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Exclusive: स्कूली बच्चों को तनाव मुक्त करने के लिए प्रदेश भर में मनाया जाएगा 'परीक्षा पर्व' : संगीता बेनीवाल

कोरोना संक्रमण के बीच अब गहलोत सरकार ने कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों के भी, 8 फरवरी से स्कूल खोलने के निर्देश जारी कर दिए हैं. इस बीच अब स्कूली बच्चों की परीक्षा भी होगी. इसको लेकर बाल संरक्षण आयोग (Child Protection Commission) की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल (Sangeeta Beniwal) ने Etv Bharat से खास बातचीत की.

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संगीता बेनीवाल ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए...
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Published : Feb 2, 2021, 2:16 PM IST

जयपुर. तकरीबन एक साल स्कूल से दूर रहने के बाद बच्चों में परीक्षा को लेकर बढ़ रहे तनाव को कम करने के लिए राज्य बाल संरक्षण आयोग राज्य स्तरीय 'परीक्षा पर्व' मनाने की तैयारी कर रहा है. पर्व के तहत बच्चों को किस तरह से तनाव से मुक्त किया जाए, इसको लेकर जिलों से संबंधित अधिकारियों संग बैठक होगी. परीक्षा पर्व (Exam festival) को लेकर बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने Etv Bharat से खास बातचीत की.

संगीता बेनीवाल ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए...

उन्होंने बताया कि लगभग एक साल होने वाला है, बच्चों को स्कूल से दूर हुए. कोरोना के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पाए और उन्होंने पूरे एक साल ऑनलाइन पढ़ाई की है. ऐसे में अब धीरे-धीरे स्कूल खोलने की अनुमति दे दी गई है. पहले कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों की और अब 8 फरवरी से कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को स्कूल जाने की अनुमति गहलोत सरकार ने दे दी है. लेकिन इस दौरान बच्चों की परीक्षा भी होनी है.

यह भी पढ़ें: दो सरकारी स्कूलों में 1 दर्जन छात्र कोरोना पॉजिटिव, शिक्षा विभाग और अभिभावकों में हड़कंप

करीब एक साल स्कूल से दूर रहने के बाद बच्चों का मानसिक रूप से तनाव परीक्षा को लेकर बढ़ा हुआ है. बच्चों को किस तरह से मानसिक राहत दी जाए और उन्हें परीक्षा के लिए मोटिवेट किया जाए, इसको लेकर राज्य बाल आयोग और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के संयुक्त तत्वावधान में जयपुर में राज्य स्तरीय परीक्षा पर्व मनाया जाएगा. चयनित 10 जिलों में जिला स्तर पर यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इसके लिए 10 जिलों का चयन किया गया है. इसी तरह बाल आयोग आपके द्वार अभियान का आगाज नागौर जिले से किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: स्कूलों में बच्चों को संक्रमण से बचाना प्राथमिकता, साल खराब नहीं हो, यह ध्यान रखना भी जरूरी: डोटासरा

संगीता बेनीवाल ने बताया कि आयोग की पूरी टीम 12 फरवरी को नागौर जाएगी. नागौर से बाल अधिकारों के संबंध में जनसुनवाई और निरीक्षण बैठक इत्यादि करेगी. वहीं 13 फरवरी को कुचामन सिटी में बाल अधिकारों के संबंध में जनसुनवाई कार्यक्रम किया जाएगा. बेनीवाल ने बताया कि 8 फरवरी से कक्षा 6 से 8 तक के खुलने वाले स्कूलों को आयोग के सदस्य आकस्मिक निरीक्षण करेंगे. कोरोना से बचाव के लिए कोरोना गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित की जाएगी. इसको लेकर औचक निरीक्षण के दौरान देखा जाएगा.

कुछ जरूरी बातें...

  • करीब 10 जिलों में मनाया जाएगा परीक्षा पर्व.
  • कोटा, सीकर, अलवर, अजमेर और उदयपुर जिलों का चयन.
  • करौली, धौलपुर, जैसलमेर और सिरोही सहित 12 जिलों का चयन.
  • आयोग की फुल कमीशन की बैठक में हुआ निर्णय.
  • बैठक की अध्यक्षता आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने की.
  • बैठक में डॉ. विजेंद्र सिंह, डॉ. शैलेंद्र पांडेय, शिव भगवान नागा मौजूद रहे.
  • नुसरत नकवी, वंदना व्यास, सदस्य सचिव महेंद्र प्रताप सिंह और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे.

जयपुर. तकरीबन एक साल स्कूल से दूर रहने के बाद बच्चों में परीक्षा को लेकर बढ़ रहे तनाव को कम करने के लिए राज्य बाल संरक्षण आयोग राज्य स्तरीय 'परीक्षा पर्व' मनाने की तैयारी कर रहा है. पर्व के तहत बच्चों को किस तरह से तनाव से मुक्त किया जाए, इसको लेकर जिलों से संबंधित अधिकारियों संग बैठक होगी. परीक्षा पर्व (Exam festival) को लेकर बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने Etv Bharat से खास बातचीत की.

संगीता बेनीवाल ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए...

उन्होंने बताया कि लगभग एक साल होने वाला है, बच्चों को स्कूल से दूर हुए. कोरोना के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पाए और उन्होंने पूरे एक साल ऑनलाइन पढ़ाई की है. ऐसे में अब धीरे-धीरे स्कूल खोलने की अनुमति दे दी गई है. पहले कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों की और अब 8 फरवरी से कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को स्कूल जाने की अनुमति गहलोत सरकार ने दे दी है. लेकिन इस दौरान बच्चों की परीक्षा भी होनी है.

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करीब एक साल स्कूल से दूर रहने के बाद बच्चों का मानसिक रूप से तनाव परीक्षा को लेकर बढ़ा हुआ है. बच्चों को किस तरह से मानसिक राहत दी जाए और उन्हें परीक्षा के लिए मोटिवेट किया जाए, इसको लेकर राज्य बाल आयोग और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के संयुक्त तत्वावधान में जयपुर में राज्य स्तरीय परीक्षा पर्व मनाया जाएगा. चयनित 10 जिलों में जिला स्तर पर यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इसके लिए 10 जिलों का चयन किया गया है. इसी तरह बाल आयोग आपके द्वार अभियान का आगाज नागौर जिले से किया जाएगा.

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संगीता बेनीवाल ने बताया कि आयोग की पूरी टीम 12 फरवरी को नागौर जाएगी. नागौर से बाल अधिकारों के संबंध में जनसुनवाई और निरीक्षण बैठक इत्यादि करेगी. वहीं 13 फरवरी को कुचामन सिटी में बाल अधिकारों के संबंध में जनसुनवाई कार्यक्रम किया जाएगा. बेनीवाल ने बताया कि 8 फरवरी से कक्षा 6 से 8 तक के खुलने वाले स्कूलों को आयोग के सदस्य आकस्मिक निरीक्षण करेंगे. कोरोना से बचाव के लिए कोरोना गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित की जाएगी. इसको लेकर औचक निरीक्षण के दौरान देखा जाएगा.

कुछ जरूरी बातें...

  • करीब 10 जिलों में मनाया जाएगा परीक्षा पर्व.
  • कोटा, सीकर, अलवर, अजमेर और उदयपुर जिलों का चयन.
  • करौली, धौलपुर, जैसलमेर और सिरोही सहित 12 जिलों का चयन.
  • आयोग की फुल कमीशन की बैठक में हुआ निर्णय.
  • बैठक की अध्यक्षता आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने की.
  • बैठक में डॉ. विजेंद्र सिंह, डॉ. शैलेंद्र पांडेय, शिव भगवान नागा मौजूद रहे.
  • नुसरत नकवी, वंदना व्यास, सदस्य सचिव महेंद्र प्रताप सिंह और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे.
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