जयपुर. राजस्थान की 3 विधानसभा सीटों सुजानगढ़, सहाड़ा और राजसमंद में उपचुनाव के लिए भाजपा 2 दिन बाद प्रत्याशियों के नाम का एलान कर देगी. हालांकि प्रत्याशी चयन में कोर कमेटी के सदस्यों की राय भी अहम रहेगी. वहीं भाजपा ने प्रत्याशी चयन में परिवारवाद और बढ़ती उम्र के क्राइटेरिया को साइड लाइन कर दिया है और यह भी साफ कर दिया है कि टिकट उसे ही मिलेगा जिसकी जीतने की संभावना अधिक हो. उपचुनाव और प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत की.
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केंद्र और राज्य की सर्वे रिपोर्ट आई
सतीश पूनिया ने कहा कि प्रत्याशी घोषित करने में 1-2 दिन और लगेंगे. केंद्र और राज्य की सर्वे रिपोर्ट आ गई है. स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारियों से भी फीडबैक ले लिया गया है. प्रत्याशी चयन में प्रदेश कोर कमेटी के सदस्यों की राय भी महत्वपूर्ण होगी. पूनिया ने कहा कि कोर कमेटी के सदस्यों से व्यक्तिगत और फोन के जरिए संपर्क में हैं और जरूरत पड़ेगी तो कोर कमेटी की बैठक भी करेंगे. लेकिन हम पूरी छानबीन करके जीतने वाले पर प्रत्याशी पर ही दांव लगाएंगे.
वसुंधरा राजे सम्मानित नेता
उपचुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे अब तक सक्रिय नहीं दिखी. यही सवाल जब सतीश पूनिया से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे हमारी सम्मानीय नेता हैं और पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं पार्टी भी चाहती हैं कि उनके सियासी कद का लाभ मिले. पूनिया ने कहा इलेक्शन कैंपेन के लिए हम उन्हें आमंत्रित भी करेंगे. समय और सुविधा के अनुसार वह इसके लिए काम करेंगी.
चुनाव की तैयारी पूरी हमें तो बस तारीख का ही था इंतजार
सतीश पूनिया ने कहा कि उपचुनावों को लेकर बीजेपी ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. क्योंकि चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही भाजपा ने वहां संगठनात्मक रूप से बैठक भी कर ली और फीडबैक का काम भी पूरा कर लिया है. उन्होंने कहा हमें तो केवल चुनाव की तारीखों का ऐलान का ही इंतजार था. भाजपा के पास अच्छे कार्यकर्ताओं की लंबी फेहरिस्त है. जिनमें हम गुण, अवगुण और जीतने की क्षमता के आधार पर प्रत्याशी का चयन करेंगे.
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परिवारवाद और बढ़ती उम्र के मापदंड को किया साइड लाइन
सतीश पूनिया ने उपचुनावों में पूर्व विधायक के परिवारजनों को टिकट देने के सवाल पर कहा कि भाजपा प्रत्याशी का चयन आम राय से कर रही है. टिकट मांगने वाला किसी के परिवार का हो या ना हो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन यदि स्थानीय कार्यकर्ता और कमेटी सदस्य और केंद्र व राज्य के सर्वे रिपोर्ट और फीडबैक में जो जीतो समझा जाएगा टिकट उसे ही मिलेगा, वही 75 वर्ष से अधिक उम्र के उम्मीदवारों को लेकर भी पूनिया ने साफ कर दिया की सामान्य रूप से 71 वर्ष से अधिक उम्र के पार्टी कार्यकर्ताओं को पार्टी ने कहा है कि वह सक्रिय राजनीति के बजाय पार्टी में किसी पद पर रहकर काम करें. लेकिन अब तक इसको लेकर कोई हार्ड एंड फास्ट रूल नहीं बने. ऐसे में उपचुनाव में केवल जीत का समीकरण ही देखा जाएगा और उसी के आधार पर प्रत्याशी तय होगा.
केंद्र ने अपने स्तर पर उपचुनाव लड़ने को कहा
राजस्थान में उपचुनाव के दौरान देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव भी हैं. राजस्थान से मोदी सरकार में मंत्री और प्रमुख नेता इन दिनों अन्य प्रदेशों के विधानसभा चुनावों के प्रचार में जुटे हैं. ऐसे में जब सतीश पूनिया से सवाल किया गया कि क्या केंद्र से कोई नेता उपचुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए राजस्थान आएगा तो उन्होंने कहा कि देश में पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हैं और पार्टी के तमाम बड़े नेता वहां व्यस्त हैं. केंद्र ने मौजूदा उपचुनाव प्रदेश को अपने स्तर पर लड़ने के लिए भी कहा है. लेकिन फिर भी केंद्रीय नेताओं को जैसी ही समय मिलेगा उनसे राजस्थान में प्रचार के लिए आग्रह किया जाएगा.
पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों पर क्या कहा
जब पूनिया से पूछा गया कि उपचुनाव में भाजपा प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, किसान कर्ज माफी और बेरोजगारी जैसे बड़े मुद्दे उठाएगी तो वहीं कांग्रेस देश में बढ़ती महंगाई और मोदी सरकार द्वारा रसोई गैस पर बंद की गई सब्सिडी को बड़ा मुद्दा मानते हैं. इसको लेकर पूनिया ने कहा कि पंचायत राज चुनाव में भाजपा ने राजस्थान में कांग्रेस को आईना दिखा दिया था. यह इस बात के संकेत भी हैं कि प्रदेश की जनता कांग्रेस के कामकाज से खुश नहीं है.
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रसोई गैस पर सब्सिडी बंद करने पर नहीं दिया सीधा जवाब
वहीं बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भी जनता में आक्रोश है. उपचुनावों में साफ तौर पर इसका असर दिखेगा. हालांकि रसोई गैस पर सब्सिडी बंद करने से जुड़े सवाल पर पूनिया ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. लेकिन यह जरूर कहा कि पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर हैं और केंद्रीय सरकार भी यही प्रयास कर रही है कि महंगाई पर काबू पाया जा सके. पेट्रोल-डीजल पर राजस्थान में अन्य प्रदेशों की तुलना में अधिक दरों से लग रहे वेट के मामले में भी पूनिया ने प्रदेश की गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा किया.
राम मंदिर आस्था का विषय राजनीति का नहीं
सतीश पूनिया से उपचुनावों में राम मंदिर निर्माण के प्रभाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण राजनीति का नहीं बल्कि आस्था का विषय है. देश की जनता यह चाहती थी कि मंदिर बने क्योंकि राम मंदिर भारत में नहीं बनेगा तो कहां बनेगा और मोदी सरकार ने उस दिशा में सकारात्मक पहल की है. जिससे देश की जनता का विश्वास मोदी सरकार में बढ़ा है.