कोटा. जिले में नवजात शिशु की मौत के मामले में भले ही एक ओर राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अपनी ही सरकार से जिम्मेदारी तय करने की बात कह रहे हो. लेकिन वहीं दूसरी ओर सचिन पायलट इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को किसी तरीके का वॉक ओवर देने के मूड में नहीं दिख रहे हैं.
यही कारण है कि सतीश पूनिया ने सरकार के मंत्रियों की रस्साकशी में जब पायलट को घेरा तो पायलट ने भी पूनिया को आईना दिखाते हुए बीजेपी की फूट को दूर करने की नसीहत दी. पायलट ने कहा कि पूनिया को पहले अपना घर देखना चाहिए.
दरअसल उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कोटा का दौरा किया तो उसके बाद भाजपा ने अपने हमलों की जद में पायलट को भी ले लिया. जिसके तहत पूनिया ने कहा कि मंत्रियों में हो रही बयानबाजी ने सरकार की गुड गवर्नेंस की पोल खोल कर रख दी है, इतना ही नहीं पूनिया ने यह भी कहा कि पायलट मुख्यमंत्री पद की अभिलाषा के साथ ही आए थे और यह आपसी झगड़ा सरकार के नेताओं का है, जिसमें नुकसान प्रदेश की जनता का हो रहा है.
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लेकिन पायलट पर जुबानी हमले के बाद यह संभावना कम ही थी कि इस मामले में पायलट की ओर से पूनिया को वॉक ओवर मिल जाए. लिहाजा पायलट ने पूनिया के शब्द बाण उनकी तरफ ही लौटा दिया. डिप्टी सीएम पायलट ने कहा कि उन पर टिप्पणी करने वाले नेताओं को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए, उनकी पार्टी में क्या हालात बने हुए हैं.
पायलट ने कहा कि जो पार्टी खुद कई हिस्सों में बटी हुई हो वह कांग्रेस पर सवाल नहीं उठाए. साथ ही पायलट ने कहा कि भाजपा को उनका पद उन्हें जनता के प्रति जवाबदेह बनाता है. लेकिन भाजपा तो विपक्ष की भूमिका नहीं निभा कर जनादेश का भी अपमान कर रही है. बीजेपी की आपसी फूट को उजागर करते हुए पायलट ने कहा कि सरकार से जाने के बाद अब भाजपा का रवैया उसकी कार्यशैली को एक्सपोज कर रहा है.
उन्होंने कहा कि भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे प्रदेश में आ रही है या केंद्रीय मंत्रियों के कार्यक्रम में शामिल हो रही है या नहीं हो रही है इससे जनता का कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि टुकड़ों में बटी बीजेपी खुद अपने खेमे बाजी में अटकी पड़ी है और इस कारण वो विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पा रही है. उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष हैं और पहले भी जनता के हित की बात उठाते रहे हैं और आगे भी उन्हें जब ऐसी बात लगेगी तो वह उस बात को उठाएंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है.