जयपुर. राजधानी में पिछले 2 महीने से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे बेरोजगार कोविड स्वास्थ्य सहायकों के मामले में अब सियासत भड़क गई (Covid health assistant suicide in Alwar) है. अलवर में कोविड स्वास्थ्य सहायक खेमचंद मीणा सुसाइड मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है.
इस मामले में रविवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बयान जारी कर कहा (Satish Poonia on Covid health assistant suicide) कि राज्य की कांग्रेस सरकार की जन और युवा विरोधी नीतियों का ही नतीजा है कि अलवर निवासी कोविड-19 सहायक खेमचंद मीणा ने आर्थिक तंगी के कारण सुसाइड कर लिया. पूनिया ने कहा कांग्रेस सरकार की जनविरोधी नीतियों और वादाखिलाफी के कारण प्रदेश के किसान और युवा खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. पूनिया ने कहा कि राजधानी जयपुर में यह बेरोजगार पिछले 2 महीने से ज्यादा समय से धरना दे रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हठधर्मिता के कारण इनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रहे. पूनिया ने मुख्यमंत्री से संवेदनशीलता दिखाते हुए इन युवाओं के साथ न्याय करने की बात कही.
वहीं प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने इस मामले में रविवार रात ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर हमला बोला. राठौड़ ने कहा (Rajendra Rathore on Covid health assistant suicide) कि राजस्थान 28.8 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ देश में दूसरे पायदान पर है. सरकार युवाओं की मांग को अनसुना कर रही है, जिसके चलते बेरोजगार युवा आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं. राठौड़ ने कहा सरकार को आंदोलनरत कोविड स्वास्थ्य सहायक की मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर उसे स्वीकार करना चाहिए. राठौड़ ने अलवर में कोविड-19 सहायक खेमचंद मीणा द्वारा नौकरी जाने से परेशान होकर आत्महत्या कर लेने की घटनाओं पर भी दुख जताया. वहीं इस मामले में आम आदमी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मयंक त्यागी ने भी राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. साथ ही प्रदेश सरकार से कोविड स्वास्थ्य सहायकों की मांग पूरी करने को कहा है.