की घटनाओं पर राज्यपाल और राष्ट्रपति से मिलकर उनसे दखल का आग्रह करेंगे.

जयपुर. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा राज्य सरकार को जारी किए गए नोटिस पर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर गहलोत सरकार पर तीखा हमला बोला है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने भाजपा के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा राज्य सरकार को जारी किए गए नोटिस पर कहा है कि प्रदेश के बिगड़े हालातों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग चिंतित हैं, पर राज्य की कांग्रेस सरकार संवेदनहीन बनी हुई है.

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सतीश पूनिया ने कहा कि कोटा जिले के सुकैत में 15 साल की एक दलित बालिका से 9 दिन तक 3 दर्जन से ज्यादा अपराधियों द्वारा बलात्कार किए जाने की घृणित घटना के बाद भाजपा का एक जांच दल पीड़िता से मिलने भेजा था. जिसमें पार्टी की राष्ट्रीय मंत्री डॉ. अलका गुर्जर, प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अलका मूंदड़ा, पूर्व प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज शामिल थे. इन्होंने कांग्रेस सरकार के राज में अपराधियों द्वारा एक 15 साल की दलित लड़की के साथ हुए घिनौने अत्याचार और पुलिस की भूमिका पर रिपोर्ट दी.

पूनिया ने कहा कि इस रिपोर्ट और प्रदेशभर में सामने आ रही घटनाओं के बाद प्रदेश भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें डॉ. अलका गुर्जर, सांसद दीया कुमारी, जसकौर मीणा, विधायक अनिता भदेल, डॉ. अलका मूंदड़ा और लक्ष्मीकांत भारद्वाज को भेजा, उन्होंने राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा से मुलाकात कर उन्हें प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ घट रही घटनाओं से अवगत करवाया. इस पर संज्ञान लेने का आग्रह किया.

रेखा शर्मा ने घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वे खुद 6 अप्रैल को राजस्थान का दौरा करेंगी और डीजीपी और मुख्य सचिव से रिपोर्ट लेंगी. आवश्यकता हुई तो पीड़ितों से मुलाकात करेंगी. प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के वरिष्ठ सदस्य जस्टिस पीसी पंत से भी मुलाकात की. उन्हें भी राजस्थान की परिस्थितियों से अवगत करवाकर यहां घट रही प्रमुख घटनाओं का ब्यौरा दिया और संज्ञान लेने का आग्रह किया. जिस पर उन्होंने राज्य सरकार के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में प्रदेश के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. महिलाओं, छोटी बच्चियों, दलितों पर अत्याचार की शर्मनाक घटनाएं बेतहाशा बढ़ रही हैं. कई शहरों में व्यापारियों की हत्या व लूट जैसी गंभीर अपराध घटित हो रही हैं. प्रदेश की जनता खुद को डरा हुआ महसूस कर रही है. अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. सरकार इन पर अंकुश लगाना तो दूर, एक पुलिस अधिकारी, जिसने डीसीपी के ऑफिस में बलात्कार पीड़ित महिला के साथ रेप किया. उसको सरकार सदन में बयान देकर बर्खास्त करने की बात कहती है, किंतु सदन के बाहर उसी आरोपी अधिकारी को आवश्यक सेवानिवृत्ति देकर पुरस्कृत कर देती है.

सतीश पूनिया ने कहा कि भाजपा सड़क से सदन तक इन मुद्दों को उठा रही है. रोज जनता पर हो रहे अत्याचार की घटनाओं पर भाजपा चुप नहीं रहेगी. सरकार ने कानून व्यवस्था नहीं सुधारी तो लोगों की जान-माल की सुरक्षा और बहन-बेटियों पर हो रहे अत्याचार की घटनाओं पर राज्यपाल और राष्ट्रपति से मिलकर उनसे दखल का आग्रह करेंगे.

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