जयपुर. जयपुर नगर निगम ग्रेटर निलंबित महापौर के पति राजाराम गुर्जर के वायरल वीडियो मामले के 24 घंटे बाद सतीश पूनिया ने शुक्रवार रात इस मामले में अपना वक्तव्य जारी किया. पूनिया ने भी अन्य भाजपा नेताओं की तरह इसे प्रदेश सरकार का षड्यंत्र ही बताया.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की ओर से जारी बयान में कहा गया की सफाई कंपनी बीवीजी कम्पनी के अधिकारी ने भी यह स्वीकार कर लिया है कि किसी तरह की कोई अनियमितता नहीं पाई गई. इस दौरान मौजूदा घटनाक्रम की तुलना प्रदेश सरकार पर आए सियासी संकट के दौरान कांग्रेस मंत्री विधायकों की फोन टैपिंग की घटनाक्रम से भी की गई. यह भी कह दिया किस सचिन पायलट और उनकी पार्टी के कुछ विधायक पिछले दिनों हुए समझौते को लागू करने की बार-बार मांग कर रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री अपनी ही पार्टी के विधायकों को संतुष्ट नहीं कर पा रहे.
पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर मांग उठा रहे नेताओं को डराने धमकाने के साथ भाजपा के खिलाफ साजिश रच रहे हैं. लेकिन वह इसमें सफल नहीं होंगे. पूनिया ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री लोकतंत्र की तो बात करते हैं, लेकिन उनकी सरकार के मंत्री इस तरह फेक वीडियो बनाने वालों को पैसे देते हैं.
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने भी एक बयान जारी कर वायरल वीडियो को पूर्ण रूप से फर्जी और कूटरचित करार दिया. सतीश पूनिया ने किसान नेता स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर उनको अपनी श्रद्धांजलि भी दी और स्वर्गीय पायलट का किसानों के उत्थान में बड़ा योगदान भी बताया.
पहले दिन चुप्पी क्यों ? ये भी चर्चा का विषय
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया अमूमन प्रदेश में होने वाली किसी भी बड़ी घटनाक्रम को लेकर काफी सचेत रहते हैं और प्रदेश सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते. लेकिन यह वायरल वीडियो उस निलंबित महापौर के पति का है जिसके निलंबन की कार्रवाई के विरोध में भाजपा लगातार सड़कों पर सरकार से लड़ रही है. ऐसे में जब वायरल वीडियो मीडिया में आया तो इंतजार था कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष इस मामले में अपना बयान जारी करेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
आलम यह रहा कि रात 11 बजे बाद भाजपा नेताओं ने इस मामले में अपने बयान जारी किए. वह भी सीमित और सधे हुए शब्दों में. मामला चूंकि वायरल वीडियो का था. लेकिन इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी की भूमिका पर जब सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं ने सवाल उठाए तो आखिरकार दूसरे दिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को अपनी चुप्पी तोड़नी ही पड़ी.