जयपुर. प्रदेश की राजनीति इन दिनों उबाल पर है. कांग्रेस में पायलट और गहलोत खेमे के बीच सियासी रार है तो भाजपा में वसुंधरा राजे समर्थकों की बयानबाजी से सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इस बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने राजे समर्थकों को हिदायत दी है कि ऐसे बयान ना पार्टी के हित में हैं और ना ही बयान देने वालो के हित में है. पूनिया ने यह भी कहा कि आलाकमान जिसे भी नेता तय करेगा हम सब उसके पीछे चलेंगे.
दरअसल, राजे समर्थक और पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के बयान के बाद आए विधायक प्रताप सिंह सिंघवी और अब पूर्व सांसद बहादुर सिंह कोली के बयान से भाजपा में सियासी कोहराम मचा हुआ है. राजे समर्थक वसुंधरा राजे की अनदेखी का आरोप भी लगाते हैं और यह भी कहते हैं कि भाजपा सत्ता में तभी आ सकती है जब वसुंधरा राजे को आगे किया जाए. एक के बाद एक आ रहे इन बयानों के बाद आखिरकार पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अपनी चुप्पी शुक्रवार को तोड़ ही दी. भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से रूबरू हुए पूनिया ने साफ तौर पर कह दिया कि यह समय तो कांग्रेस से लड़ने का है और लड़कर जीतने का है, उसके बाद आलाकमान जैसा तय करेगा सब उसके साथ रहेंगे.
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'CM पद के लिए 10 के बजाए 20 दावेदार भी हो जाएं तो पार्टी को नुकसान नहीं'
सतीश पूनिया से जब पूछा गया कि कांग्रेस के नेता बोलते हैं कि राजस्थान भाजपा में ही करीब 10 मुख्यमंत्री के दावेदार हैं तो पूनिया ने कहा कि अगर ऐसी बात है तो बहुत अच्छा है. 10 के बजाए 20 भी दावेदार हो जाएं तो उससे पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा. पूनिया ने कहा कि एक समय था जब लोग कहते थे कि बीजेपी के पास लीडर की क्राइसिस है, लेकिन अब ऐसा नहीं है. पूनिया के अनुसार भाजपा वैचारिक तौर पर व्यवहारिक तौर पर और संगठनात्मक रूप से मजबूत है. ऐसे में मुझे नहीं लगता कि यह समय इस प्रकार की चिंता करने का या बयान देने का है.
'बयान पार्टी की मर्यादा के खिलाफ, पार्टी और आलाकमान को भी इन घटनाक्रमों की जानकारी'
पूनिया ने कहा कि पार्टी की अपनी मर्यादा और सीमा है और उसका एक समय भी होता है. पार्टी में हर व्यक्ति को मंच पर बात कहने का अवसर दिया जाता है, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर या सार्वजनिक मंचों पर इस प्रकार के बयान पार्टी के भीतर अच्छा नहीं माना जा सकता.
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पूनिया ने कहा कि कोई भी व्यक्तिगत तौर पर इस तरह के बयान भले ही किसी भी कारण दे रहा हो, लेकिन इस तरह के बयान पार्टी की मर्यादा के भीतर नहीं है और इस तरह के बयान देने वालों का पार्टी को भी संज्ञान है और समय आने पर इसका जवाब भी मिल ही जाएगा, लेकिन मौजूदा समय कांग्रेस से लड़ने का है और जीतने का है ना कि कल क्या होना है इस पर अनावश्यक चर्चा करने का. पूनिया से जब पूछा गया कि इन बयानों को लेकर क्या प्रदेश नेतृत्व आलाकमान को कोई रिपोर्ट भी देगा तो पूनिया ने कहा पार्टी में जो भी कुछ हो रहा है सबको दिख रहा है और सब के संज्ञान में है.
बता दें, प्रदेश भाजपा में नेताओं के बीच गुटबाजी तेज होती जा रही है. गुटबाजी के बीच पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने बुधवार को कहा था कि राजस्थान में वसुंधरा राजे जितना बड़ा कद किसी नेता का नहीं है और वसुंधरा को आगे रखे बिना भाजपा सत्ता में नहीं आ सकती. वहीं, गुरुवार को भाजपा विधायक प्रतापसिंह सिंघवी ने भी छबड़ा में राजे के समर्थन में कुछ ऐसा ही बयान दिया और अब पूर्व सांसद बहादुर सिंह कोली भी इसी लाइन में खड़े दिख रहे हैं, जिसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को इन नेताओं को हिदायत देना ही पड़ी.