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कोरोना काल में मनरेगा श्रमिकों को मिले न्यूनतम 200 दिन का रोजगार, पायलट ने लिखा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर को पत्र

राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कोरोना काल में मनरेगा श्रमिकों को न्यूनतम 200 दिन के रोजगार देने की मांग केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर से की है. पायलट ने इस संबंध में केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखा है.

मनरेगा श्रमिक न्यूज, COVID-19,  Lockdown
पायलट में लिखा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर को पत्र
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Published : Apr 26, 2020, 8:59 PM IST

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के संकट के बीच उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री नरेंद्र तोमर को पत्र लिखकर मौजूदा विषम परिस्थितियों में मनरेगा श्रमिकों को राहत प्रदान करने की मांग की है. पायलट ने लॉकडाउन के अवधि के दौरान अधिकतम 100 दिवस की सीमा तक मनरेगा मजदूरों को पूरी मजदूरी का भुगतान करने के साथ ही 100 दिवस का रोजगार बढ़ाकर प्रति परिवार 200 दिन का रोजगार किए जाने की भी मांग की है.

पायलट ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रदेश के 1 करोड़ 13 लाख मनरेगा श्रमिकों को संकट के इस काल में राहत दिया जाना बेहद जरूरी है. पायलट ने बताया कि मनरेगा ग्रामीण श्रमिकों की जीवन रेखा है और लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूर लघु सीमांत किसान कृषि श्रमिक और निर्माण श्रमिक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. इसलिए वर्ष 2020-21 में प्रभावित लोगों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए मनरेगा में निर्धारित 100 दिवस के रोजगार को बढ़ाकर प्रति परिवार 200 दिन का किया जाना चाहिए.

पढ़ें- कोटा में फंसे कोचिंग छात्रों का दर्द, कहा- घर बुला लो सरकार...अब तो अनुमति भी मिल गई, हम इतना किराए देकर कैसे आ पाएगें

उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि लॉकडाउन के चलते मनरेगा के क्रियान्वयन की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में योजना के तहत पर्याप्त राशि उपलब्ध होना अति आवश्यक है. इसलिए प्रदेश की सामग्री मद की बकाया राशि 310 करोड़ जारी करने के साथ ही अतिरिक्त राशि भी तत्काल उपलब्ध कराई जाए. जिससे बफर उपलब्ध रहने से योजना के क्रियान्वयन प्रभावित ना हो.

वहीं, पायलट ने कहा कि लॉकडाउन के कारण देशभर में लाखों प्रवासी मजदूर, मजदूरी आजीविका और भोजन के अभाव में अपने-अपने निवास की ओर लौट रहे हैं. ऐसे संकट काल में ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से पिछड़े और प्रभावित लोगों को आर्थिक संबल प्रदान करने का सर्वोत्तम उपाय मनरेगा योजना ही है.

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के संकट के बीच उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री नरेंद्र तोमर को पत्र लिखकर मौजूदा विषम परिस्थितियों में मनरेगा श्रमिकों को राहत प्रदान करने की मांग की है. पायलट ने लॉकडाउन के अवधि के दौरान अधिकतम 100 दिवस की सीमा तक मनरेगा मजदूरों को पूरी मजदूरी का भुगतान करने के साथ ही 100 दिवस का रोजगार बढ़ाकर प्रति परिवार 200 दिन का रोजगार किए जाने की भी मांग की है.

पायलट ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रदेश के 1 करोड़ 13 लाख मनरेगा श्रमिकों को संकट के इस काल में राहत दिया जाना बेहद जरूरी है. पायलट ने बताया कि मनरेगा ग्रामीण श्रमिकों की जीवन रेखा है और लॉकडाउन के कारण दिहाड़ी मजदूर लघु सीमांत किसान कृषि श्रमिक और निर्माण श्रमिक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. इसलिए वर्ष 2020-21 में प्रभावित लोगों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए मनरेगा में निर्धारित 100 दिवस के रोजगार को बढ़ाकर प्रति परिवार 200 दिन का किया जाना चाहिए.

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उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि लॉकडाउन के चलते मनरेगा के क्रियान्वयन की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में योजना के तहत पर्याप्त राशि उपलब्ध होना अति आवश्यक है. इसलिए प्रदेश की सामग्री मद की बकाया राशि 310 करोड़ जारी करने के साथ ही अतिरिक्त राशि भी तत्काल उपलब्ध कराई जाए. जिससे बफर उपलब्ध रहने से योजना के क्रियान्वयन प्रभावित ना हो.

वहीं, पायलट ने कहा कि लॉकडाउन के कारण देशभर में लाखों प्रवासी मजदूर, मजदूरी आजीविका और भोजन के अभाव में अपने-अपने निवास की ओर लौट रहे हैं. ऐसे संकट काल में ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से पिछड़े और प्रभावित लोगों को आर्थिक संबल प्रदान करने का सर्वोत्तम उपाय मनरेगा योजना ही है.

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