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कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना सुनिश्चित हो, संगीता बेनीवाल ने सभी कलेक्टर से मांगी रिपोर्ट

संगीत बेनीवाल की अध्यक्षता में फुल कमिशन की वर्चुअल बैठक आयोजित हुई. इस दौरान उन्होंने कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए के सभी जिला कलेक्टर को दिशा-निर्देश जारी किया.

अनाथ हुए बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ, Benefits of government schemes to orphaned children
अनाथ हुए बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ
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Published : Jun 5, 2021, 8:12 AM IST

जयपुर. कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को दिशा-निर्देश जारी किया है. साथ ही इन बच्चों को राज्य सरकार की योजनाओं से जोड़ने के लिए अध्यक्ष संगीत बेनीवाल की अध्यक्षता में फुल कमिशन की वर्चुअल बैठक आयोजित हुई.

बैठक में संगीता बेनीवाल ने प्रदेश में कोविड-19 महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों के पुनर्वास को लेकर चर्चा की. बेनीवाल ने कहा कि अब तक जितने भी बच्चे अनाथ हुए हैं, उन बच्चों को ज्यादा से ज्यादा सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाना सुनिश्चित किया जाए.

पढ़ें- 25 लाख की लॉटरी के नाम पर 22 लाख की ठगी, दंपती सहित 3 गिरफ्तार...चौंकाने वाले खुलासे आए सामने

इस दौरान उन्होंने चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर्स को लेकर भी चर्चा की गई. साथ ही चाइल्ड कोविड सेंटर्स के दौरे कर वहां की व्यवस्थाएं दुरस्त करवाने के निर्देश दिए. इसके लिए सभी सदस्य और बाल कल्याण समिति सदस्यों की ओर से कोविड सेंटर्स का दौरा किया जाएगा.

बैठक में बाल श्रम से मुक्त करवाए गए अन्य राज्यों से आए बच्चों के पुनर्वास को लेकर चर्चा की गई. बेनीवाल ने कहा कि इन बच्चों को लेकर आयोग गंभीर है और आने वाले समय में अन्य राज्यों के बाल आयोगों के साथ एक वेबिनार के माध्यम से विस्तृत चर्चा की जाएगी. जिससे कि बच्चे अपने घरों-परिवार के साथ एक सुरक्षित जीवन जी सकें.

पढ़ें- कैसे आया पानी की डिग्गी में दवाइयों का पैकेट, Social Media पर Viral हो रहा Video

12 जून बालश्रम निषेध दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गई. संगीता बेनीवाल ने इस दिन के महत्व पर कहा कि प्रदेश में एक भी बाल मजदूर न रहे, इसके लिए हमें वृहद स्तर पर प्रयास करने होंगे. बैठक में आयोग के सदस्य नुसरत नकवी, वंदना व्यास, विजेन्द्र सिंह, शैलेन्द्र पांड्या, शिव भगवान नागा, प्रहलाद सहाय रोज सहित आयोग के अधिकारीगण उपस्थित रहे.

जयपुर. कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को दिशा-निर्देश जारी किया है. साथ ही इन बच्चों को राज्य सरकार की योजनाओं से जोड़ने के लिए अध्यक्ष संगीत बेनीवाल की अध्यक्षता में फुल कमिशन की वर्चुअल बैठक आयोजित हुई.

बैठक में संगीता बेनीवाल ने प्रदेश में कोविड-19 महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों के पुनर्वास को लेकर चर्चा की. बेनीवाल ने कहा कि अब तक जितने भी बच्चे अनाथ हुए हैं, उन बच्चों को ज्यादा से ज्यादा सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाना सुनिश्चित किया जाए.

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इस दौरान उन्होंने चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर्स को लेकर भी चर्चा की गई. साथ ही चाइल्ड कोविड सेंटर्स के दौरे कर वहां की व्यवस्थाएं दुरस्त करवाने के निर्देश दिए. इसके लिए सभी सदस्य और बाल कल्याण समिति सदस्यों की ओर से कोविड सेंटर्स का दौरा किया जाएगा.

बैठक में बाल श्रम से मुक्त करवाए गए अन्य राज्यों से आए बच्चों के पुनर्वास को लेकर चर्चा की गई. बेनीवाल ने कहा कि इन बच्चों को लेकर आयोग गंभीर है और आने वाले समय में अन्य राज्यों के बाल आयोगों के साथ एक वेबिनार के माध्यम से विस्तृत चर्चा की जाएगी. जिससे कि बच्चे अपने घरों-परिवार के साथ एक सुरक्षित जीवन जी सकें.

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12 जून बालश्रम निषेध दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गई. संगीता बेनीवाल ने इस दिन के महत्व पर कहा कि प्रदेश में एक भी बाल मजदूर न रहे, इसके लिए हमें वृहद स्तर पर प्रयास करने होंगे. बैठक में आयोग के सदस्य नुसरत नकवी, वंदना व्यास, विजेन्द्र सिंह, शैलेन्द्र पांड्या, शिव भगवान नागा, प्रहलाद सहाय रोज सहित आयोग के अधिकारीगण उपस्थित रहे.

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