जयपुर. कोटा में आरएसएस के कार्यकर्ता पर हुए हमले को लेकर सतीश पूनिया ने कहा कि प्रदेश में अपराधी बेखौफ हो गए हैं. उन्होंने न तो संगठन के बड़े लोगों को छोड़ा और ना ही भगवान की मूर्तियों को छोड़ा. राजधानी में भी इस तरह की वारदातें लगातार होती रही हैं. यह साफ हो गया है कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था सरकार के हाथ में नहीं है, अपराधियों के हाथ में प्रदेश की कानून-व्यवस्था खेल रही है.
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में लगातार आपराधिक घटनाओं के आंकड़ों का बढ़ना प्रदेश सरकार की विफलता बता रहा है. राज्यपाल के अभिभाषण में केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने को लेकर पूनिया ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण राज्यपाल की व्यक्तिगत विचार नहीं है. राज्यपाल सरकार का लिखा हुआ भाषण पढ़ते हैं. अभिभाषण में सरकार अपनी सफलता, प्रशंसा और अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने का काम करती है. कल से पता लगेगा कि सरकार कितने पानी में है. जो भी बातें राज्यपाल के अभिभाषण में पढ़ी गईं हैं वे सरकार के मंत्रमुग्ध होने का कारण है. पहले भी ऐसा होता आया है. कांग्रेस के जनघोषणा पत्र में भी इसी तरह से बातें की गई थीं. पिछले और अभी के अभिभाषण की तुलना की जाए तो 50 फीसदी से भी कम वादे यह सरकार पूरी कर पाई है.
आंकड़ों की जादूगरी और बाजीगरी...
उन्होंने कहा कि यह सरकार आंकड़ों की जादूगरी और बाजीगरी करती है, लेकिन राजस्थान की कानून-व्यवस्था, किसानों की कर्जमाफी, बेरोजगारों का सड़कों पर प्रदर्शन, विकास के काम, पंचायती राज के साथ भेदभाव किया गया. इस तरह की लंबी फेहरिस्त है जिसका सदन में सरकार को सामना करना पड़ेगा. वसुंधरा राजे अनदेखी और हाड़ौती में हार को लेकर किए गए सवाल पर सतीश पूनिया ने कहा कि चुनाव की हार-जीत किसी पार्टी को नुकसान नहीं करती. भारतीय जनता पार्टी बड़ा संगठन और बड़ी विचारधारा है, हर नेता और हर कार्यकर्ता की इसमें अहमियत है. वसुंधरा राजे को लेकर विधायकों के अपने निजी विचार हो सकते हैं. पार्टी समुद्र है, जिसमें कार्यकर्ता, नेताओं और उसकी विचारधारा के लोग शामिल होते हैं. विधायकों ने वसुंधरा राजे को लेकर अपनी व्यक्तिगत भावनी भावनाएं प्रकट की होगी. पार्टी हमारे लिए बड़ी है और हम उसके लिए वफादार हैं.
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अब समय बदल गया है...
वहीं, सहाड़ा में नेताओं को बीजेपी में लाने के सवाल पर पूनिया ने कहा कि यह तोड़फोड़ की राजनीति नहीं है. एक जमाने में कांग्रेस को लोग पसंद करते थे, उसके साथ जाते थे. अब समय बदल गया है. पिछले दिनों कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा का दामन थामा है, बीजेपी में आने वाले लोग बीजेपी की विचारधारा के समर्थक हैं और चुनावी जंग में भी हमारे साथ जुड़ते हैं तो हम उनका स्वागत करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने चुनाव में सरकारी मशीनरी का जमकर दुरुपयोग किया. पुलिस को कांग्रेसी कार्यकर्ता के रूप में उपयोग किया गया. पूनिया ने कहा कि कांग्रेस अपने ओछे हथकंडों पर उतर आई है, लेकिन हम हमारी पार्टी की विचारधारा के जरिए लोगों को अपने साथ जोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि आरएसएस को अशोक गहलोत जैसे लोगों के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है. जब अशोक गहलोत पैदा भी नहीं हुए, उससे पहले से ही आरएसएस अपना काम करता आ रहा है. अशोक गहलोत को आरएसएस का फोबिया हो गया है और उसका कोई इलाज नहीं है.
राहुल गांधी के ट्रैक्टर में दम नहीं है...
राहुल गांधी की राजस्थान दौरे को लेकर भी सतीश पुनिया ने कहा कि 50 साल में कांग्रेस किसानों के हित में कोई बिल लेकर नहीं आई और न ही किसानों के हक में भी कोई कदम नहीं उठाया. राहुल गांधी किसानों के लिए कुछ कर रहे हैं तो वह सियासी पाखंड है. उनकी पार्टी और उनके खानदान को राज करने का भी पूरा मौका दिया गया. किसान क्रेडिट कार्ड और प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना यह सब भाजपा की देन है. वह प्रदेश में आते हैं तो अराजकता और अवसरवाद की राजनीति के लिए आते हैं. सरकार ने अपनी नाक ऊंची करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया है. अपने दौरे में वे पीलीबंगा जाएंगे और वहीं उन्होंने 10 दिन में किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की थी. किसान उनसे पूछेंगे कि उनका 99 हजार करोड़ का कर्जा माफ क्यों नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के ट्रैक्टर में दम नहीं है, यह उनका सियासी ढोंग है. देखते हैं पंजाब की तरह क्या उनके ट्रैक्टर में सोफा सेट लगी होती है या नहीं.