जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के पीसीसी से निकलने से कुछ मिनट पहले ही महिला पैराटीचर्स ने हंगामा (Ruckus Outside PCC Office in Jaipur) किया. यह महिलाएं सीएम गहलोत की गाड़ी रुकवाकर पैराटीचर्स की मांग उन तक पहुंचाना चाहती थी. उससे पहले ही महिलाओं को पकड़ कर पुलिस दूर ले गई.
दरअसल, लंबे समय से मदरसा पैराटीचर्स, राजीव गांधी पैराटीचर्स और शिक्षाकर्मी खुद को नियमित करने की मांग (Parateachers demand for regularization) को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. संयुक्त मोर्चा के बैनर तले 15 अक्टूबर से शहीद स्मारक पर आंदोलन कर रहे हैं और दांडी यात्रा संयोजक शमशेर भालू खान आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. इनकी सरकार से भी कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन अब तक हुई सभी वार्ता पूरी तरह से विफल रही है.
रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रेस कॉन्फ्रेंस (PC of CM Ashok Gehlot) को संबोधित करने के लिए प्रदेश कांग्रेस कार्यालय गए थे. इस बीच कुछ महिला मदरसा पैराटीचर्स और अन्य लोग पीसीसी कार्यालय के बाद पहुंच गए और वहां सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी है. एकदम से इस तरह का हंगामा होते देख पुलिस के भी हाथ-पांव फूल गए.
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महिला पैराटीचर्स अपनी मांग (Demand of Female Parateachers) सीएम तक पहुंचाना चाहती थी. हंगामा बढ़ते देख महिला पुलिसकर्मी महिलाओं को पीसीसी कार्यालय (PCC Office) से हटाकर दूसरी तरफ ले गई. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पीसीसी से निकलने से कुछ मिनट पहले ही यह हंगामा हुआ था. इनमें महिला पैराटीचर के साथ शमशेर भालू खान की पत्नी भी शामिल थी.
शमशेर भालू खान की पत्नी ने कहा कि पिछले कई दिनों से उनका पति आमरण अनशन पर बैठा है, लेकिन सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही. उन्होंने कहा कि घर पर मेरी बच्चियां अकेली हैं, उन्हें छोड़कर मैं मजबूरी में यहां आई हूं. सरकार के पास पैराटीचर्स की मांग सुनने के लिए समय नहीं है. महिला पैराटीचर्स ने पीसीसी के बाहर गहलोत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.