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निकाय चुनाव को लेकर पूनिया का दावा, 'पूरी ताकत के साथ लड़कर शानदार जीत हासिल करेगी बीजेपी' - राजस्थान में निकाय चुनाव

राजस्थान के 20 जिलों की 90 निकायों में होने वाले चुनाव में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया बीजेपी की जीत का दावा किया है. पूनिया ने कहा कि बीजेपी पूरी ताकत और तैयारी के साथ निकाय चुनाव लड़ रही है और कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम से पार्टी को शानदार जीत मिलेगी.

Rajasthan civic elections 2021, Statement of satish poonia
निकाय चुनाव को लेकर पूनिया का दावा
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Published : Jan 16, 2021, 10:08 PM IST

जयपुर. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया 20 जिलों की 90 निकायों में होने वाले निकाय चुनाव-2021 में बीजेपी की जीत का दावा किया है. पूनिया ने कहा कि बीजेपी पूरी ताकत और तैयारी के साथ निकाय चुनाव लड़ रही है और कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम से पार्टी को शानदार जीत मिलेगी. प्रदेश भर में गांवों से लेकर शहरों तक जनविरोधी नीतियों के कारण जनता कांग्रेस को नकार रही है. बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था, ठप पड़े विकास कार्य, लम्बित भर्तियां, भ्रष्टाचार निकाय चुनाव में बड़े मुद्दे होंगे.

निकाय चुनाव को लेकर पूनिया का दावा

सतीश पूनिया ने शनिवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि हाल ही में हुए 50 निकायों के चुनाव में भले ही गहलोत सरकार ने वार्डों का परिसीमन कर एवं सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर तिकड़म किया हो, लेकिन कांग्रेस को आशानुरूप नतीजे नहीं मिले. सतीश पूनिया ने कहा कि 2.41 करोड़ मतदाताओं वाले 21 जिलों के पंचायतीराज चुनाव में से 5 में ही कांग्रेस को सफलता मिली. वहीं भाजपा ने जनता के आशीर्वाद से 14 जिलों में जिला प्रमुख बोर्ड बनाए. वहीं 14 करोड़ मतदाताओं के 50 निकायों में कांग्रेस को भाजपा से मात्र 2888 वोट ही अधिक मिले थे.

पूनिया ने कहा कि प्रदेश भर में गांवों से लेकर शहरों तक जनविरोधी नीतियों के कारण जनता कांग्रेस को नकार रही है. जिसका बड़ा स्पष्ट प्रमाण 21 जिलों में हुए पंचायतीराज चुनाव में आप सभी ने देखा. 90 निकायों में 28 जनवरी को वोटिंग होनी है, जिसमें 3035 वार्ड शामिल है, लेकिन भाजपा को इन वार्डों में से 395 वार्डों में तो उम्मीदवार ही नहीं मिले. जिसकी वजह से पार्टी महज 2635 वार्डों में ही अपने प्रत्याशी खड़े कर पाई है.

पढ़ें- डूंगरपुर निकाय चुनाव: टिकट वितरण को लेकर भाजपा में बवाल, भाजयुमो जिलाध्यक्ष व भाजपा नगर अध्यक्ष को पद से हटाया

प्रत्याशियों के चयन में देरी की वजह भी इसको एक कारण माना जा रहा है कि क्योंकि पार्टी ने सभी निकायों पर 14 जनवरी को टिकट तय की, जबकि 15 जनवरी नामांकन के लिए आखिरी दिन था. ऐसे में मतदान और मतगणना से पहले ही भाजपा एक स्टेप पीछे हो गई. हालांकि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया इसको रणनीति के तहत बता रहे हैं. पूनिया ने सफाई देते हुए कहा कि स्थानीय रणनीति के तहत ये नामांकन दाखिल नहीं कराए गए है. पूनिया ने इस दौरान दावा किया कि भ्रष्टाचार, भर्ती, बेरोजगारी, संविदाकर्मी, बिजली के बिल जैसे मुद्दे सत्ताधारी पार्टी पर भारी पडे़ंगे.

जयपुर. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया 20 जिलों की 90 निकायों में होने वाले निकाय चुनाव-2021 में बीजेपी की जीत का दावा किया है. पूनिया ने कहा कि बीजेपी पूरी ताकत और तैयारी के साथ निकाय चुनाव लड़ रही है और कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम से पार्टी को शानदार जीत मिलेगी. प्रदेश भर में गांवों से लेकर शहरों तक जनविरोधी नीतियों के कारण जनता कांग्रेस को नकार रही है. बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था, ठप पड़े विकास कार्य, लम्बित भर्तियां, भ्रष्टाचार निकाय चुनाव में बड़े मुद्दे होंगे.

निकाय चुनाव को लेकर पूनिया का दावा

सतीश पूनिया ने शनिवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि हाल ही में हुए 50 निकायों के चुनाव में भले ही गहलोत सरकार ने वार्डों का परिसीमन कर एवं सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर तिकड़म किया हो, लेकिन कांग्रेस को आशानुरूप नतीजे नहीं मिले. सतीश पूनिया ने कहा कि 2.41 करोड़ मतदाताओं वाले 21 जिलों के पंचायतीराज चुनाव में से 5 में ही कांग्रेस को सफलता मिली. वहीं भाजपा ने जनता के आशीर्वाद से 14 जिलों में जिला प्रमुख बोर्ड बनाए. वहीं 14 करोड़ मतदाताओं के 50 निकायों में कांग्रेस को भाजपा से मात्र 2888 वोट ही अधिक मिले थे.

पूनिया ने कहा कि प्रदेश भर में गांवों से लेकर शहरों तक जनविरोधी नीतियों के कारण जनता कांग्रेस को नकार रही है. जिसका बड़ा स्पष्ट प्रमाण 21 जिलों में हुए पंचायतीराज चुनाव में आप सभी ने देखा. 90 निकायों में 28 जनवरी को वोटिंग होनी है, जिसमें 3035 वार्ड शामिल है, लेकिन भाजपा को इन वार्डों में से 395 वार्डों में तो उम्मीदवार ही नहीं मिले. जिसकी वजह से पार्टी महज 2635 वार्डों में ही अपने प्रत्याशी खड़े कर पाई है.

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प्रत्याशियों के चयन में देरी की वजह भी इसको एक कारण माना जा रहा है कि क्योंकि पार्टी ने सभी निकायों पर 14 जनवरी को टिकट तय की, जबकि 15 जनवरी नामांकन के लिए आखिरी दिन था. ऐसे में मतदान और मतगणना से पहले ही भाजपा एक स्टेप पीछे हो गई. हालांकि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया इसको रणनीति के तहत बता रहे हैं. पूनिया ने सफाई देते हुए कहा कि स्थानीय रणनीति के तहत ये नामांकन दाखिल नहीं कराए गए है. पूनिया ने इस दौरान दावा किया कि भ्रष्टाचार, भर्ती, बेरोजगारी, संविदाकर्मी, बिजली के बिल जैसे मुद्दे सत्ताधारी पार्टी पर भारी पडे़ंगे.

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