ETV Bharat / city

इस बार बिहार में नहीं चलेगी 'नीतीश नीति'...कांग्रेस-RJD गठबंधन बनाएगी सरकार : पायलट

सचिन पायलट इस हफ्ते बिहार में चुनाव प्रचारक के तौर पर नजर आएंगे. पायलट ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नीतीश कुमार की जोड़-तोड़ करके सरकार बनाने की नीति सबके सामने आ चुकी है. पायलट ने दावा किया कि इस बार कांग्रेस और RJD का महागठबंधन निश्चित तौर पर सरकार बनाएगी.

author img

By

Published : Oct 20, 2020, 2:58 PM IST

Sachin pilot Bihar visit, राजस्थान न्यूज
सचिन पायलट जाएंगे बिहार

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट बिहार और मध्य प्रदेश चुनाव के स्टार प्रचारक बनाए गए हैं. वह इसी हफ्ते पहले मध्य प्रदेश में प्रचार करने जाएंगे, उसके बाद उनका बिहार दौरा प्रस्तावित है.

सचिन पायलट जाएंगे बिहार

सचिन पायलट ने बिहार चुनाव को लेकर कहा कि कोरोना काल में जिस तरीके से नीतीश कुमार ने अपने श्रमिकों को सहारा नहीं दिया और कोटा से स्टूडेंट्स को भी ले जाने से मना कर दिया था, इससे वह पूरी तरीके से एक्सपोज हो गए हैं. नीतिश कभी लालू प्रसाद यादव के साथ, कभी भाजपा के साथ तो कभी लोक जनशक्ति पार्टी के साथ रहे, लेकिन अब लोक जनशक्ति को भी छोड़ दिया. ऐसे में जोड़-तोड़ करने की उनकी परिपाटी बन चुकी है. भाजपा और नीतीश कुमार के पार्टी कुछ भी कहे, लेकिन कांग्रेस का महागठबंधन जिसमें कांग्रेस और आरजेडी शामिल है, वही सरकार बनाएंगे.

बिहार में 3 चरणों में होंगे चुनाव...

बता दें कि बिहार में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं. पहले चरण के लिए वोटिंग 28 अक्टूबर. दूसरे चरण के लिए वोटिंग तीन नवम्बर. तीसरे एवं आखिरी चरण के लिए वोटिंग सात नवंबर को होनी है. 10 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे.

राघोपुर में चिराग ने उतारा उम्मीदवार...

सवाल उठने के पीछे सबसे बड़ा कारण है चिराग पासवान का राघोपुर अपना उम्मीदवार उतारना. दरअसल, राघोपुर से तेजस्वी यादव चुनाव लड़ रहे हैं. यहां बीजेपी ने सतीश कुमार को चुनावी मैदान में उतारा है. सतीश कुमार 2010 में राबड़ी देवी को हराकर विधानसभा पहुंचे थे, हालांकि 2015 में वे चुनाव हार गए थे. चिराग पासवान ने बीजेपी के उच्च जाति का वोट काटने के उद्देश्य से राजपूत उम्मीदवार को सीट पर उतारा है. माना जा रहा है कि इससे तेजस्वी यादव को मदद मिलेगी.

आगे की राह आसान कर रहे तेजस्वी...

सियासी पंडितों का कहना है सियासत संभावनाओं का खेल है और इसमें कोई भी स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता. हाल में ही चिराग ने तेजस्वी को अपना छोटा भाई बताया था. ऐसे में माना जा रहा है कि चिराग पासवान भी एक स्पेस रखकर ही सियासी कदम आगे बढ़ा रहे हैं. यही कारण है कि तेजस्वी यादव का सोमवार को जो बयान आया है, वह नई सियासी संभावानाओं को देखते हुए दिया गया है.

यह भी पढ़ें. पूर्व पार्षदों के टिकट कटने पर बोले राजेंद्र राठौड़- भाजपा में टिकट कटना और मिलना बड़ी बात नहीं

इस बार बिहार विधानसभा चुनाव कई मायनों में खास है. पहला जहां संक्रमण काल में पहली बार देश में आम चुनाव हो रहे हैं. जबकि, दूसरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार अपने चौथे कार्यकाल के लिए जनता के बीच हैं. इन सब के बीच जहां एनडीए स्किल डेवलपमेंट के जरिए आत्मनिर्भर बिहार का नारा दे रही है. वहीं, महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव पहली कैबिनेट में ही 10 लाख स्थायी नौकरी का वादा कर रहे हैं.

दोनों के चुनावी वादों से साफ है कि दोनों पार्टियों की नजर बेरोजगार युवाओं को आकर्षित करने की है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बिहार के युवा इस बार आत्मनिर्भर बिहार के साथ चलने को तैयार होगें या फिर तेजस्वी के 10 लाख नौकरी के वादे पर ऐतबार करेंगे.

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट बिहार और मध्य प्रदेश चुनाव के स्टार प्रचारक बनाए गए हैं. वह इसी हफ्ते पहले मध्य प्रदेश में प्रचार करने जाएंगे, उसके बाद उनका बिहार दौरा प्रस्तावित है.

सचिन पायलट जाएंगे बिहार

सचिन पायलट ने बिहार चुनाव को लेकर कहा कि कोरोना काल में जिस तरीके से नीतीश कुमार ने अपने श्रमिकों को सहारा नहीं दिया और कोटा से स्टूडेंट्स को भी ले जाने से मना कर दिया था, इससे वह पूरी तरीके से एक्सपोज हो गए हैं. नीतिश कभी लालू प्रसाद यादव के साथ, कभी भाजपा के साथ तो कभी लोक जनशक्ति पार्टी के साथ रहे, लेकिन अब लोक जनशक्ति को भी छोड़ दिया. ऐसे में जोड़-तोड़ करने की उनकी परिपाटी बन चुकी है. भाजपा और नीतीश कुमार के पार्टी कुछ भी कहे, लेकिन कांग्रेस का महागठबंधन जिसमें कांग्रेस और आरजेडी शामिल है, वही सरकार बनाएंगे.

बिहार में 3 चरणों में होंगे चुनाव...

बता दें कि बिहार में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं. पहले चरण के लिए वोटिंग 28 अक्टूबर. दूसरे चरण के लिए वोटिंग तीन नवम्बर. तीसरे एवं आखिरी चरण के लिए वोटिंग सात नवंबर को होनी है. 10 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे.

राघोपुर में चिराग ने उतारा उम्मीदवार...

सवाल उठने के पीछे सबसे बड़ा कारण है चिराग पासवान का राघोपुर अपना उम्मीदवार उतारना. दरअसल, राघोपुर से तेजस्वी यादव चुनाव लड़ रहे हैं. यहां बीजेपी ने सतीश कुमार को चुनावी मैदान में उतारा है. सतीश कुमार 2010 में राबड़ी देवी को हराकर विधानसभा पहुंचे थे, हालांकि 2015 में वे चुनाव हार गए थे. चिराग पासवान ने बीजेपी के उच्च जाति का वोट काटने के उद्देश्य से राजपूत उम्मीदवार को सीट पर उतारा है. माना जा रहा है कि इससे तेजस्वी यादव को मदद मिलेगी.

आगे की राह आसान कर रहे तेजस्वी...

सियासी पंडितों का कहना है सियासत संभावनाओं का खेल है और इसमें कोई भी स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता. हाल में ही चिराग ने तेजस्वी को अपना छोटा भाई बताया था. ऐसे में माना जा रहा है कि चिराग पासवान भी एक स्पेस रखकर ही सियासी कदम आगे बढ़ा रहे हैं. यही कारण है कि तेजस्वी यादव का सोमवार को जो बयान आया है, वह नई सियासी संभावानाओं को देखते हुए दिया गया है.

यह भी पढ़ें. पूर्व पार्षदों के टिकट कटने पर बोले राजेंद्र राठौड़- भाजपा में टिकट कटना और मिलना बड़ी बात नहीं

इस बार बिहार विधानसभा चुनाव कई मायनों में खास है. पहला जहां संक्रमण काल में पहली बार देश में आम चुनाव हो रहे हैं. जबकि, दूसरा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार अपने चौथे कार्यकाल के लिए जनता के बीच हैं. इन सब के बीच जहां एनडीए स्किल डेवलपमेंट के जरिए आत्मनिर्भर बिहार का नारा दे रही है. वहीं, महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव पहली कैबिनेट में ही 10 लाख स्थायी नौकरी का वादा कर रहे हैं.

दोनों के चुनावी वादों से साफ है कि दोनों पार्टियों की नजर बेरोजगार युवाओं को आकर्षित करने की है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि बिहार के युवा इस बार आत्मनिर्भर बिहार के साथ चलने को तैयार होगें या फिर तेजस्वी के 10 लाख नौकरी के वादे पर ऐतबार करेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.