जयपुर. राजस्थान में कोरोना महामारी के बीच सियासत का संक्रमण भी लगातार हावी हो रहा है. एक बार फिर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया और प्रदेश प्रवक्ता व विधायक रामलाल शर्मा ने कोरोना महामारी में कुप्रबंधन को लेकर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जुबानी हमला बोला है.
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सतीश पूनिया ने एक बयान जारी कर कहा कि, कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में राजस्थान सरकार का कुप्रबंधन इस कदर है कि शायद इतिहास के काले अक्षरों में दर्ज हो जाए. उन्होंने कहा कि, राज्य में मरीज अस्पतालों के दरवाजों पर दम तोड़ रहे हैं, क्या यह राज्य सरकार की नैतिक जिम्मेदारी नहीं थी कि सालभर में चिकित्सा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करती और मरीजों को न्याय देती. पूनिया ने कहा कि, क्या राजस्थान की गहलोत सरकार इस बात का जवाब देगी कि उसकी नाक के नीचे ऑक्सीजन, अस्पतालों के बिस्तर, वेंटिलेटर्स की दलाली हो रही है. साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की दलाली भी जाहिर है ही, यह हम नहीं कह रहे, राज्य की एजेंसी एसीबी कहती है.
पूनिया ने पीएम केयर्स फंड के माध्यम से राज्य सरकार को मिले 1500 वेंटिलेटर के लिए कहा कि उनमें से ज्यादातर या तो इंस्टॉल नहीं हुए और जो इंस्टॉल हुए वो भरतपुर जिले में किस तरीके से सरकारी वेंटिलेटर्स निजी अस्पताल को किराए पर दिए गए वो सबके सामने है. पूनिया ने कहा कि, क्या यह सरकार बेड्स ऑन सेल, वेंटिलेटर ऑन रेंट की तर्ज पर चलेगी ? पूनिया ने कहा कि ये शर्मनाक है की इस तरीके से राज्य सरकार की नाक के नीचे दलाल पनप रहे हैं और मरीजों के जीवन से खिलवाड़ हो रहा है.
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रामलाल शर्मा ने भी एक बयान जारी कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कोविड-19 प्रबंधन को लेकर घेरा है. रामलाल शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री जी सारी जिम्मेदारी और जवाबदेही भारत सरकार की बताते हैं. लेकिन गहलोत साहब यह बता दें कि क्या हेल्थ राज्य का विषय नहीं है. रामलाल शर्मा ने कहा कि जिस तरीके से राजस्थान में कोविड-19 प्रबंधन के दौरान घटनाएं घटित हो रही हैं वो शर्मनाक हैं. फिर चाहे आरयूएचएस में रुपये लेकर बेड उपलब्ध कराने का मामला हो या फिर भरतपुर में सरकारी वेंटिलेटर को निजी अस्पतालों में किराए पर देने का.
रामलाल शर्मा ने बीकानेर में ऑक्सीजन की कमी के चलते हैं चार लोगों की मौत के मामले को भी शर्मनाक बताया और यह तक कह दिया कि राजस्थान की जनता जिस दौर से गुजर रही है मुझे नहीं लगता कि आने वाले समय में इसकी भरपाई हो पाएगी. रामलाल शर्मा ने अपने बयान में कहा कि लोगों को बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन और दवाइयां नहीं मिल रही है. वहीं सरकार के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खाली पड़े हैं और एक भी कोविड-19 मरीज का इलाज इन सेंटरों में नहीं हो रहा है. शर्मा ने कहा कि आप व्यवस्थाएं कीजिए कि ग्रामीण क्षेत्र के अंदर भी जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बने हुए हैं, उनमें भी कोविड-19 मरीजों का उपचार शुरू हो सके.