जयपुर. केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को लेकर आए बयान के बाद प्रदेश की सियासत गर्म है. अठावले एक बार फिर सचिन पायलट द्वारा अधिक विधायकों के साथ सरकार छोड़ने के संकेत देते हैं, लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया इससे नाइत्तफाकी रखते हैं. पूनिया के अनुसार प्रदेश सरकार बुनियादी तौर पर अल्पमत की सरकार है और भगवान के भरोसे चल रही है. साथ ही मन और व्यवहार से यह सरकार अस्थिर है, जिसके चलते इस प्रकार के बयान नेता देते ही रहते हैं.
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पूनिया के अनुसार केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने जो बयान दिया है, उस पर तो वही ज्यादा प्रकाश डाल सकते हैं, लेकिन उनके इस बयान के बाद अन्य लोग भी ऐसे ही बयान देते हैं. हालांकि, मैं पहले भी कह चुका हूं कि बुनियादी तौर पर यह सरकार जुगाड़ पर ही चल रही है और अल्पमत में है. अल्पमत में होने के कारण इस प्रकार के बयान आना लाजमी भी है.
कांग्रेस में असंतुष्टी की ज्वाला कभी भी विस्फोटक रूप ले सकती है : रामलाल
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने इस मामले में कहा कि यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है पर पहले इसका समाधान 3 सदस्य कमेटी द्वारा किया गया था, लेकिन वो कमेटी फिलहाल कुछ काम नहीं कर रही. हालांकि, सचिन पायलट गुट से जुड़े नेताओं की कितनी संतुष्टि या असंतुष्टि हुई है, ये अलग बात है.
वहीं, अठावले के बयान को रामलाल शर्मा ने उनका संभावित कयास भी बताया और कहा कि कांग्रेस की मौजूदा स्थिति पर कोई भी कुछ भी कह सकता है, लेकिन हकीकत यह है कि कांग्रेस के अंदर स्थितियां ज्यादा बेहतर नहीं है और राजस्थान के अंदर इनके विधायक जो खुल कर बोल रहे हैं. सरकार की कार्यशैली भ्रष्टाचार को लेकर उसके आधार पर कहा जा सकता है कि असंतोष की जो ज्वाला है कभी भी विस्फोटक स्थिति ले सकती हैं.
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गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने एजेंसी को दिए एक बयान में कहा था कि हमें राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार गिराने की आवश्यकता नहीं है, उन्हें सचिन पायलट को संभालने की जरूरत थी. सचिन पायलट पर कांग्रेस में अन्याय हो रहा है. इसलिए वो 1 दिन और ज्यादा विधायकों के साथ बाहर आ जाएंगे और उनकी सरकार गिर जाएगी.