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सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद बोले पायलट- पार्टी के लिए कड़ी मेहनत करने वालों को प्रतिष्ठित पद के साथ सम्मान मिलना चाहिए - pilot

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने आज सोनिया गांधी से मुलाकात की. मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने सोनिया गांधी के साथ अपने विचार साझा किए हैं. यह अच्छा है कि वह सभी से फीडबैक ले रही हैं. यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि राजस्थान में कांग्रेस फिर से सत्ता में आए.

Sachin pilot, Rajasthan congress
सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद बोले पायलट
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Published : Nov 12, 2021, 12:11 PM IST

Updated : Nov 12, 2021, 7:03 PM IST

नई दिल्ली/जयपुर. राजस्थान में जारी सियासी सरगर्मियों के बीच कांग्रेस कुछ बड़े बदलावों पर विचार कर रही है. इसे लेकर जल्द ही पार्टी आलाकमान की ओर से एलान होने की संभावना है. बताया जा रहा है कि इस सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को दिल्ली बुलाया है.

पढ़ें- राजस्थान में कैबिनेट विस्तार की चर्चा ने पकड़ा जोर, सोनिया गांधी से मिले सीएम गहलोत

कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी से मिलने के लिए सचिन पायलट 10 जनपथ पहुंचे. सचिन पायलट ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने सोनिया गांधी के साथ अपने विचार साझा किए हैं. यह अच्छा है कि वह सभी से फीडबैक ले रही हैं. यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि राजस्थान में कांग्रेस फिर से सत्ता में आए.

सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद बोले पायलट

प्रतिष्ठित पद के साथ पार्टी में सम्मान मिलना चाहिए

पायलट ने कहा कि मेरा मानना है कि पार्टी के जिन सदस्यों ने भाजपा शासन के दौरान संघर्ष किया है, विरोध प्रदर्शन करके, यहां तक कि सड़कों पर पीटे गए हैं, उन्हें पार्टी के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए एक प्रतिष्ठित पद के साथ पार्टी में सम्मान मिलना चाहिए.

कैबिनेट विस्तार क्षेत्र और जाति को संतुलन में रखकर करने की मांग

जिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 5 साल BJP शासन में धरने दिए, पदयात्राएं की, भूख हड़ताल की, लाठियां खाईं जेलों में गए और अपना व्यक्तित्व नुकसान कराया, मुझे लगता है उन सभी को सही पहचान और मान-सम्मान देकर अगर हम आगे रखकर काम करेंगे तो अच्छे परिणाम आ सकते हैं. वहीं पायलट ने कहा कि कैबिनेट विस्तार में जाति और क्षेत्र के प्रतिनिधित्व का संतुलन रखकर किया जाना चाहिए. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि राजस्थान मंत्रिमंडल में कोई दलित मंत्री नहीं है.

पढ़ें. उपचुनाव की हार के बाद भी BJP से जुड़े कांग्रेस-बसपा के ये नेता...इनकी हुई घर वापसी

कांग्रेस का फिर से आना अनिवार्य है

पायलट ने कहा कि राजस्थान में 2023 में चुनाव है और आम चुनाव 2024 में है तो राज्य में कांग्रेस का फिर से आना अनिवार्य है. केंद्र सरकार ने ठान लिया है कि जनता उनकी जेब में है और वोट उनके पास है. देश में BJP के खिलाफ माहौल है और मुझे लगता है कांग्रेस ही अब विकल्प है.

तीन साल से नहीं हुआ गहलोत मंत्रिमंडल में बदलाव

माना जा रहा है कि जल्द ही राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल पर भी निर्णय लिया जाएगा. इसी साल 17 दिसंबर को गहलोत सरकार के तीन साल पूरे हो रहे हैं. इन तीन वर्षों में पार्टी की खींचतान के कारण कोई फेरबदल नहीं हो पाया है. इससे विधायकों का एक गुट नाराज भी रहा है. ऐसे में कांग्रेस इस अंतर्कलह को खत्म करने के लिए पायलट समर्थित विधायकों को कैबिनेट में जगह देना चाहेगी.

नई दिल्ली/जयपुर. राजस्थान में जारी सियासी सरगर्मियों के बीच कांग्रेस कुछ बड़े बदलावों पर विचार कर रही है. इसे लेकर जल्द ही पार्टी आलाकमान की ओर से एलान होने की संभावना है. बताया जा रहा है कि इस सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को दिल्ली बुलाया है.

पढ़ें- राजस्थान में कैबिनेट विस्तार की चर्चा ने पकड़ा जोर, सोनिया गांधी से मिले सीएम गहलोत

कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी से मिलने के लिए सचिन पायलट 10 जनपथ पहुंचे. सचिन पायलट ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने सोनिया गांधी के साथ अपने विचार साझा किए हैं. यह अच्छा है कि वह सभी से फीडबैक ले रही हैं. यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि राजस्थान में कांग्रेस फिर से सत्ता में आए.

सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद बोले पायलट

प्रतिष्ठित पद के साथ पार्टी में सम्मान मिलना चाहिए

पायलट ने कहा कि मेरा मानना है कि पार्टी के जिन सदस्यों ने भाजपा शासन के दौरान संघर्ष किया है, विरोध प्रदर्शन करके, यहां तक कि सड़कों पर पीटे गए हैं, उन्हें पार्टी के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए एक प्रतिष्ठित पद के साथ पार्टी में सम्मान मिलना चाहिए.

कैबिनेट विस्तार क्षेत्र और जाति को संतुलन में रखकर करने की मांग

जिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 5 साल BJP शासन में धरने दिए, पदयात्राएं की, भूख हड़ताल की, लाठियां खाईं जेलों में गए और अपना व्यक्तित्व नुकसान कराया, मुझे लगता है उन सभी को सही पहचान और मान-सम्मान देकर अगर हम आगे रखकर काम करेंगे तो अच्छे परिणाम आ सकते हैं. वहीं पायलट ने कहा कि कैबिनेट विस्तार में जाति और क्षेत्र के प्रतिनिधित्व का संतुलन रखकर किया जाना चाहिए. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि राजस्थान मंत्रिमंडल में कोई दलित मंत्री नहीं है.

पढ़ें. उपचुनाव की हार के बाद भी BJP से जुड़े कांग्रेस-बसपा के ये नेता...इनकी हुई घर वापसी

कांग्रेस का फिर से आना अनिवार्य है

पायलट ने कहा कि राजस्थान में 2023 में चुनाव है और आम चुनाव 2024 में है तो राज्य में कांग्रेस का फिर से आना अनिवार्य है. केंद्र सरकार ने ठान लिया है कि जनता उनकी जेब में है और वोट उनके पास है. देश में BJP के खिलाफ माहौल है और मुझे लगता है कांग्रेस ही अब विकल्प है.

तीन साल से नहीं हुआ गहलोत मंत्रिमंडल में बदलाव

माना जा रहा है कि जल्द ही राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल पर भी निर्णय लिया जाएगा. इसी साल 17 दिसंबर को गहलोत सरकार के तीन साल पूरे हो रहे हैं. इन तीन वर्षों में पार्टी की खींचतान के कारण कोई फेरबदल नहीं हो पाया है. इससे विधायकों का एक गुट नाराज भी रहा है. ऐसे में कांग्रेस इस अंतर्कलह को खत्म करने के लिए पायलट समर्थित विधायकों को कैबिनेट में जगह देना चाहेगी.

Last Updated : Nov 12, 2021, 7:03 PM IST
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