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मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा बोले- लाखों खर्च करके होती है विधान सभा की बैठक, 200 में से 175 विधायक नदारद

राजस्थान विधानसभा में बजट बहस के दौरान मुख्यमंत्री के सलाहकार (Chief Minister Advisor in Budget Session) संयम लोढ़ा ने सदन में अधिकारियों और विधायकों की कम उपस्थिति पर आपत्ति जताई. उन्होंने इस संबंध में सख्त व्यवस्था लागू करने की मांग की है.

Sanyam Lodha Target BJP
संयम लोढ़ा
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Published : Feb 25, 2022, 11:04 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को उस समय जबरदस्त हंगामा हो गया, जब मुख्यमंत्री के सलाहकार (Uproar Over Sanyam Lodha Statement) संयम लोढ़ा ने सदन में अधिकारियों और विधायकों की बजट पर बहस के दौरान कम उपस्थिति पर ऐतराज जताया. उन्होंने यहां तक कह दिया कि विधायक की सदन में उपस्थिति का समय शाम 5 बजे किया जाए. ताकि यहां 5 बजे तक मौजूद रहें, नहीं तो यह दस्तखत करके भत्ता उठा लेते हैं.

संयम लोढ़ा की बात पर विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और खुद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी सहमति (Kataria Supported Sanyam Lodha Statement) जताते हुए कहा कि सदन में अधिकारियों के अटेंडेंस चेक की जाए. ऐसे महत्वपूर्ण समय में विधानसभा से नदारद रहने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए.

पढ़ें : Rajasthan Assembly Session: नंदी शाला के सवाल पर प्रतिपक्ष नाराज, सदन से किया वॉकआउट...और कई मामलों में छिड़ी बहस

दरअसल, हुआ यह कि जैसे इंद्राज गुर्जर बैठे, वैसे ही संयम लोढ़ा ने कहा कि लाखों रुपए खर्च कर सदन की बैठक बुलाई जाती है. लेकिन 200 में से 175 विधायक भी सदन में मौजूद नहीं हैं. ऑफिसर गैलरी में एक अधिकारी नहीं बैठा है जो इस बात को नोट करे. इस सदन की गरिमा लगातार इस प्रवृत्ति से गिर रही है. उन्होंने कहा कि दरख्वास्त करूंगा कि इस पर कोई सख्त व्यवस्था दी जाए. संयम लोढ़ा की बात को आगे बढ़ाते हुए उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि वैसे भी सदन में अब बैठकें कम होती हैं और बजट पर बहस चल रही है. एक भी अधिकारी सामने नहीं है, जिसके समक्ष विधायक अपनी मांग रख सकें.

इसपर मंत्री बीडी कल्ला ने अधिकारियों का बचाव करते हुए कहा कि एक अधिकारी यहां है. वह केवल पानी पीने बाहर चला गया होगा. इस पर संयम लोढ़ा और बीडी कल्ला में बहस हो गई. संयम लोढ़ा ने कहा कि आप ज्ञानी हो. लेकिन क्या यह ठीक है कि अधिकारी यहां मौजूद नहीं है?. इस पर राजेंद्र राठौड़ भी बी डी कल्ला से उलझ गए. इसी बीच नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि मुझे इतने सालों का अनुभव है. लेकिन लगातार ऑफिसर गैलरी में अधिकारी रुकने में लापरवाही बरत रहे हैं और आप जैसा मंत्री उनको डिफेंड कर रहा है तो व्यवस्था कैसे सुधरेगी?.

सदन में किसने क्या कहा, सुनिए...

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि व्यवस्था सुधारो नहीं तो भट्टा बैठ रहा है. इस पर लगातार सदन में हंगामा हुआ और राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि केवल एक अधिकारी यहां मौजूद है. वह भी जूनियर अधिकारी. इस पर उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने भी कहा कि यह जूनियर अधिकारी नहीं है, बल्कि जोधपुर के कलेक्टर रह चुके हैं.

इस पर फिर कटारिया ने कहा कि बजट में जब डिस्कशन होता है तो प्रत्येक संभाग का जिम्मेदार अधिकारी यहां रहता है, ताकि क्षेत्र का विधायक जो भी अपनी बात रखे उसे नोट करता रहे. इस पर जब सदन में हंगामा होता रहा तो सभापति जेपी चंदेलिया ने कहा कि आप लोगों ने अपनी बात रख दी है. यह हमारी नजर में आ गया है. उन्होंने सचेतक को इस बात को देखने की बात कही.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को उस समय जबरदस्त हंगामा हो गया, जब मुख्यमंत्री के सलाहकार (Uproar Over Sanyam Lodha Statement) संयम लोढ़ा ने सदन में अधिकारियों और विधायकों की बजट पर बहस के दौरान कम उपस्थिति पर ऐतराज जताया. उन्होंने यहां तक कह दिया कि विधायक की सदन में उपस्थिति का समय शाम 5 बजे किया जाए. ताकि यहां 5 बजे तक मौजूद रहें, नहीं तो यह दस्तखत करके भत्ता उठा लेते हैं.

संयम लोढ़ा की बात पर विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और खुद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी सहमति (Kataria Supported Sanyam Lodha Statement) जताते हुए कहा कि सदन में अधिकारियों के अटेंडेंस चेक की जाए. ऐसे महत्वपूर्ण समय में विधानसभा से नदारद रहने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए.

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दरअसल, हुआ यह कि जैसे इंद्राज गुर्जर बैठे, वैसे ही संयम लोढ़ा ने कहा कि लाखों रुपए खर्च कर सदन की बैठक बुलाई जाती है. लेकिन 200 में से 175 विधायक भी सदन में मौजूद नहीं हैं. ऑफिसर गैलरी में एक अधिकारी नहीं बैठा है जो इस बात को नोट करे. इस सदन की गरिमा लगातार इस प्रवृत्ति से गिर रही है. उन्होंने कहा कि दरख्वास्त करूंगा कि इस पर कोई सख्त व्यवस्था दी जाए. संयम लोढ़ा की बात को आगे बढ़ाते हुए उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि वैसे भी सदन में अब बैठकें कम होती हैं और बजट पर बहस चल रही है. एक भी अधिकारी सामने नहीं है, जिसके समक्ष विधायक अपनी मांग रख सकें.

इसपर मंत्री बीडी कल्ला ने अधिकारियों का बचाव करते हुए कहा कि एक अधिकारी यहां है. वह केवल पानी पीने बाहर चला गया होगा. इस पर संयम लोढ़ा और बीडी कल्ला में बहस हो गई. संयम लोढ़ा ने कहा कि आप ज्ञानी हो. लेकिन क्या यह ठीक है कि अधिकारी यहां मौजूद नहीं है?. इस पर राजेंद्र राठौड़ भी बी डी कल्ला से उलझ गए. इसी बीच नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि मुझे इतने सालों का अनुभव है. लेकिन लगातार ऑफिसर गैलरी में अधिकारी रुकने में लापरवाही बरत रहे हैं और आप जैसा मंत्री उनको डिफेंड कर रहा है तो व्यवस्था कैसे सुधरेगी?.

सदन में किसने क्या कहा, सुनिए...

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि व्यवस्था सुधारो नहीं तो भट्टा बैठ रहा है. इस पर लगातार सदन में हंगामा हुआ और राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि केवल एक अधिकारी यहां मौजूद है. वह भी जूनियर अधिकारी. इस पर उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने भी कहा कि यह जूनियर अधिकारी नहीं है, बल्कि जोधपुर के कलेक्टर रह चुके हैं.

इस पर फिर कटारिया ने कहा कि बजट में जब डिस्कशन होता है तो प्रत्येक संभाग का जिम्मेदार अधिकारी यहां रहता है, ताकि क्षेत्र का विधायक जो भी अपनी बात रखे उसे नोट करता रहे. इस पर जब सदन में हंगामा होता रहा तो सभापति जेपी चंदेलिया ने कहा कि आप लोगों ने अपनी बात रख दी है. यह हमारी नजर में आ गया है. उन्होंने सचेतक को इस बात को देखने की बात कही.

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